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गंगा घाट के गड्ढे बन सकते हैं हादसे की वजह

वाराणसी में देव दीपावली कार्यक्रम तो बहुत भव्य तरीके से मनाया गया, लेकिन इसके बाद घाटों की गंदगी देखने के लिए जिला प्रशासन ने एक बार भी गंगा की ओर रुख नहीं किया. घाटों पर जगह जगह गड्ढे बने हुए हैं, जिससे स्थानीय को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

घटना का कारण
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Published : Dec 18, 2020, 8:31 AM IST

वाराणसी: शहर में देव दीपावली के अवसर पर गंगा घाटों के रेत पर विभिन्न प्रकार की आकृति बनाई गई. इस आकृति का अवलोकन पीएम मोदी ने किया था. रेत की आकृति बनाने के लिए घाट पर गड्ढा करके रेत निकाला गया, लेकिन देव दीपावली बीतने के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह सुस्त दिख रहा है. घाट पर रेत दीपक बिखरे पड़े हैं, जिससे हादसे की संभावनाएं बढ़ गई हैं.

गंगा घाट पर लगभग 7 किलोमीटर तक दीप जलाकर देव दीपावली मनाया गया. वहीं रेत पर विभिन्न प्रकार की आकृति भी उकेरी गई. जिसमें बनारस के घाट, संस्कृति और सभ्यता को दर्शाया गया. देव दीपावली बीत जाने के बाद घाटों की तरफ जिला प्रशासन की साफ लापरवाही दिख रही है. जहां से रेत निकाला गया, वहां बड़े बड़े गड्ढे बन गए हैं. अब इन गड्ढों में पानी भी जम गया है.

जगह-जगह गंदगी और गड्ढों की वजह से दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ गई हैं, वहीं पर्यटकों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय उजागर सिंह ने बताया कि वे सरकार और जिला प्रशासन से निवेदन करते हैं कि जल्द से जल्द इस गड्ढे को ठीक कराया जाए.

स्थानीय निवासी हिमानी वर्मा ने बताया कि घाटों पर बहुत जगह बड़े-बड़े गड्ढे हैं, उसके बगल में बालू के टीले भी बने हैं. यह बहुत ही खतरनाक है. इसमें कोई भी गिर सकता है और बड़ी घटना हो सकती है. सरकार से निवेदन है कि इस गड्ढे को जल्द से जल्द भर दिया जाए.

वाराणसी: शहर में देव दीपावली के अवसर पर गंगा घाटों के रेत पर विभिन्न प्रकार की आकृति बनाई गई. इस आकृति का अवलोकन पीएम मोदी ने किया था. रेत की आकृति बनाने के लिए घाट पर गड्ढा करके रेत निकाला गया, लेकिन देव दीपावली बीतने के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह सुस्त दिख रहा है. घाट पर रेत दीपक बिखरे पड़े हैं, जिससे हादसे की संभावनाएं बढ़ गई हैं.

गंगा घाट पर लगभग 7 किलोमीटर तक दीप जलाकर देव दीपावली मनाया गया. वहीं रेत पर विभिन्न प्रकार की आकृति भी उकेरी गई. जिसमें बनारस के घाट, संस्कृति और सभ्यता को दर्शाया गया. देव दीपावली बीत जाने के बाद घाटों की तरफ जिला प्रशासन की साफ लापरवाही दिख रही है. जहां से रेत निकाला गया, वहां बड़े बड़े गड्ढे बन गए हैं. अब इन गड्ढों में पानी भी जम गया है.

जगह-जगह गंदगी और गड्ढों की वजह से दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ गई हैं, वहीं पर्यटकों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय उजागर सिंह ने बताया कि वे सरकार और जिला प्रशासन से निवेदन करते हैं कि जल्द से जल्द इस गड्ढे को ठीक कराया जाए.

स्थानीय निवासी हिमानी वर्मा ने बताया कि घाटों पर बहुत जगह बड़े-बड़े गड्ढे हैं, उसके बगल में बालू के टीले भी बने हैं. यह बहुत ही खतरनाक है. इसमें कोई भी गिर सकता है और बड़ी घटना हो सकती है. सरकार से निवेदन है कि इस गड्ढे को जल्द से जल्द भर दिया जाए.

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