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वाराणसी में नकली दवा के कारोबारियों पर शिकंजा कसा, मुख्य आरोपी पर NSA के तहत कार्रवाई - राष्ट्रीय सुरक्षा कानून

वाराणसी में नकली दवा (spurious medicine in Varanasi) के कारोबारियों पर शिकंजा कसा जा रहा है. एडीसीपी काशी जोन चंद्रकांत मीणा ने कहा कि इस मामले के मुख्य आरोपी के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई की जा रही है.

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Published : Aug 2, 2023, 8:07 AM IST

वाराणसी: सिगरा थाना क्षेत्र के चर्च कॉलोनी स्थित एक स्थान से मार्च के महीने में लगभग 7 करोड़ रुपए की नकली दवाओं (Fake medicine in Varanasi) के मिलने के बाद अब पुलिस इसके गैंग पर कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गई है. 3 मार्च को पुलिस ने वाराणसी के सिगरा इलाके से एसटीएफ की मदद से 7 करोड़ रुपए की नकली दवाएं बरामद की थीं. इनको बांग्लादेश समय देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाता था.

इन दवाओं के 25 नमूने जांच के लिए लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में भेजे गए थे. इनकी रिपोर्ट आने के बाद अप पुलिस इसके आरोपियों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी में जुटी हुई है. वाराणसी में पुलिस की तरफ से मुख्य आरोपी अशोक कुमार के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की कार्रवाई की गई है जबकि पुलिस ने अभी तक सभी 16 आरोपियों पर शिकंजा कसने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है. कागजी तौर पर चीजों को मजबूत करते हुए इन पर कठोर से कठोर धारा में कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.


इस बारे में एडीसीपी काशी जोन चंद्रकांत मीणा ने बताया कि नकली दवा का कारोबार करने वाले किसी हाल में भी बख्शे नहीं जाएंगे. इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जा चुका है. मामले की प्रगति की निगरानी हो रही है.

मुख्य आरोपी अशोक के बाद कई अन्य आरोपियों के खिलाफ भी एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस मामले में एक अन्य आरोपी महिला जो रजनी है वह कोरियर के जरिए दवा मंगवाती थी और इस नकली दवा (spurious medicine in Varanasi) को दूसरे राज्यों में पहुंचाने का भी काम करती थी. इनके पास से कुछ मोबाइल फोन भी बरामद में जिनकी जांच की जा रही है.


फिलहाल एक आरोपी और नकली दवा की कंपनी चलाने वाली हिमाचल की रहने वाली रजनी भार्गव की भूमिका इस मामले में सबसे ज्यादा गंभीर पाई गई है. इसके अतिरिक्त हैदराबाद के लक्ष्मण और बिहार के अशरफ को भी तलाश रही है. एसटीएफ पुलिस ने सिकंदराबाद बुलंदशहर की टीचर्स कॉलोनी से अशोक कुमार को मार्च के महीने में गिरफ्तार किया था. पूछताछ में 16 लोगों के नाम अब तक सामने आए हैं. जिसके बाद पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है. अशोक ने हिमाचल की रजनी भार्गव के साथ मिलकर एक नकली दवा की कंपनी खोल रखी थी. जिसके साथ मिलकर यह पूरा दवा का कारोबार तेजी से पनप रहा था.

वाराणसी: सिगरा थाना क्षेत्र के चर्च कॉलोनी स्थित एक स्थान से मार्च के महीने में लगभग 7 करोड़ रुपए की नकली दवाओं (Fake medicine in Varanasi) के मिलने के बाद अब पुलिस इसके गैंग पर कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गई है. 3 मार्च को पुलिस ने वाराणसी के सिगरा इलाके से एसटीएफ की मदद से 7 करोड़ रुपए की नकली दवाएं बरामद की थीं. इनको बांग्लादेश समय देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाता था.

इन दवाओं के 25 नमूने जांच के लिए लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में भेजे गए थे. इनकी रिपोर्ट आने के बाद अप पुलिस इसके आरोपियों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी में जुटी हुई है. वाराणसी में पुलिस की तरफ से मुख्य आरोपी अशोक कुमार के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की कार्रवाई की गई है जबकि पुलिस ने अभी तक सभी 16 आरोपियों पर शिकंजा कसने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है. कागजी तौर पर चीजों को मजबूत करते हुए इन पर कठोर से कठोर धारा में कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.


इस बारे में एडीसीपी काशी जोन चंद्रकांत मीणा ने बताया कि नकली दवा का कारोबार करने वाले किसी हाल में भी बख्शे नहीं जाएंगे. इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जा चुका है. मामले की प्रगति की निगरानी हो रही है.

मुख्य आरोपी अशोक के बाद कई अन्य आरोपियों के खिलाफ भी एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस मामले में एक अन्य आरोपी महिला जो रजनी है वह कोरियर के जरिए दवा मंगवाती थी और इस नकली दवा (spurious medicine in Varanasi) को दूसरे राज्यों में पहुंचाने का भी काम करती थी. इनके पास से कुछ मोबाइल फोन भी बरामद में जिनकी जांच की जा रही है.


फिलहाल एक आरोपी और नकली दवा की कंपनी चलाने वाली हिमाचल की रहने वाली रजनी भार्गव की भूमिका इस मामले में सबसे ज्यादा गंभीर पाई गई है. इसके अतिरिक्त हैदराबाद के लक्ष्मण और बिहार के अशरफ को भी तलाश रही है. एसटीएफ पुलिस ने सिकंदराबाद बुलंदशहर की टीचर्स कॉलोनी से अशोक कुमार को मार्च के महीने में गिरफ्तार किया था. पूछताछ में 16 लोगों के नाम अब तक सामने आए हैं. जिसके बाद पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है. अशोक ने हिमाचल की रजनी भार्गव के साथ मिलकर एक नकली दवा की कंपनी खोल रखी थी. जिसके साथ मिलकर यह पूरा दवा का कारोबार तेजी से पनप रहा था.

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