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अब स्कूल में बच्चों का बनेगा हेल्थ कार्ड, टीचर बनेंगे हेल्थ ब्रांड एंबेसडर

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Published : May 17, 2023, 10:26 PM IST

शहर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से बच्चों के लिए खास योजना लागू की जा रही है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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वाराणसीः शहर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से आयुष्मान भारत- स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. इसमें जिले के सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 10 से 19 वर्ष के बच्चों के लिए विभिन्न विषयों पर स्वास्थ्य शिक्षा संबंधी कार्यक्रम किए जाएंगे. इसके साथ ही प्रत्येक सप्ताह एक घंटे रोचक गतिविधियों का सत्र आयोजित कर हर कक्षा से दो छात्रों को ‘हेल्थ एंड वेलनेस मैनेजर’ नामित किया जाएगा.

आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत संचालित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूल जाने वाले बच्चों-किशोर-किशोरियों में स्वास्थ्य स्वच्छता संबंधी गतिविधियों की जानकारी देना है. इसके साथ ही बीमारियों की रोकथाम आदि सेवाओं को उन तक पहुंचाना है. किशोर-किशोरियों में चोट, हिंसा, मादक द्रव्य व नशीले पदार्थों के सेवन, जोखिम भरा यौन व्यवहार, मनोवैज्ञानिक व भावनात्मक विकार को कम किए जाने पर पूरा ज़ोर दिया जाएगा.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि प्रत्येक विद्यालय से दो शिक्षकों, जिनमें एक महिला और एक पुरुष होंगे, को हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर के रूप में नामित किया जाएगा. इन शिक्षकों को स्वास्थ्य शिक्षा व्यवहार को बढ़ावा देने और रोगों के रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. प्रत्येक सप्ताह एक घंटे रोचक गतिविधियों का सत्र आयोजित कर हर कक्षा से दो छात्रों को ‘हेल्थ एंड वेलनेस मैनेजर’ नामित किया जाएगा, जोकि स्वास्थ्य संवर्धन संदेशों को समाज तक पहुंचाने का काम करेंगे.

एसीएमओ डॉ. एके मौर्य ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम बच्चों-किशोर-किशोरियों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी. कार्यक्रम की मोबाइल हेल्थ टीम के माध्यम से चिन्हित 39 प्रकार की जन्मजात बीमारियों व विकृतियों का परीक्षण कर पहचान एवं समाधान करेगी. इसके अलावा साप्ताहिक आयरन एवं फोलिक एसिड अनुपूरण कार्यक्रम के तहत नीली गोली एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (10 फरवरी व 10 अगस्त) के तहत एल्बेण्डाजोल की गोलियों का सेवन सुनिश्चित कराया जाएगा.


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि स्कूलों में प्रत्येक मंगलवार हेल्थ एंड वेलनेस दिवस के रूप में समर्पित किया जाएगा. कार्यक्रम के लिए राज्य स्तर से जनपद के नोडल अधिकारी, नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक व शिक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. जल्द ही जिले के शिक्षकों, आरबीएसके टीम व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा. सभी बच्चों व किशोर-किशोरियों का इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखने के लिए ‘स्टूडेंट हेल्थ कार्ड’ बनाया जाएगा.


उन्होंने बताया कि स्कूल एवं समुदाय में चयनित पीअर एजुकेटर या साथिया ब्लाक किशोर स्वास्थ्य कोआर्डिनेटर इसमें सहयोग करेंगे. इसके लिए हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत सीएचओ, क्षेत्रीय एएनएम ऑडियो, वीडियो एवं व्यवहार परिवर्तन संचार से सम्बंधित आईईसी का उपयोग करेंगे. साथिया एप्लिकेशन एवं हेल्पलाइन नम्बर का उपयोग सत्र के दौरान चर्चा के लिए किया जाएगा. स्कूल में किशोर स्वास्थ्य दिवस व किशोर स्वास्थ्य मंच की कार्ययोजना बनाई जाएगी.

ये भी पढ़ेंः पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर करते थे साइबर ठगी, हापुड़ में 3 ठग गिरफ्तार

वाराणसीः शहर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से आयुष्मान भारत- स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. इसमें जिले के सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 10 से 19 वर्ष के बच्चों के लिए विभिन्न विषयों पर स्वास्थ्य शिक्षा संबंधी कार्यक्रम किए जाएंगे. इसके साथ ही प्रत्येक सप्ताह एक घंटे रोचक गतिविधियों का सत्र आयोजित कर हर कक्षा से दो छात्रों को ‘हेल्थ एंड वेलनेस मैनेजर’ नामित किया जाएगा.

आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत संचालित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूल जाने वाले बच्चों-किशोर-किशोरियों में स्वास्थ्य स्वच्छता संबंधी गतिविधियों की जानकारी देना है. इसके साथ ही बीमारियों की रोकथाम आदि सेवाओं को उन तक पहुंचाना है. किशोर-किशोरियों में चोट, हिंसा, मादक द्रव्य व नशीले पदार्थों के सेवन, जोखिम भरा यौन व्यवहार, मनोवैज्ञानिक व भावनात्मक विकार को कम किए जाने पर पूरा ज़ोर दिया जाएगा.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि प्रत्येक विद्यालय से दो शिक्षकों, जिनमें एक महिला और एक पुरुष होंगे, को हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर के रूप में नामित किया जाएगा. इन शिक्षकों को स्वास्थ्य शिक्षा व्यवहार को बढ़ावा देने और रोगों के रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. प्रत्येक सप्ताह एक घंटे रोचक गतिविधियों का सत्र आयोजित कर हर कक्षा से दो छात्रों को ‘हेल्थ एंड वेलनेस मैनेजर’ नामित किया जाएगा, जोकि स्वास्थ्य संवर्धन संदेशों को समाज तक पहुंचाने का काम करेंगे.

एसीएमओ डॉ. एके मौर्य ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम बच्चों-किशोर-किशोरियों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी. कार्यक्रम की मोबाइल हेल्थ टीम के माध्यम से चिन्हित 39 प्रकार की जन्मजात बीमारियों व विकृतियों का परीक्षण कर पहचान एवं समाधान करेगी. इसके अलावा साप्ताहिक आयरन एवं फोलिक एसिड अनुपूरण कार्यक्रम के तहत नीली गोली एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (10 फरवरी व 10 अगस्त) के तहत एल्बेण्डाजोल की गोलियों का सेवन सुनिश्चित कराया जाएगा.


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि स्कूलों में प्रत्येक मंगलवार हेल्थ एंड वेलनेस दिवस के रूप में समर्पित किया जाएगा. कार्यक्रम के लिए राज्य स्तर से जनपद के नोडल अधिकारी, नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक व शिक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. जल्द ही जिले के शिक्षकों, आरबीएसके टीम व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा. सभी बच्चों व किशोर-किशोरियों का इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखने के लिए ‘स्टूडेंट हेल्थ कार्ड’ बनाया जाएगा.


उन्होंने बताया कि स्कूल एवं समुदाय में चयनित पीअर एजुकेटर या साथिया ब्लाक किशोर स्वास्थ्य कोआर्डिनेटर इसमें सहयोग करेंगे. इसके लिए हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत सीएचओ, क्षेत्रीय एएनएम ऑडियो, वीडियो एवं व्यवहार परिवर्तन संचार से सम्बंधित आईईसी का उपयोग करेंगे. साथिया एप्लिकेशन एवं हेल्पलाइन नम्बर का उपयोग सत्र के दौरान चर्चा के लिए किया जाएगा. स्कूल में किशोर स्वास्थ्य दिवस व किशोर स्वास्थ्य मंच की कार्ययोजना बनाई जाएगी.

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