वाराणसी: योगी सरकार ने परिवहन निगम की बसों से प्रेशर हॉर्न हटाने के आदेश दिए हैं. इसके बाद अब बसों में निर्धारित हॉर्न ही उपयोग किए जाएंगे. वहीं अब बसों में प्रेशर हॉर्न लगाने पर सरकार ने जुर्माना भी तय कर दिया है. सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश परिवहन के बस चालकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. कुछ बस चालक सरकार के इस फैसले को सही ठहराते हुए दिखे, तो कुछ इस फैसले के खिलाफ नजर आ रहे हैं.
एक बस चालक विभूति नारायण ने इस फैसले को सही बताया. उसके अनुसार, बसों से प्रेशर हॉर्न को हटाया जाना सही है. प्रेशर हॉर्न से पब्लिक को काफी समस्या होती है. वहीं कुछ बस चालकों के अनुसार, यदि बसों में से प्रेशर हॉर्न निकाल दिया जाएगा तो प्रेशर निकलने के कारण बस में ब्रेक लगाने में समस्या होगी. बस ड्राइवरों का कहना है कि प्रेशर हॉर्न बजाने के बावजूद लोग सड़कों पर बने रहते हैं. ऊपर से अगर प्रेशर हॉर्न हटा दिया जाएगा तो शहर के भीतर बसों के संचालन में समस्या होगी. हालांकि बस चालकों का ये भी मानना था कि जरूरत के हिसाब से ही हॉर्न का उपयोग करना चाहिए.
वहीं बस चालक गणेश सोनकर ने बताया कि प्रेशर हॉर्न को निकालकर जो टीपी हॉर्न लगाए जा रहे हैं उससे प्रेशर का पता नहीं चलता है और ब्रेक लगाने में समस्या आती है. इस प्रकार से सड़क पर दुर्घटना होने की आशंका रहेगी. दूसरी तरफ इस फैसले से यात्रियों में संतोष देखा गया. यात्रियों का कहना है कि प्रेशर हॉर्न के चलते जहां एक ओर ध्वनि प्रदूषण फैलता है तो वहीं दूसरी ओर मनुष्य के कान को भी नुकसान पहुंचता है, इसलिए सरकार का यह फैसला सही है.