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वाराणसी में जलमार्ग शिखर सम्मेलन आज, केंद्रीय मंत्रियों समेत सीएम योगी होंगे शामिल

वाराणसी में 11 और 12 नवंबर को पीएम गति शक्ति मल्टी मॉडल जलमार्ग शिखर सम्मेलन आयोजित होगा. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रियों समेत सीएम योगी शामिल होंगे.

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Published : Nov 11, 2022, 8:34 AM IST

वाराणसी: पीएम गति शक्ति मल्टी मॉडल जलमार्ग शिखर सम्मेलन (PM Gati Shakti Multi Model Waterway Summit) का आयोजन 11 और 12 नवंबर को किया जा रहा है. इसमें कई केंद्रीय मंत्रियों समेत सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक शिरकत करेंगे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित पेंटिंग की प्रदर्शनी का उद्घाटन रुद्राक्ष सेंटर में होगा.

वाराणसी के रविदास घाट पर 8 कम्युनिटी जेट्टी की शुरुआत 11 नवंबर से की जाएगी. इससे कार्यक्रम में आने वाले पर्यटकों समेत अन्य लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो. वहीं, सीएम योगी के साथ केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल, पीयूष गोयल और श्रीपद नाईक समेत कई मंत्री शामिल होंगे. वाराणसी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में जलमार्ग शिखर सम्मेलन होगा. जिला प्रशासन के अनुसार सीएम योगी पहले रुद्राक्ष सेंटर में पीएम मोदी के जीवन पर आधारित आठ दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे. उसके बाद सीएम केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल के साथ रविदास घाट पर जेटी लोकार्पण और निर्माण आरंभ कार्यक्रम में भाग लेंगे. वहीं, बीएचयू में आयोजित आदर्श ग्राम कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाएंगे, यहां बाबा के दर्शन-पूजन के साथ श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के भवन में आयोजित षष्ठपीठावर सतुआबाचा यमुनाचार्य महाराज की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होंगे. उसके बाद लखनऊ में आयोजित जलमार्ग शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके बाद शहंशाहपुर गोवर्धन प्लांट का निरीक्षण करने भी जा सकते हैं. यहां पर पीएमओ की टीम निरीक्षण करने के लिए पहुंचेगी. जलमार्ग शिखर सम्मेलन काफी महत्त्वपूर्ण है. इसे जल, थल और वायु तीनों परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्योगपतियों और अन्य लोगों के साथ किया जा रहा है. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल टेक्सटाइल इंडस्ट्री के साथ सीधा संवाद करेंगे. वहीं, केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल और श्रीपद नाईक 10 नवंबर को ही वाराणसी पहुंच गए थे. उन्होंने गंगा आरती की और काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया.

पढ़ें- हिंदू राष्ट्र सम्मेलन में भारत और नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने पर होगा मंथन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजना काशी से बोगिबील (डिब्रूगढ़ ) तक सबसे लंबी जलयान (क्रूज) सेवा की परियोजना है. इसे मूर्त रूप देने के लिए 11 नवंबर से केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) की ओर से काशी में जलमार्ग शिखर सम्मेलन का किया जा रहा है. इसमें काशी से डिब्रूगढ़ तक सबसे लंबी क्रूज सेवा की घोषणा की जाएगी. प्रदेश सरकार समेत सभी संबंधित इकाइयों और मंत्रालयों के सहयोग से जल परिवहन को धार देने का प्रयास किया जाएगा. दीनदयाल हस्तकला संकुल में केंद्रीय बंदरगाह और जलपरिवहन मंत्री सर्वानंद सोनोवाल समिट का उद्घाटन करेंगे. जल परिवहन को धार देने के लिए प्रदेश सरकार और आइडब्ल्यूएआइ के बीच अनुबंध होगा. वाराणसी, मथुरा और अयोध्या में इलेक्ट्रिक केटामारन (वाटर क्राफ्ट) के लिए कोचिन शिपयार्ड से एमओयू किया जाएगा.

देश की सबसे लंबी जलयान सेवा वाराणसी से डिब्रूगढ़ की घोषणा की जाएगी. केंद्र और प्रदेश सरकार समेत उद्योग क्षेत्र से जुड़े लोगों के बीच जल परिवहन का राष्ट्रीय मास्टर प्लान साझा किया जाएगा. संबंधित मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ट अधिकारी, बंदरगाह प्राधिकरण, क्षेत्र के विशेषज्ञ और निजी क्षेत्रों के विशेषज्ञ प्रतिभाग करेंगे.


पढ़ें- चंदौली के पूर्व सपा सांसद ने 13 साल पुराने मामले में कोर्ट में किया सरेंडर, मिली जमानत

वाराणसी: पीएम गति शक्ति मल्टी मॉडल जलमार्ग शिखर सम्मेलन (PM Gati Shakti Multi Model Waterway Summit) का आयोजन 11 और 12 नवंबर को किया जा रहा है. इसमें कई केंद्रीय मंत्रियों समेत सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक शिरकत करेंगे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित पेंटिंग की प्रदर्शनी का उद्घाटन रुद्राक्ष सेंटर में होगा.

वाराणसी के रविदास घाट पर 8 कम्युनिटी जेट्टी की शुरुआत 11 नवंबर से की जाएगी. इससे कार्यक्रम में आने वाले पर्यटकों समेत अन्य लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो. वहीं, सीएम योगी के साथ केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल, पीयूष गोयल और श्रीपद नाईक समेत कई मंत्री शामिल होंगे. वाराणसी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में जलमार्ग शिखर सम्मेलन होगा. जिला प्रशासन के अनुसार सीएम योगी पहले रुद्राक्ष सेंटर में पीएम मोदी के जीवन पर आधारित आठ दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे. उसके बाद सीएम केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल के साथ रविदास घाट पर जेटी लोकार्पण और निर्माण आरंभ कार्यक्रम में भाग लेंगे. वहीं, बीएचयू में आयोजित आदर्श ग्राम कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाएंगे, यहां बाबा के दर्शन-पूजन के साथ श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के भवन में आयोजित षष्ठपीठावर सतुआबाचा यमुनाचार्य महाराज की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होंगे. उसके बाद लखनऊ में आयोजित जलमार्ग शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके बाद शहंशाहपुर गोवर्धन प्लांट का निरीक्षण करने भी जा सकते हैं. यहां पर पीएमओ की टीम निरीक्षण करने के लिए पहुंचेगी. जलमार्ग शिखर सम्मेलन काफी महत्त्वपूर्ण है. इसे जल, थल और वायु तीनों परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्योगपतियों और अन्य लोगों के साथ किया जा रहा है. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल टेक्सटाइल इंडस्ट्री के साथ सीधा संवाद करेंगे. वहीं, केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल और श्रीपद नाईक 10 नवंबर को ही वाराणसी पहुंच गए थे. उन्होंने गंगा आरती की और काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया.

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजना काशी से बोगिबील (डिब्रूगढ़ ) तक सबसे लंबी जलयान (क्रूज) सेवा की परियोजना है. इसे मूर्त रूप देने के लिए 11 नवंबर से केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) की ओर से काशी में जलमार्ग शिखर सम्मेलन का किया जा रहा है. इसमें काशी से डिब्रूगढ़ तक सबसे लंबी क्रूज सेवा की घोषणा की जाएगी. प्रदेश सरकार समेत सभी संबंधित इकाइयों और मंत्रालयों के सहयोग से जल परिवहन को धार देने का प्रयास किया जाएगा. दीनदयाल हस्तकला संकुल में केंद्रीय बंदरगाह और जलपरिवहन मंत्री सर्वानंद सोनोवाल समिट का उद्घाटन करेंगे. जल परिवहन को धार देने के लिए प्रदेश सरकार और आइडब्ल्यूएआइ के बीच अनुबंध होगा. वाराणसी, मथुरा और अयोध्या में इलेक्ट्रिक केटामारन (वाटर क्राफ्ट) के लिए कोचिन शिपयार्ड से एमओयू किया जाएगा.

देश की सबसे लंबी जलयान सेवा वाराणसी से डिब्रूगढ़ की घोषणा की जाएगी. केंद्र और प्रदेश सरकार समेत उद्योग क्षेत्र से जुड़े लोगों के बीच जल परिवहन का राष्ट्रीय मास्टर प्लान साझा किया जाएगा. संबंधित मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ट अधिकारी, बंदरगाह प्राधिकरण, क्षेत्र के विशेषज्ञ और निजी क्षेत्रों के विशेषज्ञ प्रतिभाग करेंगे.


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