वाराणसी: देश में कुर्बानी का पर्व ईद-उल-अजहा मनाया जा रहा है. वहीं जिले में यह त्योहार ईद-उल-अजहा धूमधाम से मनाया जा रहा है. मुस्लिम समाज के लोगों ने ईदगाहों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बकरीद की नमाज अदा की. इस दौरान लोगों ने देश मे अमन-चैन की दुआ मांगी.
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क्यों मनाया जाता है ईद-उल-अजहा-
माना जाता है कि हजरत इब्राहिम ने सपना देखा था. सपने में अल्लाह ने उनसे उनके बेटे हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने को कहा था. ऐसे में वह सपने को हकीकत का रूप देने निकल पड़े. रास्ते में उन्हें तीन शैतान मिले, जो इसमें रूकावट डालना चाहते थे. हालांकि, ऐसा नहीं हो सका. उनकी सच्ची इबादत से बला टल गई.
कैसे बची हजरत इब्राहिम की जान-
कहा जाता है कि अल्लाह ने उनके बेटे को बचा लिया था. हजरत के बदले दुंबा नामक जानवर की कुर्बानी हो गई. तब से यह परंपरा बरकरार है. उसी परंपरा को मानते हुए लोगों ने नमाज अदा की. वहीं लोगों ने कहा कि हम देश की तरक्की और सुख शांति की नमाज में दुआ मांगते हैं.
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कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने पर लोगों की प्रतिक्रिया-
वहीं कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय के लोगो ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी.लोगों ने कहा कि सरकार की यह अच्छी पहल हैं, हम सभी इसका स्वागत करते हैं. वहां लोगों का मानना भी है कि अब वह सीधे तौर पर कश्मीर से जुड़ सकेंगे.