वाराणसी: वाराणसी में काशी-तमिल समागम (Kashi Tamil Samagam in Varanasi) का पीएम नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया हैं. पीएम मोदी ने वाराणसी में जनसभा को संबोधित किया हैं. भारतीय सनातन संस्कृति के दो अहम प्राचीन पौराणिक केंद्रों के मिलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में अनूठा आयोजन हुआ. काशी तमिल संगमम के उद्घाटन समारोह में तमिलनाडु के 12 प्रमुख मठ मंदिर के आदिनम (महंत) को काशी की धरा पर पहली बार सम्मानित किया गया.
काशी और तमिलनाड़ु के बीच आध्यात्मिक संबंधों पर संवाद के साथ ही काशी और काशी विश्वनाथ से वहां के जुड़ाव पर परिचर्चा की. इसके जरिए दक्षिण और उत्तर के उत्तरेत्तर संबंधों के साथ ही दोनों स्थानों की समानता को भी दर्शाया गया. भगवान राम के हाथों स्थापित रामेश्वरम ज्योर्तिलिंग के साथ ही स्वयंभू काशी विश्वनाथ की महिमा का भी बखान किया गया.
तमिलनाडु के तेनकासी शहर में स्थित काशी विश्वनाथर मंदिर है. तमिलनाडु के जानकारों के अनुसार भगवान शिव को समर्पित काशी विश्वनाथर मंदिर को उल्गाम्मन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इसे पांड्यन शासन ने बनवाया था और तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा गोपुरा भी है. द्रविड शैली में बने इस मंदिर का गोपुरा 150 फीट का है. ऐसे ही काशी और तमिलनाडु के मठ मंदिरों की पंरपराओं पर भी चर्चा की गई.
काशी में दिखेगा मिनी तमिलनाडु: काशी तमिल समागमम में आने वाले आदिनाम को काशी में बसे मिनी तमिलनाडु का भ्रमण भी कराया गया. हनुमान घाट और उसके आसपास स्थित शंकर मठ सहित अन्य मंदिरों को भी दिखाया गया. इसके अलावा तमिलनाडु के परिवारों के बीच भी वहां से आने वाले लोगों को ले जाया गया. इसके जरिए काशी में तमिल परंपरा के जीवंत उदाहरण को भी प्रस्तुत किया गया.
सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम: इसको लेकर के प्रशासनिक अमला पूरी तरीके तरीके से अलर्ट रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में 16, आईपीएस, 24 एसएसपी, 40 डीएसपी समेत 4000 पुलिसकर्मी, आरएएफ की छह कंपनियां और पांच पीएससी की कंपनियां तैनात की गई हैं. यही नहीं कोई आपत्तिजनक गतिविधि न हो इसके लिए बीएचयू के छात्र संगठनों पर भी एलआईयू और पुलिस प्रशासन के द्वारा विशेष रूप से नजर भी रखी गई.
BHU छात्र संगठन और नेताओं पर विशेष नज़र: गौरतलब हो कि, बीते लगभग 2 महीने से लगातार बीएचयू में विभिन्न मुद्दों को लेकर के विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और तमाम छात्रसंघ इकाइयां सक्रिय है. पीएम मोदी के आगमन के दौरान किसी तरीके का कोई विरोध ना हो और सुरक्षा में किसी प्रकार की चूक ना हो इसको लेकर के प्रशासनिक अमला पूरी तरीके से अलर्ट है. इसके मद्देनजर बीएचयू के छात्र संगठन पर एल आई और पुलिस की पैनी नजर भी है. पुलिस ने बकायदा छात्र संगठन और छात्र नेताओं पर निगरानी बढ़ा दी गई है. इसके साथ ही छात्र संगठनों को विशेष रुप से हिदायत भी दी गई है. यही नहीं बीते दिनों परिसर के आसपास के निजी छात्रावासों और लॉज की चेकिंग भी की गई थी.
जिले में धारा 144 लागू: सुरक्षा के मद्देनजर वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट द्वारा जिले में धारा 144 लागू की गई है. इसके तहत बिना किसी अनुमति के जिले में जुलूस, धरना या किसी तरीके का आयोजन पूरी तरीके से प्रतिबंधित होगा. यदि किसी के द्वारा इस तरीके का कोई कृत्य किया जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
13 भाषाओं में अनुवादित किताब का विमोचन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में 13 भाषाओं में अनुवादित एक पुस्तक का भी विमोचन किया. यह किताब साउथ के बड़े साहित्यकार तिरुवल्लुवर रचित तिरुक्कुरल है. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के सदस्य ने कहा कि यह पुस्तक व्यक्ति के जीवन के हर उद्देश्य को पर लक्षित कर रही है. कैसे जीवन जीना है. किस तरीके का आचरण करना और कैसे कर्म करने चाहिए. इन बातों को बताया गया है. सीऐसीटी के डायरेक्टर डॉ. राज बताते हैं कि 13 भाषाओं में पीएम मोदी पुस्तक का विमोचन किया है. यह हमारे लिए बेहद गर्व की बात है.