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वाराणसी: झमाझम बारिश ने बढ़ाई परेशानी, तिरपाल से ढका गया पंडाल

वाराणसी जिले में शुक्रवार शाम को हुई बारिश ने दुर्गा पंडालों में पूजा के दौरान खलल डाल दिया . दुर्गा पंडालों में शाम के समय संध्या आरती हो रही थी उसी दौरान हुई बारिश के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. आनन फानन में आयोजकों ने पंडाल पर तिरपाल बिछाए.

तिरपाल से ढका गया पंडाल
तिरपाल से ढका गया पंडाल
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Published : Oct 24, 2020, 11:27 AM IST

वाराणसी: एक ओर जहां वैश्विक महामारी कोरोना के कारण दुर्गा पूजा महोत्सव में इस बार रौनक देखने को नहीं मिल रही. वहीं बेमौसम हुई बरसात ने आयोजकों की परेशानी और बढ़ा दी. धर्म नगरी काशी में सप्तमी के दिन शाम के समय दुर्गा पूजा पंडालों में आरती के दौरान अचानक से हुई बरसात ने लोगों को परेशानी में डाल दिया. जिसके बाद आनन-फानन में आयोजकों ने पंडाल पर तिरपाल बिछाए.

तिरपाल से ढका गया पंडाल
पंडाल के ऊपर लगाए तिरपाल
सप्तमी के दिन शाम के समय धर्म नगरी काशी में पूजा पंडालों में मां की आराधना शुरू होते ही अचानक बारिश होने लगी. आनन-फानन में आयोजकों ने कपड़े के पर्दों से बने पंडाल के ऊपर मोटी प्लास्टिक की तिरपाल बिछाई. साथ ही पंडाल के अंदर बरसात की पानी के निकासी के लिए जगह-जगह बांस-बल्ली लगाए. जिससे पानी एक तरफ एकत्रित ना हो सके. श्री दुर्गा पूजा स्पोर्टिंग क्लब के सदस्य मदन लाल मौर्या ने बताया कि आज सप्तमी के दिन बेमौसम की बारिश हुई है.
काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. किसी तरह मां की पूजा चल रही है और मां की ही शक्ति है कि जो यह पूजा बिना रुके चल रही है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 की गाइड लाइन के कारण पंडाल छोटे और बिना वाटरप्रूफ के बनाए गए थे. इसलिए बरसात का पानी पंडाल के अंदर आ गया. बरसात के पानी से बचने के लिए आनन-फानन में पंडाल के ऊपर से प्लास्टिक डाला गया
307 पंडालों में प्रतिमाएं, 116 पंडालों में हो रहा कलश पूजन
काशी में हर साल दुर्गा पूजा बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है. जिले में प्रति वर्ष कुल परंपरागत 459 स्थानों पर दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित होती हैं, लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना के कारण प्रशासन द्वारा मिली अनुमति के अनुसार 307 पंडालों में ही प्रतिमाएं स्थापित होंगी और 116 पंडालों में कलश की स्थापना की गई है.
यह है गाइडलाइन्स
शासन की ओर से जारी किए गए गाइडलाइंस के अनुसार, परिसर में स्थापित पंडाल में 200 से अधिक व्यक्ति एक साथ एकत्रित नहीं हो सकेंगे. प्रसाद को पैकेट में वितरण करना होगा. खुले स्थान पर 100 से अधिक व्यक्तियों को एकत्रित करने की छूट किसी को भी नहीं दी जाएगी. पूजा समितियों की ओर से तैनात स्वयंसेवक भीड़ को नियंत्रित करेंगे स्वयंसेवकों को नेम प्लेट भी अनिवार्य लगाना होगा. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. लाउडस्पीकर पर भक्ति गीतों के साथ वैश्विक महामारी कोरोना के रोकथाम को जारी गाइडलाइन का प्रसारण करना होगा.

वाराणसी: एक ओर जहां वैश्विक महामारी कोरोना के कारण दुर्गा पूजा महोत्सव में इस बार रौनक देखने को नहीं मिल रही. वहीं बेमौसम हुई बरसात ने आयोजकों की परेशानी और बढ़ा दी. धर्म नगरी काशी में सप्तमी के दिन शाम के समय दुर्गा पूजा पंडालों में आरती के दौरान अचानक से हुई बरसात ने लोगों को परेशानी में डाल दिया. जिसके बाद आनन-फानन में आयोजकों ने पंडाल पर तिरपाल बिछाए.

तिरपाल से ढका गया पंडाल
पंडाल के ऊपर लगाए तिरपाल
सप्तमी के दिन शाम के समय धर्म नगरी काशी में पूजा पंडालों में मां की आराधना शुरू होते ही अचानक बारिश होने लगी. आनन-फानन में आयोजकों ने कपड़े के पर्दों से बने पंडाल के ऊपर मोटी प्लास्टिक की तिरपाल बिछाई. साथ ही पंडाल के अंदर बरसात की पानी के निकासी के लिए जगह-जगह बांस-बल्ली लगाए. जिससे पानी एक तरफ एकत्रित ना हो सके. श्री दुर्गा पूजा स्पोर्टिंग क्लब के सदस्य मदन लाल मौर्या ने बताया कि आज सप्तमी के दिन बेमौसम की बारिश हुई है.
काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. किसी तरह मां की पूजा चल रही है और मां की ही शक्ति है कि जो यह पूजा बिना रुके चल रही है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 की गाइड लाइन के कारण पंडाल छोटे और बिना वाटरप्रूफ के बनाए गए थे. इसलिए बरसात का पानी पंडाल के अंदर आ गया. बरसात के पानी से बचने के लिए आनन-फानन में पंडाल के ऊपर से प्लास्टिक डाला गया
307 पंडालों में प्रतिमाएं, 116 पंडालों में हो रहा कलश पूजन
काशी में हर साल दुर्गा पूजा बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है. जिले में प्रति वर्ष कुल परंपरागत 459 स्थानों पर दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित होती हैं, लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना के कारण प्रशासन द्वारा मिली अनुमति के अनुसार 307 पंडालों में ही प्रतिमाएं स्थापित होंगी और 116 पंडालों में कलश की स्थापना की गई है.
यह है गाइडलाइन्स
शासन की ओर से जारी किए गए गाइडलाइंस के अनुसार, परिसर में स्थापित पंडाल में 200 से अधिक व्यक्ति एक साथ एकत्रित नहीं हो सकेंगे. प्रसाद को पैकेट में वितरण करना होगा. खुले स्थान पर 100 से अधिक व्यक्तियों को एकत्रित करने की छूट किसी को भी नहीं दी जाएगी. पूजा समितियों की ओर से तैनात स्वयंसेवक भीड़ को नियंत्रित करेंगे स्वयंसेवकों को नेम प्लेट भी अनिवार्य लगाना होगा. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. लाउडस्पीकर पर भक्ति गीतों के साथ वैश्विक महामारी कोरोना के रोकथाम को जारी गाइडलाइन का प्रसारण करना होगा.
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