वाराणसी: देश में कोरोना संकट जब शुरू हुआ तो इसे रोकने के लिए पहले जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन की घोषणा हो गई. जो जहां था, वहीं थम गया. लगभग 70 दिनों के बाद केंद्र सरकार के फैसले ने लोगों को कुछ राहत दी. अनलॉक वन की घोषणा हुई और जिंदगी पटरी पर धीरे-धीरे आने लगी. वहीं अभी भी कुछ ऐसी जगहें हैं, जो इस वायरस के डर से बंद पड़ी हैं. उनमें से एक है- स्टेडियम. कोरोना वायरस ज्यादा नहीं फैले इसलिये अभी तक स्टेडियम खोलने की अनुमति नहीं दी गयी है.
संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में छाया सन्नाटा
वाराणसी में डॉक्टर संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में सन्नाटा छाया हुआ है. प्रतिदिन इस स्टेडियम में सुबह और शाम 450 से ज्यादा खिलाड़ी पसीना बहाते थे. कड़ी मेहनत करके अपने भविष्य को संवारने और प्रदेश के साथ देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा लिए ये खिलाड़ी कई सालों से मेहनत करके अपने आप को स्टेट और नेशनल लेवल के गेम के लिए तैयार कर रहे थे. लेकिन लगभग 3 महीने से ठप हो चुकी प्रैक्टिस ने इनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया.
खिलाड़ियों में छाई मायूसी
डॉक्टर संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम सुबह शाम गुलजार रहता था, लेकिन इन दिनों यहां सन्नाटा पसरा है. स्टेडियम में ना तो पसीना बहाते खिलाड़ी नजर आते हैं और ना ही उनकी हौसला अफजाई करते उनके प्रशंसक. खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करने वाली आवाजें सुनाई नहीं दे रही हैं. कोरोना के डर से स्टेडियम बंद है, जिसकी वजह से यहां पर 19 अलग-अलग खेलों में प्रैक्टिस करने वाले 450 से ज्यादा खिलाड़ियों का आना भी नहीं हो पा रहा है. यहां आने वाले नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी मायूस हैं.
क्या कहती हैं इंटरनेशनल एथलीट नीलू मिश्रा
इंटरनेशनल लेवल पर वाराणसी सहित पूरे प्रदेश का मान बढ़ाने वाली एथलीट नीलू मिश्रा भी टेंशन में हैं. इसकी बड़ी वजह यह है कि आने वाले दिनों में कई बड़े टूर्नामेंट की तैयारी में नीलू जुटी थीं. जब मार्च में लॉकडाउन हुआ तो उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि सब कुछ थम जाएगा और उनकी प्रैक्टिस भी रुक जाएगी. नीलू का कहना है कि मार्च के महीने में ऑल इंडिया सिविल सर्विसेस के स्पोर्ट्स इवेंट होने थे. चंडीगढ़ में इसकी तैयारी थी, लेकिन कोरोना के कारण यह रुक गया. जुलाई के महीने में वर्ल्ड मास्टर एथलीट चैंपियनशिप का आयोजन कनाडा में होना था, जिसमें उनका भी सेलेक्शन हुआ था. उसकी तैयारियां उन्होंने शुरू ही की थी कि कोरोना के कारण वह भी नहीं हो पाया.
घर पर ही कर रहीं प्रैक्टिस
जापान में 2021 में होने वाले वर्ल्ड मास्टर्स गेम की तैयारी भी नीलू कर रही हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं है कि सब कुछ पहले जैसा हो पाएगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनारस और प्रदेश का मान बढ़ाने वाली नीलू ने अब तक 79 से ज्यादा मेडल जीते हैं, लेकिन इन दिनों वे स्टेडियम से दूर हैं और घर पर ही योग और स्ट्रैचिंग करके ऑनलाइन एप के जरिए खुद को और अपने स्टूडेंट को ट्रेनिंग दे रही हैं. मायूसी इस बात की है कि स्टेडियम बंद होने की वजह से उनकी प्रैक्टिस थम गई है.
19 टीमों के खिलाड़ियों की प्रैक्टिस प्रभावित
एथलीट के अलावा स्पोर्ट्स स्टेडियम में क्रिकेट फुटबॉल, हॉकी, हैंडबॉल, कबड्डी, जूडो, बैडमिंटन, टेनिस समेत कुल 19 टीमों के खिलाड़ी प्रैक्टिस करने पहुंचते हैं. लगभग 3 महीने से बंद हुए स्टेडियम के कारण सब कुछ ठप पड़ा है. ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में गोल्ड और सीनियर नेशनल में ब्रॉन्ज मेडल हासिल कर चुके हैंडबॉल के नेशनल खिलाड़ी शुभम सरोज भी 3 महीने से कभी गंगा घाट पर तो कभी घर की छत पर अपनी प्रैक्टिस को अंजाम दे रहे हैं.
'उम्मीदों और तैयारियों पर फिरा पानी'
शुभम का कहना है कि अप्रैल के महीने में सीनियर इंडिया कैंप का ट्रायल होना था, जिसकी तैयारी भी वे कर रहे थे, लेकिन इस वायरस ने ऐसा अटैक किया कि उनकी उम्मीदों और तैयारियों, दोनों पर पानी फिर गया. वहीं खिलाड़ियों की रुकी प्रैक्टिस और बंद स्टेडियम के बारे में रीजनल स्पोर्ट्स ऑफिसर आरपी सिंह का कहना है कि सरकार के आदेश के मुताबिक स्टेडियम बंद किए गए हैं. खिलाड़ियों की प्रैक्टिस प्रभावित न हो, उसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से आई गाइडलाइन के बाद देशभर के बड़े कोच और ट्रेनर्स के नंबर हमें मिल चुके हैं.
ऑनलाइन ट्रेनिंग की हो रही व्यवस्था
आरपी सिंह ने बताया कि जिस स्पोर्ट्स का जो खिलाड़ी है, उसे यह नंबर प्रोवाइड कराए गए हैं और ऑनलाइन ट्रेनिंग की व्यवस्था भी इन लोगों के लिए की जा रही है. ताकि कई दिनों से की जा रही इनकी मेहनत पर पानी न फिरने पाए.
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फिलहाल सरकार भले ही ऑनलाइन ट्रेनिंग की व्यवस्था कर रही हो, लेकिन एक खिलाड़ी के लिए मैदान कितना महत्वपूर्ण है, यह शायद वही समझ सकता है. मैदान से खिलाड़ी इन दिनों कोरोना वायरस की वजह से न सिर्फ दूर हुए हैं, बल्कि उनकी उम्मीदों और सपनों पर भी पानी फिरता दिख रहा है.