वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर में नियमित दर्शन मामले में कोर्ट की ओर नामित एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की मांग को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से अदालत में दायर की गई अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की लंबी बहस के बाद कोर्ट ने अगली तिथि 11 मई की तारीख तय की है. जबकि इससे पहले इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने वादी पक्ष और एडवोकेट कमिश्नर से आपत्ति मांगी थी. अब तक हुए सर्वे की रिपोर्ट भी कोर्ट में आज पेश की जा सकती है.
कोर्ट में सुनवाई के बाद वादी पक्ष के अधिवक्ता सुधीर कुमार त्रिपाठी ने बताया कि प्रतिवादी पक्ष ने कमीशन बदलने के लिए जो प्रार्थना पत्र दिया था, उस पर कोर्ट ने बहस सुना. वादीगण द्वारा भी प्रार्थना पत्र दिया गया था कि कमीशन की कार्यवाही में जो तहखाना में ताला बंद है, बैरिकेडिंग के अंदर नहीं जाने दिया गया है. इसी बहस के दौरान विपक्षी संख्या चार, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने न्यायालय के समक्ष कहा गया कि न्यायालय स्वतः चलकर मौके का कमीशन करवाए. सुधीर कुमार त्रिपाठी ने बताया कि न्यायालय द्वारा भी मौखिक कहा गया कि अगर ऐसी आवश्यकता समझी जाएगी तो मौके पर चलकर कमीशन की कार्यवाही की जाएगी.
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वहीं, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के अधिवक्ता तौहीद खान ने कहा कि मंगलवार को सुनवाई हुई. लेकिन फाइनल निर्णय नहीं निकला. इसलिए कल यानी बुधवार को सभी प्रकरण पर फाइनल सुनवाई होगी. उन्होंने कहा कि जो अपनी बातें हमने फाइल की थी, उसे लीगल वे में फाइल किया गया और कहा गया कि यह लॉ है, ये मेरा एप्लिकेशन है और यह होना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि 8 अप्रैल को काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन मामले में राखी सिंह समेत चार अन्य महिलाओं की तरफ से दायर की गई याचिका पर कोर्ट ने वकील कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को नियुक्त किया था. इस पर पूरे परिसर की वीडियोग्राफी कराने का आदेश देते हुए इसकी रिपोर्ट तलब की थी. लेकिन बाद में प्रशासन ने इसमें कुछ हस्तक्षेप करके अड़ंगा डालने की कोशिश की, जिस पर कोर्ट ने इस अपील को खारिज करते हुए 26 अप्रैल को 6 मई और 7 मई को कमीशन की कार्रवाई करने का आदेश यथावत रखते हुए इसे पूर्ण करके 10 मई को रिपोर्ट मांगी थी. वहीं, जब 7 मई को कमीशन में शामिल वकील कमिश्नर जब वीडियो ग्राफी की कार्यवाही करने मस्जिद के अंदर दाखिल हो रहे थे तो बवाल हो गया. मुस्लिम पक्ष ने विरोध जताया और कार्यवाही रुक गई. इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मांग की याचिका कोर्ट में दाखिल की है, जिस पर 10 मई यानि मंगलवार को सुनवाई हुई.
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