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पीएचडी प्रवेश परिक्षा में नियमों से खिलवाड़, आरक्षित छात्रों ने की आवाज बुलंद

बीएचयू के पीएचडी प्रवेश परीक्षा में आरक्षण के नियमों को ताक पर रखकर प्रवेश प्रक्रिया को लागू करने का आरोप लगा है. इसके विरोध में एससी-एसटी और ओबीसी के छात्रों ने सीटों पर कटौती करने पर वीसी के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है.

बीएचयू वीसी के खिलाफ सड़कों पर छात्र.
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Published : Sep 23, 2019, 10:57 PM IST

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक बार फिर माहौल गर्म होता दिख रहा है. क्योंकि बीएचयू ने पीएचडी की प्रवेश परिक्षा में शामिल एससी एसटी और ओबीसी कि सीटों पर कटौती कर आरक्षण की पूरी तरह अनदेखी की है. इतना ही नहीं सामान्य वर्ग की उच्च जातियों के लिए 62 फीसदी से अधिक सीटें आरक्षित कर दी गयी हैं. जिसको लेकर छात्रों में रोष है.

बीएचयू वीसी के खिलाफ सड़कों पर छात्र.

बीएचयू वीसी के खिलाफ सड़कों पर छात्र

  • बीएचयू में दर्जनों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने सेंट्रल ऑफिस पर विरोध प्रदर्शन किया.
  • वीसी जब छात्रों से मिलने नहीं पहुंचे तो आक्रोशित छात्रों ने कुलपति आवास को घेर लिया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
  • धरनारत छात्रों का कहना है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक हम यहीं विरोध करेंगे और आंदोलन खत्म नहीं करेंगे.

एससी-एसटी और ओबीसी छात्रों के साथ बीएचयू में नाइंसाफी
आंदोलन करने वाले ज्यादातर छात्र शोध छात्र हैं. छात्रों का आरोप है कि बीएचयू में शोध प्रवेश परीक्षा में एससी एसटी और ओबीसी छात्रों के साथ नाइंसाफी कर सीटों में कटौती की गई है. छात्रों ने आरोप लगाए हैं कि अनारक्षित सीट के बहाने बीएचयू सवर्ण जाति के छात्र छात्राओं को शोध में प्रवेश देना चाह रहा है जिसका हम सब विरोध कर रहे हैं.

बीएचयू में शोध प्रकिया प्रवेश में एक अलग सा नियम बनाया गया है. यह पूरी तरह अमर्यादित है. एससी एसटी का जो 49 फीसदी एडमिशन का हक है वह नहीं मिल रहा है. इस गैरकानूनी प्रक्रिया को हम किसी भी तरीके से बीएचयू में नहीं चलने देंगे. हमारी मांग है कि जो भी संविधान नियम के तहत है. उस नियम की तरह एडमिशन लिये जाएं. जो रोस्टर प्रणाली है उसका विश्वविद्यालय प्रशासन अनुपालन करें.
-रविंद्र प्रकाश भारती, शोध छात्र, बीएचयू

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक बार फिर माहौल गर्म होता दिख रहा है. क्योंकि बीएचयू ने पीएचडी की प्रवेश परिक्षा में शामिल एससी एसटी और ओबीसी कि सीटों पर कटौती कर आरक्षण की पूरी तरह अनदेखी की है. इतना ही नहीं सामान्य वर्ग की उच्च जातियों के लिए 62 फीसदी से अधिक सीटें आरक्षित कर दी गयी हैं. जिसको लेकर छात्रों में रोष है.

बीएचयू वीसी के खिलाफ सड़कों पर छात्र.

बीएचयू वीसी के खिलाफ सड़कों पर छात्र

  • बीएचयू में दर्जनों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने सेंट्रल ऑफिस पर विरोध प्रदर्शन किया.
  • वीसी जब छात्रों से मिलने नहीं पहुंचे तो आक्रोशित छात्रों ने कुलपति आवास को घेर लिया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
  • धरनारत छात्रों का कहना है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक हम यहीं विरोध करेंगे और आंदोलन खत्म नहीं करेंगे.

एससी-एसटी और ओबीसी छात्रों के साथ बीएचयू में नाइंसाफी
आंदोलन करने वाले ज्यादातर छात्र शोध छात्र हैं. छात्रों का आरोप है कि बीएचयू में शोध प्रवेश परीक्षा में एससी एसटी और ओबीसी छात्रों के साथ नाइंसाफी कर सीटों में कटौती की गई है. छात्रों ने आरोप लगाए हैं कि अनारक्षित सीट के बहाने बीएचयू सवर्ण जाति के छात्र छात्राओं को शोध में प्रवेश देना चाह रहा है जिसका हम सब विरोध कर रहे हैं.

बीएचयू में शोध प्रकिया प्रवेश में एक अलग सा नियम बनाया गया है. यह पूरी तरह अमर्यादित है. एससी एसटी का जो 49 फीसदी एडमिशन का हक है वह नहीं मिल रहा है. इस गैरकानूनी प्रक्रिया को हम किसी भी तरीके से बीएचयू में नहीं चलने देंगे. हमारी मांग है कि जो भी संविधान नियम के तहत है. उस नियम की तरह एडमिशन लिये जाएं. जो रोस्टर प्रणाली है उसका विश्वविद्यालय प्रशासन अनुपालन करें.
-रविंद्र प्रकाश भारती, शोध छात्र, बीएचयू

Intro:वाराणसी काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक बार फिर माहौल गर्व होता दिख रहा है हम आपको बताते चलें की आप से दो साल पहले छात्राओं पर लाठीचार्ज हुआ था जिसे लेकर काफी बवाल मचा था यह छुएं आज छोड प्रवेश किसी को में एसएससी st और obc कि सीटो पर कटौती करने के खिलाफ दर्जनों के संख्या कुलपति आवास का घेराव बल्कि जमकर विरोध प्रदर्शन किया। हम आपको बताते चलें 23 सितंबर 2017 को छेड़खानी के आरोप में विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को देर रात पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज कर पीता था जिसके विरोध में प्रतिवर्ष 23 सितंबर को विश्वविद्यालय को अशांत करने का प्रयास किया जाता है।


Body:दर्जनों की संख्या में छात्र-छात्राओं सेंट्रल ऑफिस पर विरोध प्रदर्शन किया वीसी के नाम मिलने पर आक्रोश छात्रों ने कुलपति आवास को घेर लिया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया छात्र का कहना हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक हम यही विरोध करेगे।जब तक कुलपति आकर हमसे नहीं मिलेंगे हम अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।

आंदोलन करने वाले ज्यादातर छात्र शोध छात्र हैं और जो पिछड़ी और अनुसूचित जनजाति से संबंधित से विरोध प्रदर्शन कर रहा छात्रों का आरोप है कि बीएचयू में शोध प्रवेश परीक्षा में sc st और obc के छात्रों के साथ नाइंसाफी की गई है और सीटों में कटौती की गई है छात्रों ने आरोप लगाए की अनारक्षित सीट के बहाने स्वर्ण जाती के छात्र छात्राओं का शोध में प्रवेश देना चाह रहा है जिसका हम सब विरोध कर रहे है।


Conclusion:रविंद्र प्रकाश भारती ने बताया बीएचयू में शोध प्रकिया प्रेवश में एक अलग सा नियम बनाएगा आज पूरी तरह अमर्यादित है। sc-st का जो 49% एडमिशन का हक है वह नहीं लिया जा रहा है इस गैरकानूनी प्रक्रिया हम किसी भी तरीके से बीएचयू में चलने नहीं देंगे। हमारी या मांग है कि जो भी संविधान नियम है उस नियम की तरह एडमिशन लिया जा जो रोस्टर प्रणाली है उसका विश्वविद्यालय प्रशासन अनुपालन करें हम इससे पहले सेंट्रल ऑफिस बैठे थे वहां बीसी हमसे मिलने वाले थे नहीं मिले हमें पता चला वह यहां से जाने वाले हैं इसलिए हम लोग कुलपति आवास के बाहर बैठे हैं कि हम देखते हैं कि वह अपने बच्चों से बिना मिले कैसे जा सकते हैं जब तक हमारी मांग नहीं पूरी होगी हम यही धरने पर बैठे रहेंगे

बाईट :-- रविंद्र प्रकाश भारती, शोध छात्र, बीएचयू

अशुतोष उपध्याय

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