वाराणसी: नया दशक, नया साल, नई सुबह, नई उम्मीदों की पहली सुबह का स्वागत नमामि गंगे के सदस्यों ने दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की महा आरती करके किया. राष्ट्र ध्वज लेकर आरती के बाद सभी लोगों ने नये वर्ष पर एक-दूसरे को बधाई दी और देश में शांति, समृद्धि और कोरोना से मुक्ति की कामना की.
गंगा रक्षण का संकल्प, ली गई शपथ
1 जनवरी को तिरंगा लेकर नमामि गंगे के सदस्यों ने गंगा स्वच्छता का संकल्प लिया. नमामि गंगे के सदस्यों ने काशी में नए वर्ष की पहली सुबह का अभिवादन मां गंगा की मनमोहक आरती से करने के बाद घाटों पर स्वच्छता की अपील की. स्वच्छता स्लोगन लिखी तख्तियों एवं नारों के साथ नमामि गंगे के सदस्यों ने घाटों पर पदयात्रा की. दशाश्वमेध से दरभंगा घाट और राजेंद्र प्रसाद घाट तक "नए वर्ष का है संकल्प, अविरल गंगा निर्मल जल", "गंगा साफ हो सब का हाथ हो" जैसे गगनभेदी उद्घोष गूंज उठे.
तीर्थाटन एवं आजीविका की स्रोत मां गंगा
इस मौके पर नमामि गंगे के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि गंगा हमारे भारत की आन-बान और शान है. भारत की सिंचाई, पेयजल, धार्मिक, तीर्थाटन एवं आजीविका का स्रोत मां गंगा हैं. नए वर्ष में हम गंगा की अविरलता और निर्मलता का संकल्प लें. मां गंगा के आशीर्वाद से समृद्धि की ओर अग्रसर हो यही कामना है. आयोजन के मुख्य अतिथि गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पंडित किशोरी रमण दुबे (बाबू महाराज) ने कहा कि प्रत्येक भारतीय को मां गंगा की निर्मलता अविरलता के लिए जन भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी.