वाराणसी में नवनिर्वाचित मेयर ने दो बार ली शपथ वाराणसी: जनपद में शुक्रवार को मेयर और पार्षद पद की शपथ ग्रहण प्रक्रिया पूरी की गई. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के मेयर अशोक तिवारी ने एक नहीं बल्कि 2 बार शपथ ली. पहली शपथ संस्कृत में उन्होंने पूरी कि जो पद और गरिमा से जुड़ी हुई थी, जिसे कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने उन्हें दिलवाया. जबकि दूसरी शपथ हाथ में गंगा जल का पात्र लेकर उन्होंने पूरी की, जिसे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दिलवाया.
वाराणसी में शपथ समारोह के दौरान मंच पर उपस्थित भाजपा नेता . दो बार शपथ क्यों?: सबसे बड़ी बात यह है कि इस शपथ ग्रहण समारोह में अशोक तिवारी ने पूरा शपथ पत्र संस्कृत में ही पढ़ा. संस्कृत में शपथ लेने के बाद उन्होंने सभी का अभिवादन स्वीकार किया. उसके कुछ देर बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उन्हें दोबारा एक दूसरी शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया. इस दौरान केशव प्रसाद मौर्या के कहने पर उन्हें हाथ में गंगा जल से भरा हुआ एक कलश दिया गया. शपथ पत्र को केशव प्रसाद मौर्य ने पढ़ते हुए इसे अशोक तिवारी से दोहराने की अपील की. इस शपथ पत्र में वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से किए गए कार्यों और स्वच्छता की शुरुआत अस्सी घाट पर किए जाने की बात का जिक्र किया गया. सफाई कर्मचारियों की तरफ से किए जा रहे प्रयासों को मजबूती प्रदान करने के लिए महीने में 1 दिन पार्षद और मेयर के अलावा बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर पूरे शहर की सफाई व्यवस्था को अपने हाथों से सुनिश्चित करने की शपथ भी दिलाई गई. यह शपथ पत्र शायद पहली बार नगर निगम के शपथ ग्रहण समारोह में पढ़ा.
शपथ समारोह में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य. मेयर को पुलिस ने गेट पर रोका: अशोक तिवारी और सभी पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में किया गया था. पहले यह आयोजन कैंटोनमेंट स्थित एक बड़े होटल के मैदान में होने वाला था. लेकिन यहां पर इस कार्यक्रम को कैंसिल करके इसे रुद्राक्ष में आयोजित किया गया. जहां जबरदस्त भीड़ के बीच यह आयोजन पूरा हुआ, भीड़ भी इस कदर थी की जमकर धक्का-मुक्की हुई. यहां तक की विधायक सौरभ श्रीवास्तव और शपथ लेने के लिए पहुंचे मेयर अशोक तिवारी को भी पुलिस ने गेट पर रोक दिया. जिसके बाद काफी हो हल्ला हुआ और फिर धक्का-मुक्की के बीच उन्हें अंदर एंट्री दी गई.
वाराणसी में पार्षद और मेयर पद शपथ समारोह पहली बार बड़ी जीत: दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के पार्षद इस बार बड़ी संख्या में जीतकर मिनी सदन में पहुंची है. 100 पार्षदों की सीट में से बीजेपी ने वाराणसी मिनी सदन में 63 सीटों पर जीत हासिल की है और मेयर पद पर अशोक कुमार तिवारी ने रिकॉर्ड जीत हासिल की. बीजेपी के अशोक तिवारी ने सपा प्रत्याशी ओपी सिंह को 133137 मतों के अंतर से हराया. यह वाराणसी में अब तक की सबसे बड़ी है. भाजपा प्रत्याशी अशोक तिवारी को 291852 मत मिले थे, जबकि सपा के ओपी सिंह को 158715 मत हासिल हुए थे.
हाथ में गंगा जल लेकर शपथ लेते अशोक तिवारी. पिछले साल से बड़ा अंतर जीत का: वाराणसी में साल 2017 में भाजपा ने कांग्रेस को 78843 मतों से हराया था. भाजपा की मेयर प्रत्याशी मृदुला जायसवाल को 1,92, 188 और कांग्रेस की प्रत्याशी शालिनी यादव को 113345 वोट मिले थे. समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी साधना गुप्ता को 99272 वोट मिले थे. बसपा प्रत्याशी सुधा चौरसिया को 28,959 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था.
शपथ ग्रहण के दौरान जमकर हुई धक्का-मुक्की. शपथ ग्रहण के दौरान जमकर धक्का-मुक्की: शपथ ग्रहण समारोह में लगभग ढाई हजार से ज्यादा की भीड़ पहुंच गई. जिसके बाद अफरातफरी की स्थिति देखने को मिली. हालात यह हुए है कि मेन गेट पर पुलिस के जवानों और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर नोकझोंक, धक्का-मुक्की हुई. इसके बाद हाथापाई की नौबत आई और लोग गिरते पड़ते दिखाई दिए. शपथ ग्रहण समारोह में जितना कार्ड बीजेपी ने बांटा था, उससे कहीं ज्यादा लोग पहुंच गए. जिस पर पुलिस फोर्स को भी बढ़ाया जाने लगा. लेकिन हालात बेकाबू होते गए. यहां तक कि विधायक और जो जीत कर आए पार्षद हैं, उनको भी अंदर प्रवेश नहीं दिया जा रहा था. जिसकी वजह से जमकर नोकझोंक शुरू हो गई. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के तमाम पार्षदों के आरोप रहे कि उन्हें अंदर जाने ही नहीं दिया गया.
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