वाराणसी: धर्म और आस्था की नगरी बनारस में इन दिनों पर्यटन कारोबार खूब फल-फूल रहा है. दूर दराज से आने वाले पर्यटक यहां आकर मन की शांति प्राप्त करते हैं. लेकिन बनारस की सड़कों पर लगने वाला जाम इन दिनों लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. बनारस की गलियों को तंग करने में सबसे ज्यादा अतिक्रमण ई-रिक्शा की वजह से हो रहा है. ई-रिक्शा चालकों की वजह से सड़कों पर आए दिन जाम की स्थिति पनप जाती है.
वाराणसी में पीएम मोदी की पहल पर ने ई-रिक्शा का संचालन शुरू हुआ था. ई-रिक्शा स्कीम लॉन्च करने का मकसद गरीब-असहाय व जरूरतमंदो को जीविकोपार्जन के लिए रोजगार उपलब्ध कराना था. इसके अलावा पेडल रिक्शा की जगह ई-रिक्शा का संचालन अमानवीय तरीके से लोगों को बैठाकर सवारी ढोने की परंपरा को भी खत्म करना था. लेकिन अब यही ई-रिक्शे सड़कों पर तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. सड़कों पर बढ़ती ई-रिक्शा की संख्या की वजह से यहां आने वाले पर्यटकों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
काशी में हर दिन बढ़ रही ई-रिक्शों की संख्या
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में ई-रिक्शा कीव संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. ट्रैफिक विभाग के आंकड़ों पर गौर करें, तो वर्तमान समय में वाराणसी में ई-रिक्शा की संख्या 18,475 है. जब ई-रिक्शों को लाइसेंस दिया जा रहा था, तब 6,500 से 7,000 के बीच इनकी संख्या निर्धारित करने की प्लानिंग की गई थी. ताकि ई-रिक्शा और ऑटो एक साथ संचालित हो सकें. इसके अलावा ट्रैफिक का लोड ना बढ़े, लेकिन ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या बनारस की ट्रैफिक व्यवस्था को ध्वस्त कर चुकी है. पहले से ही 12,700 से ज्यादा ऑटो सड़क पर फर्राटा भर रहे हैं.
इसके अतिरिक्त लगभग 6,500 पेडल रिक्शा भी सड़क पर दौड़ रहे हैं. जिनको बंद करके ई-रिक्शा संचालित करना था. लेकिन पेडल रिक्शों को बंद नहीं किया जा सका है. वाराणसी में ट्रैफिक की वजह से आम जन को परेशानी हो रही है. साथ ही पर्यटकों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. दूर स्थानों से आने वाले सैलानियों का कहना है कि यहां पर ई-रिक्शा वालों की मनमानी झेलनी पड़ती है. रेट का अंदाजा ना होने की वजह से रिक्शा संचालक छोटे-छोटे डेस्टिनेशन के ज्यादा पैसे मांगते हैं.
रिक्शा चालक 3 से 4 किलोमीटर चलने के एवज में 200 से 300 रुपये वसूलते हैं. वहीं, रात के वक्त ई-रिक्शा चालक बिना हेड लाइट ऑन किए फर्राटा भरते हैं, जिसकी वजह से कई बार हादसे हो जाते हैं. शहर में फैले इस ई-रिक्शे के मकड़जाल के संबंध में ईटीवी भारत की टीम ने यातायात अपर पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार पुरी से बातचीत की.
दिनेश कुमार पुरी ने बताया कि समय-समय पर अभियान चलाया जाता है. ई-रिक्शे की वजह से सबसे बड़ी परेशानी ट्रैफिक जाम की है. चालकों की मनमानी की वजह से ट्रैफिक की समस्या बढ़ रही है. यातायात अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि बैटरी संचालित रिक्शा होने के कारण अधिकांश चालक बैटरी बचाने के लिए हेड लाइट ऑन नहीं करते हैं. जिसकी वजह से दुर्घटनाएं भी होतीं हैं. इनको रोकने के लिए प्लानिंग की गई है और जल्द ही एक्शन लिया जाएगा.
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