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विश्वनाथ मंदिर में कागज की चप्पल पहनकर दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु, पहली बार लागू होगी व्यवस्था - कागज की दफ्ती और जूट की चप्पल

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में अब श्रद्धालुओं को ठंड से बचाने का तरीका अपनाया जा रहा है. खादी ग्राम उद्योग ने एक ऐसी चप्पल बनाई है जिसे पहनकर श्रद्धालु दर्शन भी कर सकते हैं और धार्मिक मान्यताओं की अवहेलना भी नहीं होगी.

विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए चप्पल की व्यवस्था.
विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए चप्पल की व्यवस्था.
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Published : Jan 16, 2022, 4:07 PM IST

Updated : Jan 16, 2022, 5:33 PM IST

वाराणसी: विश्वनाथ धाम की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों, सेवादारों को ठंड से बचाने के लिए पीएमओ ने बीते दिनों उन्हें जूट के बने चप्पल भेजे थे. जिसके बाद श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए खादी ग्राम उद्योग ने एक खास चप्पल बनाई हैं, जिसे पहनकर भक्त मंदिर परिसर में दर्शन-पूजन भी कर सकते हैं. देखिए ये रिपोर्ट...

अपने घरों में भी पूजा के दौरान पहन सकते हैं चप्पल

विश्वनाथ मंदिर परिसर में हर तरफ मार्बल लगे हुए हैं. ऐसे में दर्शनार्थियों को ठंड के दिनों में नंगे पैर लाइन में लगकर दर्शन करने में दिक्कत होती है. इसी समस्या को देखते हुए खादी ग्राम उद्योग ने विशेष चप्पल बनाई है, जिसे पहनकर श्रद्धालु दर्शन भी कर सकते हैं और धार्मिक मान्यताओं की अवहेलना भी नहीं होगी. खादी ग्राम उद्योग के निदेशक डी एस भाटी ने बताया कि यह चप्पल खास तरीके से बनाए गए हैं. इसमें कागज की मोटी दफ्ती और जूट का प्रयोग किया गया है. इससे किसी भी तरीके की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचेगी. उन्होंने बताया कि यदि चप्पल को पानी से बचाया गया तो यह लंबे वक्त के लिए चल सकती हैं. यदि श्रद्धालु चाहें तो दर्शन करने के बाद इन चप्पलों को डिस्पोज भी कर सकते हैं. यह हमारे पर्यावरण के लिए भी काफी हितकारी रहेगा. उन्होंने बताया कि इस चप्पल का प्रयोग श्रद्धालु अपने घर में भी पूजा-पाठ के दौरान कर सकते हैं.

विश्वनाथ मंदिर में चप्पल पहनकर करें दर्शन.
कागज की दफ्ती और जूट की चप्पल
कागज की दफ्ती और जूट की चप्पल

इसे भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी की सौगात, काशी विश्वनाथ मंदिर के कर्मचारियों के लिए भेजे स्पेशल जूते

मंदिर परिसर में सजेंगी दुकानें

फिलहाल ग्रामीण उद्योग की दुकान को मंदिर परिसर से थोड़ी दूरी पर बनाया गया है, लेकिन आगामी दिनों में ये दुकानें मंदिर परिसर के अंदर लगेंगी. दुकान संचालित करने वाले भगवती यादव बताते हैं कि प्रतिदिन लगभग 10-15 जोड़े चप्पलों की बिक्री हो रही है और श्रद्धालुओं इसे खरीद रहे हैं. उन्होंने बताया कि दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए चप्पल की कीमत मात्र 50 रुपये रखी गई है. श्रद्धालु आसानी से इनका प्रयोग अपने घरों में पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक कर्मकांड में भी कर सकते हैं. चप्पल खरीदने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि पहली बार इस सुविधा की शुरुआत की गई है, जो काफी अच्छी है. इससे न ही हमारी धार्मिक मान्यताएं आहत होंगी और न ही ठंड लगेगी.

वाराणसी: विश्वनाथ धाम की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों, सेवादारों को ठंड से बचाने के लिए पीएमओ ने बीते दिनों उन्हें जूट के बने चप्पल भेजे थे. जिसके बाद श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए खादी ग्राम उद्योग ने एक खास चप्पल बनाई हैं, जिसे पहनकर भक्त मंदिर परिसर में दर्शन-पूजन भी कर सकते हैं. देखिए ये रिपोर्ट...

अपने घरों में भी पूजा के दौरान पहन सकते हैं चप्पल

विश्वनाथ मंदिर परिसर में हर तरफ मार्बल लगे हुए हैं. ऐसे में दर्शनार्थियों को ठंड के दिनों में नंगे पैर लाइन में लगकर दर्शन करने में दिक्कत होती है. इसी समस्या को देखते हुए खादी ग्राम उद्योग ने विशेष चप्पल बनाई है, जिसे पहनकर श्रद्धालु दर्शन भी कर सकते हैं और धार्मिक मान्यताओं की अवहेलना भी नहीं होगी. खादी ग्राम उद्योग के निदेशक डी एस भाटी ने बताया कि यह चप्पल खास तरीके से बनाए गए हैं. इसमें कागज की मोटी दफ्ती और जूट का प्रयोग किया गया है. इससे किसी भी तरीके की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचेगी. उन्होंने बताया कि यदि चप्पल को पानी से बचाया गया तो यह लंबे वक्त के लिए चल सकती हैं. यदि श्रद्धालु चाहें तो दर्शन करने के बाद इन चप्पलों को डिस्पोज भी कर सकते हैं. यह हमारे पर्यावरण के लिए भी काफी हितकारी रहेगा. उन्होंने बताया कि इस चप्पल का प्रयोग श्रद्धालु अपने घर में भी पूजा-पाठ के दौरान कर सकते हैं.

विश्वनाथ मंदिर में चप्पल पहनकर करें दर्शन.
कागज की दफ्ती और जूट की चप्पल
कागज की दफ्ती और जूट की चप्पल

इसे भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी की सौगात, काशी विश्वनाथ मंदिर के कर्मचारियों के लिए भेजे स्पेशल जूते

मंदिर परिसर में सजेंगी दुकानें

फिलहाल ग्रामीण उद्योग की दुकान को मंदिर परिसर से थोड़ी दूरी पर बनाया गया है, लेकिन आगामी दिनों में ये दुकानें मंदिर परिसर के अंदर लगेंगी. दुकान संचालित करने वाले भगवती यादव बताते हैं कि प्रतिदिन लगभग 10-15 जोड़े चप्पलों की बिक्री हो रही है और श्रद्धालुओं इसे खरीद रहे हैं. उन्होंने बताया कि दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए चप्पल की कीमत मात्र 50 रुपये रखी गई है. श्रद्धालु आसानी से इनका प्रयोग अपने घरों में पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक कर्मकांड में भी कर सकते हैं. चप्पल खरीदने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि पहली बार इस सुविधा की शुरुआत की गई है, जो काफी अच्छी है. इससे न ही हमारी धार्मिक मान्यताएं आहत होंगी और न ही ठंड लगेगी.

Last Updated : Jan 16, 2022, 5:33 PM IST
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