ETV Bharat / state

प्रियंका गांधी के खिलाफ याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- "सभी के हैं बाबा विश्वनाथ"

वाराणसी न्यायलय ने 20 मार्च 2019 को प्रियंका गांधी द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने के खिलाफ न्यायलय में दाखिल प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि "किसी के मंदिर में दर्शन पूजन करने से किसी कि भावना आहत नहीं होती हैं."

Priyanka Gandhi
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी
author img

By

Published : Dec 8, 2020, 8:44 PM IST

वाराणसी: वाराणसी न्यायलय में अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने 20 मार्च 2019 को प्रियंका गांधी द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने के खिलाफ न्यायलय में दाखिल प्रार्थना पत्र को अदालत ने खारिज कर दिया है. यह प्रार्थनापत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एसपी यादव की अदालत में दिया गया था. प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए कहा गया कि मंदिर के महंत ने यह अभिमत व्यक्त किया है कि बाबा विश्वनाथ का कोई जाति धर्म नहीं है, वह सभी के हैं. प्रियंका वाड्रा भी हिन्दू भावना से बाबा के प्रति भाव लेकर आई हैं, जिसका स्वागत किया गया है.

अदालत ने कहा कि किसी के मंदिर में दर्शन पूजन करने से किसी कि भावना आहत नहीं होती हैं. प्रियंका गांधी द्वारा ऐसा कृत्य नहीं किया गया है, जो संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है. ऐसे में आवेदक का प्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है. अधिवक्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. आरोप था कि कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ईसाई धर्मावलंबी परिवार से हैं. उनके द्वारा विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर दर्शन पूजन किया गया, जिससे हिंदुओं की धार्मिक भावना आहत हुई है.

क्यों दाखिल गई थी याचिका
अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने बनारस के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र देकर कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के विश्वनाथ मंदिर में पूजन पर आपत्ति जताई थी. अधिवक्ता प्रियंका का ईसाई धर्मावलंबी परिवार से सम्बन्ध बताया गया था. इसमें आगे लिखा था कि प्रियंका गांधी ने 20 मार्च 2019 को काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर दर्शन पूजन किया था, जिससे हिंदुओं की धार्मिक भावना आहत हुई है. साथ ही मंदिर में दर्शन-पूजन करने पर रोक लगाने के लिए जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों से अपील भी किया गया था, लेकिन कार्रवाई न होने के कारण अधिवक्ता ने अदालत में अपील की थी.

वाराणसी: वाराणसी न्यायलय में अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने 20 मार्च 2019 को प्रियंका गांधी द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने के खिलाफ न्यायलय में दाखिल प्रार्थना पत्र को अदालत ने खारिज कर दिया है. यह प्रार्थनापत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एसपी यादव की अदालत में दिया गया था. प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए कहा गया कि मंदिर के महंत ने यह अभिमत व्यक्त किया है कि बाबा विश्वनाथ का कोई जाति धर्म नहीं है, वह सभी के हैं. प्रियंका वाड्रा भी हिन्दू भावना से बाबा के प्रति भाव लेकर आई हैं, जिसका स्वागत किया गया है.

अदालत ने कहा कि किसी के मंदिर में दर्शन पूजन करने से किसी कि भावना आहत नहीं होती हैं. प्रियंका गांधी द्वारा ऐसा कृत्य नहीं किया गया है, जो संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है. ऐसे में आवेदक का प्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है. अधिवक्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. आरोप था कि कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ईसाई धर्मावलंबी परिवार से हैं. उनके द्वारा विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर दर्शन पूजन किया गया, जिससे हिंदुओं की धार्मिक भावना आहत हुई है.

क्यों दाखिल गई थी याचिका
अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने बनारस के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र देकर कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के विश्वनाथ मंदिर में पूजन पर आपत्ति जताई थी. अधिवक्ता प्रियंका का ईसाई धर्मावलंबी परिवार से सम्बन्ध बताया गया था. इसमें आगे लिखा था कि प्रियंका गांधी ने 20 मार्च 2019 को काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर दर्शन पूजन किया था, जिससे हिंदुओं की धार्मिक भावना आहत हुई है. साथ ही मंदिर में दर्शन-पूजन करने पर रोक लगाने के लिए जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों से अपील भी किया गया था, लेकिन कार्रवाई न होने के कारण अधिवक्ता ने अदालत में अपील की थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.