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वाराणसी: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र का एक पहलू ऐसा भी जो है मंथन का विषय

वाराणसी से सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बार जनता ने भारी बहुमत से चुना. लेकिन वहीं भाजपा के लिए काशी का एक क्षेत्र ऐसा भी है जो चिंता का विषय है.

फाइल फोटो
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Published : May 25, 2019, 7:33 PM IST

Updated : May 25, 2019, 8:47 PM IST

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से दूसरी बार बड़ी जीत हासिल की है. इन सबके बीच सवाल उठना लाजमी है कि आखिर वाराणसी की उन पांच विधानसभाओं में से कौन सी विधानसभा ऐसी रही, जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुलकर मतदान किया. जवाब अगर आपको दिया जाए तो वह है कैंट विधानसभा.

पीएम का संसदीय क्षेत्र, जो है मंथन का विषय

आंकड़ों पर अगर गौर करें तो कैंट विधानसभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीत के अंतर को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है, लेकिन सबसे आश्चर्य की बात यह है कि बीजेपी का गढ़ कहा जाने वाला शहर दक्षिणी प्रधानमंत्री मोदी को वोट दिलवाने के मामले में सबसे पीछे रहा है. जिसके बाद जरूरत है कैंट विधानसभा को कम तवज्जो देते हुए दक्षिण विधानसभा पर ज्यादा जोर देने की क्योंकि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर अभी से अगर ध्यान नहीं दिया गया, तो निश्चित तौर पर बीजेपी का गढ़ शहर दक्षिणी भारतीय जनता पार्टी के लिए उस वक्त मुश्किल पैदा कर सकता है.

  • दक्षिणी कैंट, रोहनिया और सेवापुरी वाराणसी लोकसभा में शामिल हैं, जबकि तीन अन्य विधानसभाओं में शिवपुर, अजगरा और पिंडरा यतीन विधानसभा चंदौली और मछली शहर लोकसभा में आती हैं.
  • इन विधानसभाओं में 226624 वोटर्स ने अपने मतदान का प्रयोग किया, जिसमें पीएम मोदी को 155813 वोट मिलें, जबकि अन्य विधानसभाओं में पीएम को अधिक मतों की प्राप्ती हुई.
  • इन आंकड़ों पर गौर करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी को इन विधानसभाओं पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है.
  • शहर के दक्षिणी इलाके से पीएम मोदी को सबसे कम वोट मिले, यहां की सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा रहा, लेकिन इस लोकसभा चुनाव में यहां से कम वोट मिलना मंथन का विषय है.

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से दूसरी बार बड़ी जीत हासिल की है. इन सबके बीच सवाल उठना लाजमी है कि आखिर वाराणसी की उन पांच विधानसभाओं में से कौन सी विधानसभा ऐसी रही, जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुलकर मतदान किया. जवाब अगर आपको दिया जाए तो वह है कैंट विधानसभा.

पीएम का संसदीय क्षेत्र, जो है मंथन का विषय

आंकड़ों पर अगर गौर करें तो कैंट विधानसभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीत के अंतर को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है, लेकिन सबसे आश्चर्य की बात यह है कि बीजेपी का गढ़ कहा जाने वाला शहर दक्षिणी प्रधानमंत्री मोदी को वोट दिलवाने के मामले में सबसे पीछे रहा है. जिसके बाद जरूरत है कैंट विधानसभा को कम तवज्जो देते हुए दक्षिण विधानसभा पर ज्यादा जोर देने की क्योंकि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर अभी से अगर ध्यान नहीं दिया गया, तो निश्चित तौर पर बीजेपी का गढ़ शहर दक्षिणी भारतीय जनता पार्टी के लिए उस वक्त मुश्किल पैदा कर सकता है.

  • दक्षिणी कैंट, रोहनिया और सेवापुरी वाराणसी लोकसभा में शामिल हैं, जबकि तीन अन्य विधानसभाओं में शिवपुर, अजगरा और पिंडरा यतीन विधानसभा चंदौली और मछली शहर लोकसभा में आती हैं.
  • इन विधानसभाओं में 226624 वोटर्स ने अपने मतदान का प्रयोग किया, जिसमें पीएम मोदी को 155813 वोट मिलें, जबकि अन्य विधानसभाओं में पीएम को अधिक मतों की प्राप्ती हुई.
  • इन आंकड़ों पर गौर करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी को इन विधानसभाओं पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है.
  • शहर के दक्षिणी इलाके से पीएम मोदी को सबसे कम वोट मिले, यहां की सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा रहा, लेकिन इस लोकसभा चुनाव में यहां से कम वोट मिलना मंथन का विषय है.
Intro:वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से दूसरी बार बड़ी जीत हासिल की है इन सबके बीच सवाल उठना लाजमी है कि आखिर वाराणसी की उन पांच विधानसभाओं में से कौन सी विधानसभा ऐसी रही जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुलकर मतदान किया. जवाब अगर आपको दिया जाए तो वह है कैंट विधानसभा ल. आंकड़ों पर अगर गौर करें तो कैंट विधानसभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीत के अंतर को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है. लेकिन सबसे आश्चर्य की बात यह है कि बीजेपी का गढ़ कहा जाने वाला शहर दक्षिणी प्रधानमंत्री मोदी को वोट दिलवाने के मामले में सबसे पीछे रहा है जिसके बाद जरूरत है कैंट विधानसभा को कम तवज्जो देते हुए दक्षिण विधानसभा पर ज्यादा जोर देने की क्योंकि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर अभी से अगर ध्यान नहीं दिया गया तो निश्चित तौर पर बीजेपी का गढ़ शहर दक्षिणी भारतीय जनता पार्टी के लिए उस वक्त मुश्किल पैदा कर सकता है.


Body:अगर बात की जाए वाराणसी में पांच विधानसभाओं की तो शहर उत्तरी शहर दक्षिणी केंट रोहनिया और सेवापुरी या पांच विधानसभा में हैं जो वाराणसी लोकसभा में शामिल हैं जबकि तीन अन्य विधानसभाओं में शिवपुर अजगरा और पिंडरा यतीन विधान सभा चंदौली और मछली शहर लोक सभा में जाती हैं जिसकी वजह से वाराणसी में हुए मतदान में लोकसभा के अंदर वाराणसी की पांच विधानसभाओं की वोटिंग और प्रधानमंत्री मोदी की जीत में इन्हीं पांच विधानसभाओं की वोटिंग काउंटिंग की गई कैंट विधानसभा में जहां 19 मई को हुए मतदान में 226624 वोटर्स ने अपने मतदान का प्रयोग किया. वहीं इस विधानसभा से अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 155813 वोट मिले जबकि दूसरे नंबर पर रहा रोहनिया विधानसभा जहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 144022 वोट मिले और यहां पर 19 मई को हुए मतदान की अगर बात की जाए तो 198235 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाने वाली विधानसभाओं में तीसरा नंबर वाराणसी के शहर उत्तरी विधानसभा का है. जहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अकेले 139279 वोट पाए जबकि यहां पर मतदान के दौरान 221015 वोट पड़े थे इतना ही नहीं चौथे नंबर पर वाराणसी की सेवापुरी विधानसभा है जो बीजेपी के गठबंधन अपना दल के के पास है यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अकेले 128000 वोट मिले हैं जबकि सेवापुरी में 209938 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था वहीं शहर दक्षिणी विधानसभा में मतदान के दौरान 172449 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जिसमें से 104982 वोट अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले.


Conclusion:इन आंकड़ों पर गौर करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी को भी इन सब आंकड़ों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि जहां एक तरफ कैंट विधानसभा भारतीय जनता पार्टी नेता और पूर्व मंत्री रह चुके हरिशचंद श्रीवास्तव की पारिवारिक सीट मानी जाती है इस सीट पर पहले हरीश चंद्र श्रीवास्तव पर उनकी पत्नी ज्योत्सना श्रीवास्तव और अब उनके बेटे सौरभ श्रीवास्तव विधायक के रुप में काबिज हैं इतना ही नहीं रोहनिया विधानसभा समाजवादी पार्टी की मजबूत सीट मानी जाती थी जहां से लगातार पूर्व मंत्री रह चुके सुरेंद्र सिंह पटेल फिर उनके भाई महेंद्र सिंह पटेल विधायक रहे लेकिन बीजेपी ने 2017 के चुनावों में इस सीट पर कब्जा जमाया और सुरेंद्र सिंह यहां से विधायक बने इसके अलावा उत्तरी विधानसभा पर रविंद्र जयसवाल लगातार तीन बार से विधायक है जो बीजेपी की जबकि सेवापुरी में अपना दल से निलतान नीलू विधायक है और यहां से भी प्रधानमंत्री मोदी ने अच्छे मत पाए हैं लेकिन इन सबके बीच सबसे पिछड़ा दिख रहा है शहर दक्षिणी जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे कम वोट मिले यहां पर विधायक डॉक्टर नीलकंठ तिवारी हैं और वर्तमान में राज्य मंत्री वी इस सीट पर लगातार बीजेपी का कब्जा रहा है और श्यामदेव राय चौधरी सात बार विधायक रहे लेकिन उनका 2017 में टिकट काटा गया और नीलकंठ तिवारी को टिकट मिला जिसके बाद इन चुनावों में दक्षिणी से प्रधानमंत्री मोदी को सबसे कम वोट मिलना निश्चित तौर पर बीजेपी के लिए मंथन का मुद्दा है.
Last Updated : May 25, 2019, 8:47 PM IST
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