वाराणसी : इस बार पूरे प्रदेश में गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिल रहा है. 40 डिग्री से ऊपर का तापमान हर किसी की हालत खराब कर दे रहा है. जहां लोग गर्मी के डर से खाना खाने से दूर भाग रहे, वहीं कुछ लोग बाहर की चीजें अभी भी नहीं छोड़ पा रहे हैं. पानी की कमी भी शरीर को नुकसान पहुंचा रही है. ऐसे में बीमारियों ने भी अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है. वाराणसी में एक हफ्ते में 700 से ज्यादा मामले आ चुके हैं. 100 बच्चों में डायरिया के लक्षण मिले हैं.
इस बार भीषण गर्मी के कारण लोगों की हालत खराब है. समय से खाना न खाना और सही चीज न खाना शरीर को नुकसान पहुंचा रहा है. ऊपर से पानी की कम मात्रा से शरीर की ताकत खत्म हो रही है. दिनभर धूम में काम करते रहना या घूमना भी घातक बनता जा रहा है. ऐसे में वाराणसी में बड़ों के साथ बच्चों को भी इस गर्मी ने परेशान कर दिया है.
रोजाना 150 बच्चे पहुंच रहे अस्पताल : बता दें कि वाराणसी के मंडलीय अस्पताल में बाल रोग विभाग की ओपीडी में बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है. ओपीडी में रोजाना लगभग 150 बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक, इनमें नवजात बच्चों से लेकर 14 साल की उम्र तक के बच्चे शामिल हैं. ज्यादातर में डायरिया के लक्षण की बात सामने आई है. बीते एक हफ्ते में 900 से ज्यादा बच्चों में डायरिया के लक्षण मिले हैं, जिनका इलाज किया गया है.
डायरिया के मामले आ रहे अधिक : अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक, कज्जाकपुरा, अलईपुर, पीलीकोठी, लाटसरैया, औरंगाबाद, सरैया आदि इलाकों से डायरिया के मामले ज्यादा आ रहे हैं. मंडलीय अस्पताल में 18 बेड का बच्चों का वार्ड फुल रहता है. गंभीर रूप से बीमार बच्चों को भर्ती किया जा रहा है. जगह न होने पर अन्य वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है. पंडित दीनदयाल अस्पताल, एमएस अस्पताल बीएचयू में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है. निजी अस्पतालों में भी लोग जा रहे हैं.
स्कूल गई लड़की की अचानक तबीयत खराब : अस्पताल पहुंची एक परिजन ने बताया कि 'वह अपनी बेटी को लेकर आई हैं. उन्होंने बताया कि सुबह वह स्कूल गई थीं. जब वह गई तब ठीक थी, लेकिन जब वापस आई तो बिस्तर पर पड़ गई. जब उन्होंने पूछा कि क्या हुआ है तो कुछ बता नहीं पाई. थोड़ी ही देर में उल्टियां शुरू हो गईं. इसके बाद अस्पताल लेकर आए. यहां डॉक्टर ने कुछ जांच लिखी है. उसका इलाज चल रहा है. बता दें कि इस गर्मी में ऐसे लक्षण बहुत से लोगों में देखने को मिल रहे हैं, जिनकी अचानक तबीयत खराब हो जा रही है.'
अस्पताल में दवाओं का स्टॉक : चिकित्सकों का कहना है कि 'गर्मी अधिक बढ़ने के कारण बच्चों में डायरिया अधिक बढ़ रहा है. बच्चों में सर्दी-खांसी के लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं. उनका कहना है कि इस भीषण गर्मी में बचाव करना ही बड़ा उपाय है. अस्पतालों में बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ओआरएस और एंटीबायोटिक दवाओं का इंतजाम कर लिया गया है. लगभग 150 बच्चों में 75 फीसदी बच्चे डायरिया से ही पीड़ित हैं. गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों को एडमिट करके इलाज किया जा रहा है.'
मंडलीय अस्पताल के सीएमएस डाॅ. एसपी सिंह के मुताबिक, 'पेट में इंफेक्शन होना, खान-पान सही से न करना, दवाओं के साइड इफेक्ट होना, खाने-पीने की चीजों से एलर्जी होना इसके पहले कारणों में आता है. इसके साथ ही वायरल इंफेक्शन, फूज प्वाइजनिंग की वजह से दिक्कत आ रही है. ये समस्या गर्मी के दिनों में अधिक सामने आती है. इसके साथ ही जो लोग रेडिएशन थेरेपी करा रहे हैं उन्हें भी दिक्कतें आ रही हैं. खाने-पीने की चीजों में गंदगी भी इंफेक्शन का कारण बनता है.'
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