वाराणसी: संत रविदास की 644 वीं जयंती पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय(बीएचयू) में 26 और 27 फरवरी को कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. आईएमएस (बीएचयू) के केएन उड़प्पा सभागार में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी के बाद 27 फरवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम और शोभायात्रा भी निकाली जाएगी.
राज्यसभा सदस्य डॉ. अशोक सिद्धार्थ संत रविदास के जीवन पर डाला प्रकाश
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बीएचयू बहुजन इकाई ने भव्य तरीके से संत शिरोमणि गुरु रविदास का 644 वां जन्मदिन मनाया. मुख्य अतिथि बीएसपी के राज्यसभा सदस्य डॉ. अशोक सिद्धार्थ ने संत रविदास के जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं पर विचार रखे. उन्होंने कहा कि संत रविदास ने बहुजन आंदोलन को आगे बढ़ाने, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने और समाज को संगठित करने का काम किया.
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मुख्य वक्ता दलित लेखक संघ की अध्यक्ष डॉ. अनीता भारती ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संत रविदास सामाजिक क्रांतिकारी चिंतन से समाज का उद्धार किया. संत रविदास की गिनती महान संतों में होती है. वे बहुत ही सरल हृदय और दुनिया को आडंबर छोड़कर हृदय की पवित्रता पर बल देते थे. युवाओं को संत की तरह क्रांतिकारी विचारवान बनना होगा, तभी समाज में वैचारिक क्रांति आएगी.