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बनारस में संत रविदास से जुड़ी स्मृति साझा कर पीएम मोदी ने पंजाब के वोटरों पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के आगामी चुनाव को लेकर सोशल मीडिया के जरिए वोटर को रिझाने की कोशिश की है. पीएम मोदी ने वाराणसी दौरे पर संत रविदास के जन्म स्थान पर मत्था टेकने की बात को कहते हुए तस्वीरों को साझा किया है.

प्रधानमंत्री ने तस्वीर साझा की.
प्रधानमंत्री ने तस्वीर साझा की.
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Published : Feb 15, 2022, 9:27 PM IST

वाराणसी: 16 फरवरी बुधवार को माघी पूर्णिमा के मौके पर संत रविदास की जयंती पूरे विश्व में उनके अनुयाई धूमधाम के साथ मनाने वाले हैं. इसे लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. सबसे बड़ी तैयारी वाराणसी में श्री संत रविदास जन्म स्थली पर जारी है. सीर गोवर्धन स्थित रविदास जन्म स्थली पर एक तरफ जहां मिनी पंजाब का नजारा देखने को मिल रहा है. यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जमघट यहां पर इकट्ठा हो चुका है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दिल्ली में बैठकर पंजाब के आगामी चुनाव को लेकर सोशल मीडिया के जरिए वोटर को रिझाने की कोशिश की है. उन्होंने अलग-अलग ट्वीट के जरिए संत रविदास को नमन करते हुए 2016 व 2019 में वाराणसी दौरे पर संत रविदास के जन्म स्थान पर मत्था टेकने की बात को कहते हुए तस्वीरों को साझा किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट.

सबसे बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार वाराणसी नहीं आ पा रहे हैं, लेकिन उन्होंने पंजाब चुनाव से पहले वाराणसी और पंजाब से दूर रहकर भी पंजाब के बड़े दलित वोटरों को रिझाने की कोशिश की है. उन्होंने रविदास जयंती की पूर्व संध्या पर तीन अलग-अलग ट्वीट किए हैं. जिसमें उन्होंने वाराणसी में 2016 के दौरान रविदास जयंती के मौके पर और 2019 में संत रविदास जयंती के दौरान दर्शन पूजन की तस्वीरों को साझा किया है.

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प्रधानमंत्री ने तस्वीर साझा की.

अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा है कि 'इस अवसर पर मुझे संत रविदास जी की पवित्र स्थली को लेकर कुछ बातें याद आ रही हैं. साल 2016 और 2019 में मुझे यहां मत्‍था टेकने और लंगर छकने का सौभाग्य मिला था. एक सांसद होने के नाते मैंने ये तय कर लिया था कि इस तीर्थस्थल के विकास कार्यों में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. महान संत गुरु रविदास जी की कल जन्म-जयंती है. उन्होंने जिस प्रकार से अपना जीवन समाज से जात-पात और छुआछूत जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए समर्पित कर दिया, वो आज भी हम सबके लिए प्रेरणादायी है.'

दरअसल, सीर गोवर्धन अपने आप में काफी महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है. यह काशी की वह पवित्र भूमि हैं जहां पर संत रविदास ने जन्म लिया और अपनी कर्मभूमि के रूप में जन-जन तक पहुंचाया. इस पवित्र स्थान का विकास वैसे तो मायावती सरकार में शुरू हुआ. मायावती ने मुख्यमंत्री रहते हुए संत रविदास मंदिर से लेकर यहां लंगर स्थल और अन्य स्थानों का पूरा कायाकल्प करने का काम किया है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस से सांसद चुने जाने के बाद देश की कमान संभाली तो संत रविदास जन्म स्थली के कायाकल्प की रूपरेखा भी तैयार हुई. श्री गोवर्धन पर रविदास कॉरिडोर का प्लान भी आगे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करोड़ों की लागत से यहां पर सत्संग भवन की सौगात रैदासियों को दी है.

इसे भी पढ़ें-ashwani kumar resignation : 'कांग्रेस की अंतर्कलह के आरोप गलत नहीं, पंजाब में AAP को बढ़त'

वैसे तो यह संतों की भूमि है लेकिन इस स्थान का अपने आप में काफी बड़ा राजनीतिक कनेक्शन भी है. क्योंकि पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से संत रविदास जन्म उत्सव में भाग लेने के लिए करीब 10 से 15 लाख लोगों की भीड़ बनारस में पहुंचती है. 3 दिनों तक चलने वाले आयोजन में रैदासिया धर्म के प्रमुख संत निरंजन दास जी पहुंचते हैं. शायद यही वजह है कि यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रियंका गांधी आम आदमी पार्टी के प्रमुख दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूर्व मुख्यमंत्री मायावती समेत कई बड़े नेता अपनी हाजिरी लगाने यह जरूर पहुंचते हैं.

इस बार भी यहां होने वाले प्रमुख आयोजन में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी भी पहुंचने वाले हैं. बुधवार को यहां पर वीआइपीज का जमघट लगेगा. आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह के अलावा कई अन्य वीआईपी इसके यहां आने की तैयारी की जा रही है.

वाराणसी: 16 फरवरी बुधवार को माघी पूर्णिमा के मौके पर संत रविदास की जयंती पूरे विश्व में उनके अनुयाई धूमधाम के साथ मनाने वाले हैं. इसे लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. सबसे बड़ी तैयारी वाराणसी में श्री संत रविदास जन्म स्थली पर जारी है. सीर गोवर्धन स्थित रविदास जन्म स्थली पर एक तरफ जहां मिनी पंजाब का नजारा देखने को मिल रहा है. यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जमघट यहां पर इकट्ठा हो चुका है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दिल्ली में बैठकर पंजाब के आगामी चुनाव को लेकर सोशल मीडिया के जरिए वोटर को रिझाने की कोशिश की है. उन्होंने अलग-अलग ट्वीट के जरिए संत रविदास को नमन करते हुए 2016 व 2019 में वाराणसी दौरे पर संत रविदास के जन्म स्थान पर मत्था टेकने की बात को कहते हुए तस्वीरों को साझा किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट.

सबसे बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार वाराणसी नहीं आ पा रहे हैं, लेकिन उन्होंने पंजाब चुनाव से पहले वाराणसी और पंजाब से दूर रहकर भी पंजाब के बड़े दलित वोटरों को रिझाने की कोशिश की है. उन्होंने रविदास जयंती की पूर्व संध्या पर तीन अलग-अलग ट्वीट किए हैं. जिसमें उन्होंने वाराणसी में 2016 के दौरान रविदास जयंती के मौके पर और 2019 में संत रविदास जयंती के दौरान दर्शन पूजन की तस्वीरों को साझा किया है.

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प्रधानमंत्री ने तस्वीर साझा की.

अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा है कि 'इस अवसर पर मुझे संत रविदास जी की पवित्र स्थली को लेकर कुछ बातें याद आ रही हैं. साल 2016 और 2019 में मुझे यहां मत्‍था टेकने और लंगर छकने का सौभाग्य मिला था. एक सांसद होने के नाते मैंने ये तय कर लिया था कि इस तीर्थस्थल के विकास कार्यों में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. महान संत गुरु रविदास जी की कल जन्म-जयंती है. उन्होंने जिस प्रकार से अपना जीवन समाज से जात-पात और छुआछूत जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए समर्पित कर दिया, वो आज भी हम सबके लिए प्रेरणादायी है.'

दरअसल, सीर गोवर्धन अपने आप में काफी महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है. यह काशी की वह पवित्र भूमि हैं जहां पर संत रविदास ने जन्म लिया और अपनी कर्मभूमि के रूप में जन-जन तक पहुंचाया. इस पवित्र स्थान का विकास वैसे तो मायावती सरकार में शुरू हुआ. मायावती ने मुख्यमंत्री रहते हुए संत रविदास मंदिर से लेकर यहां लंगर स्थल और अन्य स्थानों का पूरा कायाकल्प करने का काम किया है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस से सांसद चुने जाने के बाद देश की कमान संभाली तो संत रविदास जन्म स्थली के कायाकल्प की रूपरेखा भी तैयार हुई. श्री गोवर्धन पर रविदास कॉरिडोर का प्लान भी आगे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करोड़ों की लागत से यहां पर सत्संग भवन की सौगात रैदासियों को दी है.

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वैसे तो यह संतों की भूमि है लेकिन इस स्थान का अपने आप में काफी बड़ा राजनीतिक कनेक्शन भी है. क्योंकि पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से संत रविदास जन्म उत्सव में भाग लेने के लिए करीब 10 से 15 लाख लोगों की भीड़ बनारस में पहुंचती है. 3 दिनों तक चलने वाले आयोजन में रैदासिया धर्म के प्रमुख संत निरंजन दास जी पहुंचते हैं. शायद यही वजह है कि यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रियंका गांधी आम आदमी पार्टी के प्रमुख दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूर्व मुख्यमंत्री मायावती समेत कई बड़े नेता अपनी हाजिरी लगाने यह जरूर पहुंचते हैं.

इस बार भी यहां होने वाले प्रमुख आयोजन में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी भी पहुंचने वाले हैं. बुधवार को यहां पर वीआइपीज का जमघट लगेगा. आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह के अलावा कई अन्य वीआईपी इसके यहां आने की तैयारी की जा रही है.

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