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साधना का केंद्र स्वर्वेद महामंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे पीएम मोदी

धर्म और आध्यात्म की नगरी काशी में उमरहां स्थित स्वर्वेद महामंदिर का निर्माण किया जा रहा है. मंदिर की विशेषता योग साधना का एक बड़ा केंद्र माना जा रहा है. इसमें करीब 20 हजार लोग एक साथ बैठकर साधना कर सकते हैं.

साधना का केंद्र स्वर्वेद महामंदिर
साधना का केंद्र स्वर्वेद महामंदिर
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Published : Dec 12, 2021, 4:28 PM IST

वाराणसीः काशी में बना स्वर्वेद मंदिर 180 फीट ऊंचा और सात फ्लोर का महामंदिर है. यहां के अनुयायी भारत के करीब सभी राज्यों एवं विदेशों में भी हैं. मंदिर में अनंत श्री सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज के शताब्दी समारोह में आयोजित 3 दिन से प्रोग्राम का आयोजन किया गया है. आयोजन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होने पहुंचेंगे. जहां 3 लाख अनुयायियों को संबोधन भी करेंगे.

वाराणसी के उमरहां स्थित स्वर्वेद महामंदिर के निर्माण का कार्य 2014 से शुरू हुआ जो अभी तक लगातार चलता आ रहा है. जो साधना का विशालतम केंद्र माना जा रहा है.

स्वर्वेद महामंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे पीएम मोदी
1. 3 लाख वर्गफुट दुर्लभ श्वेत मकराना संगमरमर

2. 3 लाख घनफुट नक्काशीदार गुलाबी सैंडस्टोन

3. 2,50,000 वर्गफुट कुल क्षेत्रफल

4. 80 वर्गफुट क्षेत्र पर निर्मित

5. 20 साधकों के एक साथ बैठने हेतु स्थान

6. 4,000 स्वर्वेद दोहे मकराना संगमरमर दीवारों पर उत्कीर्ण

7. 238 क्षमता के दो अत्याधुनिक सभागार

8. 180 फुट ऊंचाई वाला सात फ्लोर का महामंदिर

9. 135 फुट ऊंची सद्गुरु देव की सैंडस्टोन प्रतिमा

संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने बताया कि देश की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में 2014 में स्वर्वेद महामंदिर का निर्माण की नींव रखी गई. जो एक विहंगम आध्यात्मिक केंद्र बन रहा है. जहां एक साथ 20 हजार से ज्यादा लोग एक साथ बैठकर योग साधना का कार्य कर सकेंगे. स्वर्वेद के सभी दोहे, उपनिषदों के संदेश, गीता के श्लोक, रामचरित्र मानस के चौपाई के साथ पूरी भारतीयता को समेटे यह स्वर्वेद महामंदिर दिनों दिन सजता जा रहा है. इसी पावन कड़ी में 14 दिसम्बर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यहां आगमन होने जा रहा है.

आजादी का अमृत महोत्सव एवं विहंगम योग के प्रडेयता सभी के आराध्य अनन्त श्री सद्गुरु सदफ़लदेव जी महाराज जेल यात्रा का यह शताब्दी साल है. 100 साल पहले उन्होंने बिहार में पटना के पहले धानापुर में अंग्रेजों के खिलाफ जोरदार भाषण दिया था. प्रथम असहयोग आंदोलन के स्वत्रंतता सेनानी थे. दो साल की सजा हुई. उनके आध्यात्मिक प्रयोग से देश को आजाद करने में सहायता मिली. उनके पूण्य स्मृति में शताब्दी वर्ष, आजादी का अमृत महोत्सव, हमारे योग विहंगम का वार्षिक उत्सव के समस्त कार्यक्रम 13,14 एवं 15 दिसम्बर को आयोजन किये जा रहे हैं. जिसमें 14 तारीख दोपहर को प्रधानमंत्री का उद्बोधन होगा. हम लोग उसको सुनेंगे.

सन्त प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज ने स्वर्वेद महामंदिर के बारे में बताते हुए कहा कि इस महामंदिर की 80 फीट ऊंचाई है. 3 लाख वर्गफुट मकराना संगमरमर, 3 लाख घन फुट नक्काशीदार गुलाबी सैंडस्टोन लगाया जा रहा है. जो पत्थर भगवान श्री राम जन्मस्थली मन्दिर के निर्माण में लगाया जा रहा है. वो राजस्थान के भरतपुर स्थित बयाना गांव का है. वहीं पत्थर यहां लगाया जा रहा है. इस महामन्दिर में राजस्थान के अनेक स्थानों के पत्थर हैं. जालौर, मकराना, भरतपुर के पत्थर भारतीयता को समेटे हुए ये पत्थर हैं.

इसे भी पढ़ें- कलश में भरे गंगाजल को लेकर जब बाबा विश्वनाथ के दर पर पहुंचेंगे PM MODI, ऐतिहासिक होगा लम्हा, जानें सब कुछ...

इस मंदिर में 125 कमल पंखुड़ियों का शीर्ष भाग मंदिर में लगा हुआ है जो सुशोभित हो रहा है. जीआरसी तकनीक नवसारी गुजरात से बना हुआ है. मंदिर में जो लकड़ी का वर्क है, वो बलसरी सागौन गुजरात का है. यह शिल्प कला का अद्भुत नमूना है.

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वाराणसीः काशी में बना स्वर्वेद मंदिर 180 फीट ऊंचा और सात फ्लोर का महामंदिर है. यहां के अनुयायी भारत के करीब सभी राज्यों एवं विदेशों में भी हैं. मंदिर में अनंत श्री सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज के शताब्दी समारोह में आयोजित 3 दिन से प्रोग्राम का आयोजन किया गया है. आयोजन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होने पहुंचेंगे. जहां 3 लाख अनुयायियों को संबोधन भी करेंगे.

वाराणसी के उमरहां स्थित स्वर्वेद महामंदिर के निर्माण का कार्य 2014 से शुरू हुआ जो अभी तक लगातार चलता आ रहा है. जो साधना का विशालतम केंद्र माना जा रहा है.

स्वर्वेद महामंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे पीएम मोदी
1. 3 लाख वर्गफुट दुर्लभ श्वेत मकराना संगमरमर

2. 3 लाख घनफुट नक्काशीदार गुलाबी सैंडस्टोन

3. 2,50,000 वर्गफुट कुल क्षेत्रफल

4. 80 वर्गफुट क्षेत्र पर निर्मित

5. 20 साधकों के एक साथ बैठने हेतु स्थान

6. 4,000 स्वर्वेद दोहे मकराना संगमरमर दीवारों पर उत्कीर्ण

7. 238 क्षमता के दो अत्याधुनिक सभागार

8. 180 फुट ऊंचाई वाला सात फ्लोर का महामंदिर

9. 135 फुट ऊंची सद्गुरु देव की सैंडस्टोन प्रतिमा

संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने बताया कि देश की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में 2014 में स्वर्वेद महामंदिर का निर्माण की नींव रखी गई. जो एक विहंगम आध्यात्मिक केंद्र बन रहा है. जहां एक साथ 20 हजार से ज्यादा लोग एक साथ बैठकर योग साधना का कार्य कर सकेंगे. स्वर्वेद के सभी दोहे, उपनिषदों के संदेश, गीता के श्लोक, रामचरित्र मानस के चौपाई के साथ पूरी भारतीयता को समेटे यह स्वर्वेद महामंदिर दिनों दिन सजता जा रहा है. इसी पावन कड़ी में 14 दिसम्बर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यहां आगमन होने जा रहा है.

आजादी का अमृत महोत्सव एवं विहंगम योग के प्रडेयता सभी के आराध्य अनन्त श्री सद्गुरु सदफ़लदेव जी महाराज जेल यात्रा का यह शताब्दी साल है. 100 साल पहले उन्होंने बिहार में पटना के पहले धानापुर में अंग्रेजों के खिलाफ जोरदार भाषण दिया था. प्रथम असहयोग आंदोलन के स्वत्रंतता सेनानी थे. दो साल की सजा हुई. उनके आध्यात्मिक प्रयोग से देश को आजाद करने में सहायता मिली. उनके पूण्य स्मृति में शताब्दी वर्ष, आजादी का अमृत महोत्सव, हमारे योग विहंगम का वार्षिक उत्सव के समस्त कार्यक्रम 13,14 एवं 15 दिसम्बर को आयोजन किये जा रहे हैं. जिसमें 14 तारीख दोपहर को प्रधानमंत्री का उद्बोधन होगा. हम लोग उसको सुनेंगे.

सन्त प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज ने स्वर्वेद महामंदिर के बारे में बताते हुए कहा कि इस महामंदिर की 80 फीट ऊंचाई है. 3 लाख वर्गफुट मकराना संगमरमर, 3 लाख घन फुट नक्काशीदार गुलाबी सैंडस्टोन लगाया जा रहा है. जो पत्थर भगवान श्री राम जन्मस्थली मन्दिर के निर्माण में लगाया जा रहा है. वो राजस्थान के भरतपुर स्थित बयाना गांव का है. वहीं पत्थर यहां लगाया जा रहा है. इस महामन्दिर में राजस्थान के अनेक स्थानों के पत्थर हैं. जालौर, मकराना, भरतपुर के पत्थर भारतीयता को समेटे हुए ये पत्थर हैं.

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इस मंदिर में 125 कमल पंखुड़ियों का शीर्ष भाग मंदिर में लगा हुआ है जो सुशोभित हो रहा है. जीआरसी तकनीक नवसारी गुजरात से बना हुआ है. मंदिर में जो लकड़ी का वर्क है, वो बलसरी सागौन गुजरात का है. यह शिल्प कला का अद्भुत नमूना है.

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