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वाराणसी: रानी लक्ष्मीबाई जयंती की पूर्व संध्या पर लोगों ने किया दीपदान

यूपी के वाराणसी में जन्मी रानी लक्ष्मीबाई की मंगलवार को जयंती है. इसी के उपलब्क्ष में जागृति फाउंडेशन द्वारा उनकी जन्मस्थली को दीपों से सजाया गया और उनको नमन भी किया गया.

रानी लक्ष्मीबाई जयंती की पूर्व संध्या पर जन्म स्थली पर हुआ दीपदान।
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Published : Nov 18, 2019, 10:25 PM IST

वाराणसी: खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी... यह कविता हम सब ने बचपन में पढ़ी होगी, लेकिन यह बहुत कम ही लोग जानते हैं,कि महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में हुआ था. इसी लेकर आज उनके जयंती की पूर्व संध्या पर उनकी जन्मस्थली को दीपों से सजाया गया और उनको नमन भी किया गया.

रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर हुआ दीपदान.

जागृति फाउंडेशन के सदस्यों ने दीपदान किया
जिले के भदैनी में 19 नवंबर 1835 को देश की महान वीरांगना का जन्म हुआ था. इसी को लेकर जागृति फाउंडेशन द्वारा उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर परिसर को साफ किया गया. वहीं इसके साथ ही महारानी लक्ष्मीबाई को माल्यार्पण करने के बाद दीपों से पूरे प्रांगण को सजाया गया. इसके बाद रानी लक्ष्मीबाई अमर रहे के जयघोष से पूरा परिसर गूंज उठा.

जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्रा ने बताया कि
आज हम लोगों ने देश की वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई की 184 जयंती की पूर्व संध्या पर दीपदान किया साथ ही उनको नमन किया. हमारा देश उनके बलिदान को कभी भूल नहीं सकता. इस उद्देश्य से हम लोगों ने उन्हें एक श्रद्धांजलि भी अर्पित की. हम सरकार से यह मांग करते हैं, उनके जन्म स्थली पर सरकार द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.

पढ़ें: काशी के अस्सी घाट पर दिव्यांग छात्रों ने किया शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम

वाराणसी: खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी... यह कविता हम सब ने बचपन में पढ़ी होगी, लेकिन यह बहुत कम ही लोग जानते हैं,कि महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में हुआ था. इसी लेकर आज उनके जयंती की पूर्व संध्या पर उनकी जन्मस्थली को दीपों से सजाया गया और उनको नमन भी किया गया.

रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर हुआ दीपदान.

जागृति फाउंडेशन के सदस्यों ने दीपदान किया
जिले के भदैनी में 19 नवंबर 1835 को देश की महान वीरांगना का जन्म हुआ था. इसी को लेकर जागृति फाउंडेशन द्वारा उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर परिसर को साफ किया गया. वहीं इसके साथ ही महारानी लक्ष्मीबाई को माल्यार्पण करने के बाद दीपों से पूरे प्रांगण को सजाया गया. इसके बाद रानी लक्ष्मीबाई अमर रहे के जयघोष से पूरा परिसर गूंज उठा.

जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्रा ने बताया कि
आज हम लोगों ने देश की वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई की 184 जयंती की पूर्व संध्या पर दीपदान किया साथ ही उनको नमन किया. हमारा देश उनके बलिदान को कभी भूल नहीं सकता. इस उद्देश्य से हम लोगों ने उन्हें एक श्रद्धांजलि भी अर्पित की. हम सरकार से यह मांग करते हैं, उनके जन्म स्थली पर सरकार द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.

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Intro:खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी। यह कविता हम सब ने बचपन में पढ़ी होगी। लेकिन यह बहुत कम ही लोग जानते हैं कि महारानी लक्ष्मी बाई का जन्म धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में हुआ।आज उनके जयंती की पूर्व संध्या पर उनकी जन्मस्थली को दीपों से सजाया गया और उनको नमन किया गया।


Body:जिले के भदैनी में 19 नवंबर 1835 में देश की महान वीरांगना का जन्म काशी के इसे स्थान पर हुआ। जागृति फाउंडेशन द्वारा उनके जयंती की पूर्व संध्या पर परिसर को पूरी तरह साफ सफाई कर महारानी लक्ष्मीबाई को माल्यार्पण करने के बाद दीपों से पूरे प्रांगण को सजाया गया। महारानी लक्ष्मीबाई के त्याग और बलिदान को याद किया गया। दीप के माध्यम से लोगों ने उनको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया। रानी लक्ष्मीबाई अमर रहे के जयघोष से पूरा परिसर गूंज उठा।


Conclusion:रामयश मिश्रा बताया आज हम लोगों ने देश की वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई के 184 जयंती की पूर्व संध्या पर दीपदान किया। उनको नमन किया हमारा मात्र एक उद्देश्य था हमारा देश उनके बलिदान को कभी भूल नहीं सकता। इस उद्देश्य से हम लोगों ने उन्हें एक श्रद्धांजलि भी अर्पित किया। हम सरकार से यह मांग करते हैं। उनके जन्म स्थली पर सरकार द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उसके साथी काशी से बुंदेलखंड तक चलने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस का नाम बदलकर महारानी लक्ष्मीबाई किया। जाए क्योंकि यह एकमात्र ट्रेन है जो उनके जन्म स्थली से लेकर उनके शहीद स्थली तक चलती है।

बाईट :-- रामयश मिश्रा,महासचिव, जागृति फाउंडेशन।

अशुतोष उपाध्याय
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