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वाराणसी: कृषि बिल के विरोध में एनएसयूआई ने जमकर की नारेबाजी - एनएसयूआई का प्रदर्शन

वाराणसी जिले में बीएचयू छात्र और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कृषि बिल के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कानून किसानों का गला घोटने का काम कर रहा है.

nsui workers protest
प्रदर्शन करते युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता
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Published : Sep 21, 2020, 5:40 PM IST

वाराणसी: जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर बीएचयू छात्र और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कृषि बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बीजेपी और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए.

गले में लटकाया फांसी का फंदा
युवा कांग्रेस के नेताओं ने हाथों में पोस्टर लेकर नरेंद्र मोदी किसान विरोधी, देश में हाहाकार मरी हुई सरकार है, किसान अध्यादेश कानून का प्रतीकात्मक रूप जलाया. इस दौरान कार्यकर्ता अपने गले में फांसी का फंदा लटकाए हुए थे. उनका कहना था कि मौजूदा बिल किसानों का गला घोटने का काम कर रहा है, इसलिए हम इस तरीके से इसका विरोध कर रहे हैं.

युवा कांग्रेस नेता अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि सरकार के नए कानून में साफ लिखा है कि मंडी के अंदर फसल आने पर मार्केट फीस लगेगी और मंडी के बाहर अनाज बेचने पर मार्केट फीस नहीं लगेगी. ऐसे तो मंडिया धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी और फिर कोई मंडी में माल क्यों खरीदेगा. मोदी सरकार ने तानाशाही तरीके से बिना वोटिंग कराएं बिल को पास कराया है. जब तक सरकार यह बिल वापस नहीं लेगी, हम लोग इसी तरह इसका विरोध करते रहेंगे.

वाराणसी: जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर बीएचयू छात्र और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कृषि बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बीजेपी और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए.

गले में लटकाया फांसी का फंदा
युवा कांग्रेस के नेताओं ने हाथों में पोस्टर लेकर नरेंद्र मोदी किसान विरोधी, देश में हाहाकार मरी हुई सरकार है, किसान अध्यादेश कानून का प्रतीकात्मक रूप जलाया. इस दौरान कार्यकर्ता अपने गले में फांसी का फंदा लटकाए हुए थे. उनका कहना था कि मौजूदा बिल किसानों का गला घोटने का काम कर रहा है, इसलिए हम इस तरीके से इसका विरोध कर रहे हैं.

युवा कांग्रेस नेता अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि सरकार के नए कानून में साफ लिखा है कि मंडी के अंदर फसल आने पर मार्केट फीस लगेगी और मंडी के बाहर अनाज बेचने पर मार्केट फीस नहीं लगेगी. ऐसे तो मंडिया धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी और फिर कोई मंडी में माल क्यों खरीदेगा. मोदी सरकार ने तानाशाही तरीके से बिना वोटिंग कराएं बिल को पास कराया है. जब तक सरकार यह बिल वापस नहीं लेगी, हम लोग इसी तरह इसका विरोध करते रहेंगे.

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