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क्या हिन्दुत्व कार्ड के बल पर PM मोदी के खिलाफ लड़ेंगीं प्रियंका गांधी ?

प्रियंका गांधी की प्रयागराज से वाराणसी तक की गई गंगा यात्रा के बाद यह सवाल उठने लगे है कि क्या प्रियंका गांधी पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं, क्योंकि उन्होंने इसका हिंट रायबरेली में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिया था.

सभा को संबोधित करती प्रियंका गांधी
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Published : Mar 29, 2019, 10:31 PM IST

वाराणसी: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी जिस तरह से लोकसभा चुनाव को लेकरप्रदेश मेंप्रचार करपसीना बहा रही हैं, उससे यही उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार लोकसभा चुनाव मेंकांग्रेसकुछ अलग कर दिखाएगी. यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि प्रियंका गांधी वाराणसी लोकसभा सीट से ताल ठोक सकती हैं. इसका हिंट भी उन्होंने रायबरेली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं कोदिया है.

प्रियंका गांधी ने बीते दिनों पूर्वांचल दौरे पर प्रयागराज से वाराणसी तक गंगा यात्रा कर मां विंध्यवासिनी देवीके साथ बाबा विश्वनाथ के दरबार मेंमाथा टेका था. उसके बाद से प्रियंकाहिंदुत्व कार्ड के बल परपूर्वांचल पर अपनी पकड़ मजबूत करने में जुट गई हैं.2014 लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस नेजिस तरीके से हिंदुत्व कार्ड खेलकर हिंदू वोट बैंक को अपनी तरफ खींचने का प्रयास किया है.उसकी बानगीराहुल गांधी कीमंदिर यात्राओं के दौरान भी दिखी है.

जानकारी देते संवाददाता

कुछ इसी तरह प्रियंका गांधी ने जब अपनी गंगा यात्रा के बाद वाराणसी में बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद माथे पर चंदन का टीका और गले में रुद्राक्ष की माला पहनकर खामोश रहते हुए हिंदुत्व का कार्ड खेलने का प्रयास किया, उसके बाद यहसवाल उठने लगा है किक्याप्रियंका वाराणसी से पीएम मोदी को हिन्दुत्वकार्ड के बलचुनौती देने की तैयारी कर रही हैं, क्योंकि खुद रायबरेली में प्रियंका ने कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान यह हिंट दिया है कि वह वाराणसीसे चुनाव लड़ सकती है.

वाराणसी यात्रा के दौरानप्रियंका गांधी ने हिंदू मतदाताओंको अपनी तरफ आकर्षित करने का भी प्रयास किया था.वाराणसी में मुस्लिम मतदाताओंकी संख्या लगभग तीन लाख है, लेकिन वहीं यदि हिंदू मतदाताओंकी बात की जाए तो सिर्फ ब्राह्मणों मतदाताओं की संख्या ढाई लाख, वैश्य मतदाताओं की संख्यालगभग तीन लाख पच्चीस हजार और राजपूत मतदाता90 हजारहैं. प्रियंका गांधी हिंदू मतदाताओंको लुभाकर अपनी हिंदुत्ववादी छवि के बल पर वाराणसीसे दिल्ली का सफर करने की तैयारी करके बनारस पहुंची थी और अब यहांसे चुनाव लड़ने की तैयारी कर उन्होंने एक बार फिर से हिंदुत्वकार्ड के बल पर 2019 चुनाव में पीएम मोदी को मात देने की कोशिश शुरू कर दी है.

वाराणसी: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी जिस तरह से लोकसभा चुनाव को लेकरप्रदेश मेंप्रचार करपसीना बहा रही हैं, उससे यही उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार लोकसभा चुनाव मेंकांग्रेसकुछ अलग कर दिखाएगी. यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि प्रियंका गांधी वाराणसी लोकसभा सीट से ताल ठोक सकती हैं. इसका हिंट भी उन्होंने रायबरेली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं कोदिया है.

प्रियंका गांधी ने बीते दिनों पूर्वांचल दौरे पर प्रयागराज से वाराणसी तक गंगा यात्रा कर मां विंध्यवासिनी देवीके साथ बाबा विश्वनाथ के दरबार मेंमाथा टेका था. उसके बाद से प्रियंकाहिंदुत्व कार्ड के बल परपूर्वांचल पर अपनी पकड़ मजबूत करने में जुट गई हैं.2014 लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस नेजिस तरीके से हिंदुत्व कार्ड खेलकर हिंदू वोट बैंक को अपनी तरफ खींचने का प्रयास किया है.उसकी बानगीराहुल गांधी कीमंदिर यात्राओं के दौरान भी दिखी है.

जानकारी देते संवाददाता

कुछ इसी तरह प्रियंका गांधी ने जब अपनी गंगा यात्रा के बाद वाराणसी में बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद माथे पर चंदन का टीका और गले में रुद्राक्ष की माला पहनकर खामोश रहते हुए हिंदुत्व का कार्ड खेलने का प्रयास किया, उसके बाद यहसवाल उठने लगा है किक्याप्रियंका वाराणसी से पीएम मोदी को हिन्दुत्वकार्ड के बलचुनौती देने की तैयारी कर रही हैं, क्योंकि खुद रायबरेली में प्रियंका ने कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान यह हिंट दिया है कि वह वाराणसीसे चुनाव लड़ सकती है.

वाराणसी यात्रा के दौरानप्रियंका गांधी ने हिंदू मतदाताओंको अपनी तरफ आकर्षित करने का भी प्रयास किया था.वाराणसी में मुस्लिम मतदाताओंकी संख्या लगभग तीन लाख है, लेकिन वहीं यदि हिंदू मतदाताओंकी बात की जाए तो सिर्फ ब्राह्मणों मतदाताओं की संख्या ढाई लाख, वैश्य मतदाताओं की संख्यालगभग तीन लाख पच्चीस हजार और राजपूत मतदाता90 हजारहैं. प्रियंका गांधी हिंदू मतदाताओंको लुभाकर अपनी हिंदुत्ववादी छवि के बल पर वाराणसीसे दिल्ली का सफर करने की तैयारी करके बनारस पहुंची थी और अब यहांसे चुनाव लड़ने की तैयारी कर उन्होंने एक बार फिर से हिंदुत्वकार्ड के बल पर 2019 चुनाव में पीएम मोदी को मात देने की कोशिश शुरू कर दी है.

Intro:स्पेशल:

एंकर- वाराणसी: कांग्रेस की नई राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी जिस तरह से उत्तर प्रदेश के पसीना बहा रही हैं उसके बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि लंबे वक्त से उत्तर प्रदेश से गायब हो चुकी कांग्रेस लोकसभा चुनाव में कुछ तो अलग कर दिखाएंगे सबसे बड़ी बात यह है कि प्रियंका गांधी ने बीते दिनों जिस तरह से पूर्वांचल दौरे के दौरान प्रयागराज से वाराणसी तक गंगा यात्रा कर विंध्यवासिनी देवी मंदिर के साथ बाबा विश्वनाथ के दर पर माथा टेका उसके बाद प्रियंका ने उस हिंदुत्व चेहरे के बल पर बनारस और पूर्वांचल पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की जिसके लिए हमेशा से कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ती थी हमेशा से एक विशेष समुदाय का समर्थन करने का आरोप झेलने वाली कांग्रेस ने 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से जिस तरीके से हिंदुत्व का कार्ड खेलकर हिंदू वोट बैंक को अपनी तरफ खींचने का प्रयास किया है उसकी बागी राहुल गांधी कि मंदिर यात्राओं के दौरान भी दिखी है कुछ इसी तर्ज पर प्रियंका गांधी ने जब अपनी गंगा यात्रा के बाद वाराणसी में बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद माथे पर चंदन का टीका लगाकर गले में रुद्राक्ष की माला पहन कर खामोश रहते हुए जिस तरह से हिंदुत्व का कार्ड खेलने का प्रयास किया उसके बाद अब सवाल ये उतने लगा है कि क्या वाकई इस हिंदुत्व के कार्ड के बल पर प्रियंका वाराणसी से पीएम मोदी को चुनौती देने की तैयारी कर रही हैं क्योंकि खुद रायबरेली में प्रियंका ने कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान यह हिट दिया है कि प्रियंका गांधी बनारस से चुनाव लड़ सकती है.

ओपनिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र


Body:वीओ-01 दरअसल वाराणसी हमेशा से भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रहा है 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से बड़ी जीत हासिल की अपने प्रतिद्वंदी अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री मोदी ने 288784 वोटों से मात दी वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय तीसरे नंबर पर है और महज 75614 वोट ही पा सके जिसके बाद उनकी जमानत जप्त हो गई थी इसलिए इस बार कांग्रेस वाराणसी में अपनी फजीहत से बचने और प्रधानमंत्री मोदी को करारी टक्कर देने के लिए प्रियंका गांधी को उतारने की तैयारी कर रही है सबसे बड़ी बात यह है कि प्रियंका गांधी के बनारस से चुनाव लड़ने से पहले ही उनके एक हिंदुत्व के चेहरे को जिस तरह से बनारस में पेश करने की कोशिश की गई उसके बाद यह माना जा रहा है कि कांग्रेस भाजपा के हिंदूवादी इस किले में सेंध लगाने का प्रयास हिंदूवादी तरीके से करना चाह रही है यही वजह है कि साड़ी में नजर आई प्रियंका गांधी बाबा विश्वनाथ की विधिवत पूजा करने के बाद बकायदा गले में रुद्राक्ष की माला पहनकर और माथे पर चंदन त्रिकुण्ड और लाल टीका लगा कर मीडिया के सामने आई प्रियंका ने बनारस में खामोश रह कर उन लोगों को भी जवाब दिया जिन्होंने प्रियंका गांधी को ईसाई बताकर विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश न करने देने की अपील मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेटर भेज कर की थी. यानी कुल मिलाकर कहा जाए तो प्रियंका गांधी ने वाराणसी में अपनी हिंदुत्व की छवि को सामने रखकर यहां के वोटर्स को पूरी तरह से प्रभावित करने का प्रयास किया. प्रियंका गांधी ने वाराणसी में हिंदू वोटर्स को अपनी तरफ आकर्षित करने का प्रयास इसलिए भी किया क्योंकि वाराणसी में मुस्लिम वोटर्स की संख्या लगभग तीन लाख है, लेकिन वहीं यदि हिंदू वोटर्स की बात की जाए तो सिर्फ ब्राह्मणों की संख्या ढाई लाख, वैश्य लगभग तीन लाख पच्चीस हजार और राजपूत 90000 हैं, क्योंकि ब्राह्मण वोटर पहले कांग्रेस के साथ हुआ करते थे लेकिन कमलापति त्रिपाठी के जाने के बाद कांग्रेस अपने इस पुराने वोट बैंक को वापस पाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है कांग्रेस में ब्राह्मणों का बड़ा चेहरा सामने ना होने की वजह से ब्राह्मण वोट बैंक सीधे-सीधे बीजेपी के खाते में चला जाता है, जिसका सीधा लाभ भारतीय जनता पार्टी को मिल जाता है और कुछ ऐसा ही हाल राजपूत और वैश्य वोटर्स के साथ भी है कुल मिलाकर प्रियंका गांधी हिंदू वोटर्स को लुभा कर अपनी हिंदुत्ववादी छवि के बल पर बनारस से दिल्ली का सफर करने की तैयारी करके बनारस पहुंची थी और अब बनारस से चुनाव लड़ने की तैयारी कर उन्होंने एक बार फिर से हिंदुत्व कार्ड के बल पर 2019 चुनाव में पीएम मोदी को मात देने की कोशिश शुरू कर दी है.

बाईट- रोजाना शर्मा जिला अध्यक्ष, कांग्रेस, वाराणसी


Conclusion:वीओ-02 हालांकि बनारस के मिजाज के अगर बात की जाए तो यह कह पाना कठिन होगा कि यहां पर सिर्फ हिंदुत्व का चेहरा बंद कराने वालों को बनारस पसंद करता है या नहीं इसके पीछे बड़ी वजह यह भी है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब 2014 लोकसभा चुनाव से पहले और बाद में विश्वनाथ मंदिर पहुंचकर दर्शन पूजन किया था उसके बाद विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण का काम भी शुरू हो गया लगभग 600 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद विश्वनाथ मंदिर का दायरा अब विश्वनाथ धाम के रूप में बढ़ कर सामने आ रहा है जिसके बाद इसका विरोध भी हो रहा है लेकिन जो लोग उसके समर्थन में हैं वह मोदी को सच्चा हिंदू और बाबा भोलेनाथ का भक्त मान रहे लेकिन इन सबके बीच प्रियंका गांधी का हिंदुत्व का कार्ड बनारस में उनके लुक के बाद कितना काम आता है और बनारस से क्या सच में प्रियंका मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरती हैं या नहीं यह देखने वाली बात होगी लेकिन कल तक हर पार्टी के निशाने पर रहने वाले मुस्लिम मतदाताओं से इधर अप चुनाव में हिंदू वोटर्स की अहमियत भी शायद हर पार्टी को समझ में आने लगी और यह भी समझ में आने लगा है कि यदि चुनावी रण में जीत हासिल करनी है तो सिर्फ किसी एक जाति या धर्म के आधार पर नहीं बल्कि सभी को साथ लेकर चलने से ही अब काम होने वाला है.

क्लोजिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र

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