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वाराणसीः स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, निगेटिव मरीज हुआ कोरोना पॉजिटिव - कोरोना वायरस

वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. स्वास्थ्य कर्मचारियों ने पॉजिटिव मरीज की जगह निगेटिव मरीज को अस्पताल पहुंचा दिया और वह भी कोरोना मरीजों के साथ रहकर कोरोना पॉजिटिव हो गया.

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जिला अस्पताल वाराणसी
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Published : May 5, 2020, 8:13 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. स्वास्थ्यकर्मियों ने पॉजिटिव मरीज की जगह निगेटिव मरीज को अस्पताल पहुंचा दिया. जहां पॉजिटिव मरीजों के साथ रहने के कारण यह शख्स भी कोरोना संक्रमित हो गया.

मामला वाराणसी के हॉटस्पॉट इलाके मदनपुरा का है. जहां दिल्ली की मरकज से आए कर्नाटक के जमाती के संपर्क में आने वाले कुल 41 लोगों की पिछले दिनों जांच की गई थी. इससे छह लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इन छह में से दो लोगों का एक ही नाम था. नाम में केवल अंग्रेजी के एक अक्षर का फर्क होने के कारण पॉजिटिव की जगह निगेटिव व्यक्ति को जिला अस्पताल के वार्ड में पहुंचा दिया गया. अस्पताल में कुछ दिन बाद नाम के साथ लिखी उम्र पर नजर पड़ी तो सभी को अपनी गलती का एहसास हुआ. कोरोना निगेटिव 75 साल के बुजुर्ग को उन्होंने गलती से अस्पताल में भर्ती कर लिया था.

इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने 45 साल के व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती किया. इसके बाद पहले से भर्ती 75 वर्षीय बुजुर्ग का घर भेजने से पहले उनका सैंपल जांच के लिया गया. 2 दिन बाद जब रिपोर्ट आई तो उनका सैंपल कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मदनपुरा पहुंची और बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती करा दिया. इस मामले की शिकायत जमीयत उलमा बनारस ने ट्वीट के जरिए पुलिस से की है.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. स्वास्थ्यकर्मियों ने पॉजिटिव मरीज की जगह निगेटिव मरीज को अस्पताल पहुंचा दिया. जहां पॉजिटिव मरीजों के साथ रहने के कारण यह शख्स भी कोरोना संक्रमित हो गया.

मामला वाराणसी के हॉटस्पॉट इलाके मदनपुरा का है. जहां दिल्ली की मरकज से आए कर्नाटक के जमाती के संपर्क में आने वाले कुल 41 लोगों की पिछले दिनों जांच की गई थी. इससे छह लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इन छह में से दो लोगों का एक ही नाम था. नाम में केवल अंग्रेजी के एक अक्षर का फर्क होने के कारण पॉजिटिव की जगह निगेटिव व्यक्ति को जिला अस्पताल के वार्ड में पहुंचा दिया गया. अस्पताल में कुछ दिन बाद नाम के साथ लिखी उम्र पर नजर पड़ी तो सभी को अपनी गलती का एहसास हुआ. कोरोना निगेटिव 75 साल के बुजुर्ग को उन्होंने गलती से अस्पताल में भर्ती कर लिया था.

इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने 45 साल के व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती किया. इसके बाद पहले से भर्ती 75 वर्षीय बुजुर्ग का घर भेजने से पहले उनका सैंपल जांच के लिया गया. 2 दिन बाद जब रिपोर्ट आई तो उनका सैंपल कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मदनपुरा पहुंची और बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती करा दिया. इस मामले की शिकायत जमीयत उलमा बनारस ने ट्वीट के जरिए पुलिस से की है.

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