वाराणसी: अब लद्दाख के विद्यार्थी संस्कृत पढेंगे और वेद ऋचाओं का अध्ययन भी करेंगे. वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और भारतीय संस्कृति संबंध परिषद के सहयोग से लद्दाख में संस्कृत का नया अध्ययन केंद्र खोलने की तैयारी चल रही है. जहां पर पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा और शास्त्री के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे.
लद्दाख में संस्कृत अध्ययन का नया केंद्र खुलेगा. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरे राम त्रिपाठी ने बताया कि वर्षों पहले लद्दाख महाविद्यालय में संस्कृत विद्यालय की संबद्धता से शास्त्री व अन्य अलग-अलग पाठ्यक्रम का संचालन होता था. परंतु इसे विश्वविद्यालय की संज्ञा मिलने के बाद संबद्धता समाप्त हो गई, जिसके कारण अध्ययन केंद्र भी बंद हो गया. परंतु पुनः संस्कृत विश्वविद्यालय व भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सहयोग से लद्दाख के केंद्रीय बौद्ध विद्या संस्थान में संस्कृत विश्वविद्यालय का नया अध्ययन केंद्र बनेने की तैयारी चल रही है. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से नए अध्ययन केंद्र का प्रस्ताव शासन को भी भेज दिया गया है.
इन पाठ्यक्रमों की दी जाएगी शिक्षा
कुलपति प्रोफेसर त्रिपाठी ने बताया कि प्रस्ताव में हमने पाठ्यक्रम के बिंदु को भी शामिल किया है. जिसके तहत केंद्र में पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा शास्त्री समेत अन्य कक्षाएं संचालित होंगी और शासन की अनुमति के बाद पूर्व मध्यमा और उत्तर मध्यमा के कोर्स का भी संचालन शुरू कर दिया जाएगा, जो विद्यार्थियों के लिए बेहद लाभदायक होगा.
उन्होंने बताया कि केंद्र की शुरुआत होने के बाद भविष्य में विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स की भी शुरुआत की जाएगी जिससे विद्यार्थी उसका लाभ उठा सकें. उन्होंने बताया कि शासन से अनुमति मिलते ही अध्ययन केंद्र में पूर्व मध्यमा एवं उत्तर मध्यमा की कक्षाएं चलेंगी.
बता दें कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से पूरे देश में 1200 से ज्यादा संबंधित महाविद्यालय में हैं. जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, नेपाल पहले से शामिल है. अब इसमें लद्दाख का भी नाम जुड़ने वाला है.