वाराणसी: वाराणसी में 5 सितंबर को NIA ने कार्रवाई (NIA raid in BHU) की थी. यह कार्रवाई काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हुई. टीम छात्र संगठन भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा के कार्यालय में दाखिल हुई. इसके बाद पूरे परिसर व प्रशासन में हड़कंप मच गया. एनआईए की टीम ने छापेमारी के दौरान वहां मौजूद दो छात्राओं से करीब 8 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. टीम ने वहां मौजूद दस्तावेज खंगाले और छात्राओं के लैपटॉप, मोबाइल फोन की भी जांच की गई. कुछ गैजेट्स को एनआईए की टीम अपने साथ ले गई और छात्रा आकांक्षा आजाद को पेश होने के लिए नोटिस दे दिया गया. आकांक्षा को लेकर NIA अब कई खुलासे कर रही है.
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में जब एनआईए ने छापेमारी की. उस दौरान भारी संख्या में छात्र संगठन भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा के कार्यालय के नीचे पुलिस बल तैनात था. एनआईए की टीम के साथ कई महिला पुलिसकर्मी भी आई हुई थीं. वाराणसी पुलिस का भी सहयोग लिया गया था. पूरी कार्रवाई के बाद जब टीम वापस चली गई तो इन छात्राओं ने एनआईए की टीम पर आरोप लगाया कि वह भाजपा के लिए काम कर रही है. इसके साथ ही यह भी आरोप लगाया कि छात्र संगठन भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलती है. इसलिए उनपर दवाब बनाने के लिए ऐसा काम किया जा रहा है.
NIA ने आकांक्षा को लेकर किया था खुलासा: 6 सितंबर को NIA ने एक लेटर जारी किया. इसमें एनआईए ने अपनी तरफ से कुछ बातें बिल्कुल साफ कर दीं. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के मुताबिक, BHU की एमफिल स्टूडेंट आकांक्षा का बिहार के प्रतिबंधित नक्सली संगठन CPI Maoist से रिश्ते हैं. वह नक्सली संगठन के एजेंडे पर गुपचुप तरीके से काम कर रही है. वह इस संगठन को दोबारा एक्टिव करने में लगी हुई थी. आकांक्षा को यहां नया कैडर बनाने की जिम्मेदारी दी गयी थी. वह रिक्रूटर के रूप में वाराणसी में काम कर रही थी.
आकांक्षा आजाद के खिलाफ NIA ने सम्मन जारी किया: इतना ही नहीं NIA का दावा है कि आकांक्षा नक्सली संगठन CPI Maoist के चीफ प्रमोद मिश्रा के लिए काम करती है. पिछले महीने बिहार में हुई गिरफ्तारी में रोहित विद्यार्थी नमक युवक गिरफ्तार हुआ है. उसी एफआईआर में आकांक्षा आजाद का भी नाम दर्ज है. ऐसे में NIA ने आकांक्षा के खिलाफ और भी जांच करने का मन बना लिया है. हालांकि छापेमारी के दौरान ही आकांक्षा को 12 सितंबर को लखनऊ NIA की ऑफिस में पेश होने की नोटिस (Akanksha Azad arresting possible on September 12) दे दी गई थी. छात्रा आकांक्षा आजाद के खिलाफ NIA ने सम्मन जारी किया है. मिली जानकारी के मुताबिक, आकांक्षा से लखनऊ में पूछताछ के लिए डिप्टी एसपी रश्मि शुक्ला के नेतृत्व में टीम गठित की गई है.
लखनऊ में आकांक्षा की हो सकती है गिरफ्तारी: बीएचयू में छापेमारी के दौरान जो लैपटॉप जब्त किए गए थे. टीम ने उनकी जांच शुरू कर दी है. टीम को हैरान करने वाली जानकारी पता चली है. NIA को आशंका है कि लैपटॉप से बहुत सारा डाटा डिलीट किया गया है. लैपटॉप में डिलीट डाटा का बैकअप पाने के लिए इसे राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO) लैब में भेजा जाएगा. BHU से उठाए गए दस्तावेजों, लैपटॉप और मोबाइल में कुछ प्रोफेसरों के नंबर मिले हैं. इसके साथ ही 100 से अधिक सक्रिय कार्यकर्ताओं के भी नंबर मिले हैं, जिनके बारे में पता लगाया जा रहा है. वहीं NIA ने आकांक्षा से सवालों की सूची तैयार की है. संतुष्टि वाले जवाब न मिलने पर NIA आकांक्षा को गिरफ्तार कर सकती है.
बीएचयू में छापेमारी के बाद NIA ने क्या किया-
1- भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा के कार्यालय से लैपटॉप, मोबाइल और पेन ड्राइव जब्त किए गए.
2- छात्रा आकांक्षा के पास से NIA की टीम ने कॉम्पैक्ट डिस्क और मेमोरी कार्ड भी लिए हैं.
3- लैपटॉप, मोबाइल और दस्तावेजों में प्रोफेसरों के नंबर भी मिले हैं.
4- लैपटॉप से आंदोलन फोल्डर में अब तक हुए तमाम आंदोलनों की तस्वीरें और खबरें मिलीं.
5- लगभग 100 से अधिक सक्रिय कार्यकर्ताओं के नाम सामने आए हैं.
6- प्रतिबंधित संगठन के सदस्यों की सक्रिय सहभागिता के साक्ष्य भी बरामद हुए हैं.
7- आकांक्षा नक्सली संगठन CPI Maoist के चीफ प्रमोद मिश्रा के लिए काम करती है.