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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 साल; वाराणसी के किए 43 दौरे, हर प्रवास में काशी को दिया बड़ा तोहफा

PM Modi Varanasi Visit : पीएम मोदी जब भी बनारस आते हैं कुछ न कुछ योजनाओं का तोहफा लेकर आते हैं. ये बातें उन्होंने मंच से खुद कही हैं. आज जब वे अपने 43वें दौरे पर काशी में हैं तो इस दौरान वह काशी में 19 हजार 155 करोड़ रुपए की 37 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 17, 2023, 2:35 PM IST

वाराणसी: आपको याद होगा साल 2013-2014 का वो समय जब लोकसभा चुनाव सिर पर था. उस समय देशभर में एक माहौल बना था कि आखिर अब किसे चुना जाए? कांग्रेस के दस साल के शासन को लोगों ने करीब से देखा था. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने ऐसे शख्स को अपना चेहरा चुना जो विपक्ष के हर नेता की आंखों को खटकता था. हिन्दुत्व की आवाज बुलंद करता हुआ गुजरात मॉडल पूरी दुनिया को दिखा रहा था. यानी आस्था और विकास दोनों को साथ लेकर चल रहा था. जी हां! हम बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही कर रहे हैं. उनके चेहरे पर जब चुनाव हुए तो हर कोई हैरान रह गया. भाजपा सत्ता में आ गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के विकास मॉडल और हिन्दुत्ववादी नेता की छवि ने एक ऐसा माहौल बनाया कि किसी के पास और कोई विकल्प दिख ही नहीं रहा था. 2014 में चुनाव प्रचार ऐसा हुए कि नरेंद्र मोदी नाम ही ब्रांड बन गया. काशी में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने एक नारा दिया था. 'मैं यहां आया नहीं हूं, मुझे मां गंगा ने बुलाया है.' ये नारा ऐसा था कि लोगों से इमोशनली कनेक्ट हो गया. एक तरफ गंगा प्रदूषित थी, जिसे साफ करने का वादा था तो दूसरी तरफ पीएम मोदी ने खुद को काशी का बेटा बता दिया था. फिर हुआ वही. काशीवासियों ने उन्हें अपना बेटा मान लिया और गुजरात से आए नेता को सांसद बना दिया.

काशी के नाम और काम को दिलाया मौकाः इस पूरे घटनाक्रम को हुए 9 साल बीत चुके हैं. तब से लेकर आज तक काशी के सांसद और देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी को विश्वपटल पर ला दिया है. आज काशी आध्यत्मिक राजधानी बन चुकी है. बनारस में जी20 सम्मेलन कराकर न सिर्फ यहां का नाम विदेशी राजनयिकों के बीच लाया बल्कि बनारस के कारीगरों और शिल्पकारों की बनाई चीजों को सम्मान दिलाया. गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने जैसी चीजों की प्रदर्शनी लगवाई और उन कारोबारियों को विदेश तक अपना कारोबार बढ़ाने का मौका दिलाया. बनारस में रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प कराया. 30 साल बाद बनारस कैंट स्टेशन पर नए काम हुए. यानी बनारस के सांसद ने पूरे बनारस को ही बदल दिया.

किसी और पार्टी ने काशी की संस्कृति की बात नहीं कीः प्रो. आरपी पांडेय कहते हैं कि, अभी तक बनारस में जितनी भी पार्टियां चुनाव लड़ने के लिए आईं उनको काशी की परंपरा, आध्यात्म और संस्कृति से कोई मतलब नहीं था. वे सब बस चुनाव लड़ने के लिए ही आए. मगर जब प्रधानमंत्री मोदी बनारस आए तो उन्होंने सबसे पहले कहा मां गंगा ने मुझे बुलाया है. इसके साथ ही उन्होंने खुद को काशी का बेटा बोला था और मां गंगा किसी एक की नहीं हैं पूरे संसार की मां हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ खुद को काशी की संस्कृति से जोड़ा बल्कि काशी के लोगों के साथ भी जुड़ गए. ऐसी परंपरा बनारस में पीएम मोदी ने ही शुरू की.

प्रवास के दौरान काशी की जनता से संवादः आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 43वें दौरे पर काशी में हैं. पीएम मोदी 25 घंटे काशी में रहेंगे. इस दौरान वह काशी की गलियों में भी घूमेंगे. लोगों से संवाद करेंगे. ये मौका फिर से लोकसभा चुनावों का है. ऐसे में पीएम मोदी का यह प्रवास काफी अहम माना जा रहा है. जब पीएम मोदी बनारस आते हैं तो वह यहां दो से तीन दिन का प्रवास भी करते हैं. पीएम मोदी काशी की गलियों में घूमते हैं और अपनी जनता के मन को जानने की कोशिश करते हैं. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले ही पीएम मोदी ने काशी में दो से तीन दिन का प्रवास किया और वहीं रहकर पूरे देश में चुनाव का माहौल बदला है. काशी की तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं तो सभी को लगता है काशी ने पीएम को बेटा मान लिया है.

सीएम योगी ने 115 से अधिक दौरे कर रखा ख्यालः मोदी और योगी की जोड़ी ने बनारस के साथ पूर्वांचल की तस्वीर और तकदीर बदलने में बड़ी भूमिका निभाई है. 9 सालों में पीएम मोदी ने 43 और 6 सालों में सीएम योगी ने बनारस के 115 से अधिक दौरे किए हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जब पीएम बनारस में नहीं होते हैं तो सीएम योगी उनके उत्तराधिकारी के तौर पर बनारस का ध्यान रखते हैं, जोकि हर बार देखने को भी मिला है. बनारस की किसी योजना का शुभारंभ हो या फिर पीएम मोदी के काशी में चल रहे ड्रीम प्रोजेक्ट्स की देखभाल करनी हो. सीएम योगी आदित्यनाथ ने हर उस काम को बखूबी निभाया है. 6 सालों में 115 से अधिक दौरे इस बात को साबित भी करते हैं. वह चाहे काशी विश्वनाथ धाम हो, काशी के घाट हों या फिर पर्यटन, उद्योग, रोजगार से जुड़ी योजना हो. सीएम ने खुद मॉनिटर किया है.

अपने 43वें दौरे पर पीएम मोदी काशी को देंगे तोहफाः पीएम मोदी जब भी बनारस आते हैं कुछ न कुछ योजनाओं का तोहफा लेकर आते हैं. ये बातें उन्होंने मंच से खुद कही हैं. आज जब वे अपने 43वें दौरे पर काशी में हैं तो इस दौरान वह काशी में 19 हजार 155 करोड़ रुपए की 37 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. इनमें 12578.91 करोड़ की 23 परियोजनाओं का लोकार्पण होगा, जबकि 6575.61 करोड़ के 14 प्रोजेक्ट का शुभारंभ होगा. वाराणसी से दिल्ली के लिए नई वंदे भारत को हरी झंडी दिखाएंगे. काशी को कन्याकुमारी से जोड़ने के लिए विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. सड़क और पुल, स्वास्थ्य व शिक्षा, पुलिस कल्याण, स्मार्ट सिटी व नगर विकास, रेलवे से जुड़ी परियोजनाओँ का लोकार्पण करेंगे.

बनारस को देंगे हजारों करोड़ की योजनाओं का तोहफाः वाराणसी पहुंचे सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट, बिजली और पेट्रोलियम ऑयल की सुविधाओं के विस्तार से आमजन को सशक्त भी करेंगे. प्रधानमंत्री चित्रकूट में 4000 करोड़ रुपए से 800 मेगावाट के सोलर पार्क का भी शुभारंभ करेंगे. ये कोई पहला मौका नहीं है जब पीएम मोदी इतनी योजनाओं की सौगात लेकर आ रहे हैं. पिछली बार जब वे बनारस आए थे तो रेलवे और अन्य विभागों से जुड़ी हजारों करोड़ की परियोजनाओं के साथ ही उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्राओं के लिए बने छात्रावास का उद्घाटन किया था. इससे पहले वे बीएचयू के अस्पताल में नए वार्ड के लिए भवन का तोहफा दे चुके हैं. ऐसे में जब पीएम मोदी ने बनारस को 9 साल पहले की स्थिति से काफी बदल दिया है.

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वाराणसी: आपको याद होगा साल 2013-2014 का वो समय जब लोकसभा चुनाव सिर पर था. उस समय देशभर में एक माहौल बना था कि आखिर अब किसे चुना जाए? कांग्रेस के दस साल के शासन को लोगों ने करीब से देखा था. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने ऐसे शख्स को अपना चेहरा चुना जो विपक्ष के हर नेता की आंखों को खटकता था. हिन्दुत्व की आवाज बुलंद करता हुआ गुजरात मॉडल पूरी दुनिया को दिखा रहा था. यानी आस्था और विकास दोनों को साथ लेकर चल रहा था. जी हां! हम बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही कर रहे हैं. उनके चेहरे पर जब चुनाव हुए तो हर कोई हैरान रह गया. भाजपा सत्ता में आ गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के विकास मॉडल और हिन्दुत्ववादी नेता की छवि ने एक ऐसा माहौल बनाया कि किसी के पास और कोई विकल्प दिख ही नहीं रहा था. 2014 में चुनाव प्रचार ऐसा हुए कि नरेंद्र मोदी नाम ही ब्रांड बन गया. काशी में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने एक नारा दिया था. 'मैं यहां आया नहीं हूं, मुझे मां गंगा ने बुलाया है.' ये नारा ऐसा था कि लोगों से इमोशनली कनेक्ट हो गया. एक तरफ गंगा प्रदूषित थी, जिसे साफ करने का वादा था तो दूसरी तरफ पीएम मोदी ने खुद को काशी का बेटा बता दिया था. फिर हुआ वही. काशीवासियों ने उन्हें अपना बेटा मान लिया और गुजरात से आए नेता को सांसद बना दिया.

काशी के नाम और काम को दिलाया मौकाः इस पूरे घटनाक्रम को हुए 9 साल बीत चुके हैं. तब से लेकर आज तक काशी के सांसद और देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी को विश्वपटल पर ला दिया है. आज काशी आध्यत्मिक राजधानी बन चुकी है. बनारस में जी20 सम्मेलन कराकर न सिर्फ यहां का नाम विदेशी राजनयिकों के बीच लाया बल्कि बनारस के कारीगरों और शिल्पकारों की बनाई चीजों को सम्मान दिलाया. गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने जैसी चीजों की प्रदर्शनी लगवाई और उन कारोबारियों को विदेश तक अपना कारोबार बढ़ाने का मौका दिलाया. बनारस में रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प कराया. 30 साल बाद बनारस कैंट स्टेशन पर नए काम हुए. यानी बनारस के सांसद ने पूरे बनारस को ही बदल दिया.

किसी और पार्टी ने काशी की संस्कृति की बात नहीं कीः प्रो. आरपी पांडेय कहते हैं कि, अभी तक बनारस में जितनी भी पार्टियां चुनाव लड़ने के लिए आईं उनको काशी की परंपरा, आध्यात्म और संस्कृति से कोई मतलब नहीं था. वे सब बस चुनाव लड़ने के लिए ही आए. मगर जब प्रधानमंत्री मोदी बनारस आए तो उन्होंने सबसे पहले कहा मां गंगा ने मुझे बुलाया है. इसके साथ ही उन्होंने खुद को काशी का बेटा बोला था और मां गंगा किसी एक की नहीं हैं पूरे संसार की मां हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ खुद को काशी की संस्कृति से जोड़ा बल्कि काशी के लोगों के साथ भी जुड़ गए. ऐसी परंपरा बनारस में पीएम मोदी ने ही शुरू की.

प्रवास के दौरान काशी की जनता से संवादः आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 43वें दौरे पर काशी में हैं. पीएम मोदी 25 घंटे काशी में रहेंगे. इस दौरान वह काशी की गलियों में भी घूमेंगे. लोगों से संवाद करेंगे. ये मौका फिर से लोकसभा चुनावों का है. ऐसे में पीएम मोदी का यह प्रवास काफी अहम माना जा रहा है. जब पीएम मोदी बनारस आते हैं तो वह यहां दो से तीन दिन का प्रवास भी करते हैं. पीएम मोदी काशी की गलियों में घूमते हैं और अपनी जनता के मन को जानने की कोशिश करते हैं. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले ही पीएम मोदी ने काशी में दो से तीन दिन का प्रवास किया और वहीं रहकर पूरे देश में चुनाव का माहौल बदला है. काशी की तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं तो सभी को लगता है काशी ने पीएम को बेटा मान लिया है.

सीएम योगी ने 115 से अधिक दौरे कर रखा ख्यालः मोदी और योगी की जोड़ी ने बनारस के साथ पूर्वांचल की तस्वीर और तकदीर बदलने में बड़ी भूमिका निभाई है. 9 सालों में पीएम मोदी ने 43 और 6 सालों में सीएम योगी ने बनारस के 115 से अधिक दौरे किए हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जब पीएम बनारस में नहीं होते हैं तो सीएम योगी उनके उत्तराधिकारी के तौर पर बनारस का ध्यान रखते हैं, जोकि हर बार देखने को भी मिला है. बनारस की किसी योजना का शुभारंभ हो या फिर पीएम मोदी के काशी में चल रहे ड्रीम प्रोजेक्ट्स की देखभाल करनी हो. सीएम योगी आदित्यनाथ ने हर उस काम को बखूबी निभाया है. 6 सालों में 115 से अधिक दौरे इस बात को साबित भी करते हैं. वह चाहे काशी विश्वनाथ धाम हो, काशी के घाट हों या फिर पर्यटन, उद्योग, रोजगार से जुड़ी योजना हो. सीएम ने खुद मॉनिटर किया है.

अपने 43वें दौरे पर पीएम मोदी काशी को देंगे तोहफाः पीएम मोदी जब भी बनारस आते हैं कुछ न कुछ योजनाओं का तोहफा लेकर आते हैं. ये बातें उन्होंने मंच से खुद कही हैं. आज जब वे अपने 43वें दौरे पर काशी में हैं तो इस दौरान वह काशी में 19 हजार 155 करोड़ रुपए की 37 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. इनमें 12578.91 करोड़ की 23 परियोजनाओं का लोकार्पण होगा, जबकि 6575.61 करोड़ के 14 प्रोजेक्ट का शुभारंभ होगा. वाराणसी से दिल्ली के लिए नई वंदे भारत को हरी झंडी दिखाएंगे. काशी को कन्याकुमारी से जोड़ने के लिए विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. सड़क और पुल, स्वास्थ्य व शिक्षा, पुलिस कल्याण, स्मार्ट सिटी व नगर विकास, रेलवे से जुड़ी परियोजनाओँ का लोकार्पण करेंगे.

बनारस को देंगे हजारों करोड़ की योजनाओं का तोहफाः वाराणसी पहुंचे सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट, बिजली और पेट्रोलियम ऑयल की सुविधाओं के विस्तार से आमजन को सशक्त भी करेंगे. प्रधानमंत्री चित्रकूट में 4000 करोड़ रुपए से 800 मेगावाट के सोलर पार्क का भी शुभारंभ करेंगे. ये कोई पहला मौका नहीं है जब पीएम मोदी इतनी योजनाओं की सौगात लेकर आ रहे हैं. पिछली बार जब वे बनारस आए थे तो रेलवे और अन्य विभागों से जुड़ी हजारों करोड़ की परियोजनाओं के साथ ही उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्राओं के लिए बने छात्रावास का उद्घाटन किया था. इससे पहले वे बीएचयू के अस्पताल में नए वार्ड के लिए भवन का तोहफा दे चुके हैं. ऐसे में जब पीएम मोदी ने बनारस को 9 साल पहले की स्थिति से काफी बदल दिया है.

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