वाराणसी : कागजों पर काशी नगरी भले ही स्मार्ट सिटी की ओर अग्रसर हो रही है, मगर पीएम के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को यहीं के ठेकेदार पलीता लगा रहे हैं. विश्वनाथ गली स्थित नीची ब्रह्मपुरी इलाके में एक बंद गली लगभग महीने भर पहले ही खोदी गई थी, मगर खुदाई के बाद उसे वैसे ही छोड़ दिया गया. बंद गली होने के नाते स्थानीय निवासियों को बाहर आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऊपर से ठेकेदार भी उनकी समस्याएं नहीं सुन रहा है.
पेयजल और सीवर पाइप बिछाने के लिए हुई खुदाई
नीची ब्रह्मपुरी इलाके के निवासी पूर्व बैंककर्मी राजदेव मिश्रा ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर इस गली की खुदाई की गई, जबकि यहां ये सारी व्यवस्थाएं पहले से ही व्याप्त थीं. अब महीनों बीत चुके हैं, मगर इस गली की सुध लेने वाला कोई भी नहीं है. उन्होंने बताया कि रात के समय आते-जाते लोगों के इन गड्ढों में गिरने का खतरा बना रहता है.
इस गली में कोई नहीं आना चाहता
जब से इस गली की खुदाई हुई है, तब से इस गली में बाहरी लोग आना नहीं चाहते. खासकर गली दूध और अन्य जरूरी चीजों की सप्लाई करने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दूध विक्रेता छोटेलाल यादव का कहना है कि इस गली में आते वक्त बहुत सावधानी रखनी पड़ती है. गली इतनी खराब हो चुकी है कि यहां दुर्घटना का डर लगा रहता है.
कोविड-19 के समय बढ़ रहा संक्रामक रोगों का खतरा
गली के लोगों का कहना है कि एक तो कोरोना वायरस का समय चल रहा है और ऊपर से इस गली में सीवर खुले हुए हैं, जिसके कारण संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है. यहीं के निवासी सूरज देववंशी ने बताया कि गली को इस तरह से खुदाई कर छोड़ा गया है कि गंदगी साफ दिखती है. सीवर के खुले होने की वजह से बदबू के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है.
ठेकेदार ने दिए गोलमोल जवाब
इस संबंध में जब गली का निर्माण करा रहे ठेकेदार विजय वर्मा से बात की गई तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिए. उनसे जब गली की खुदाई के बारे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि लेबर की कमी के कारण काम में देरी हो रही है. गली का काम कब समाप्त होगा, इस पर भी ठेकेदार ने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया और जल्द ही काम पूरा करा देने की बात कही.