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एनडीआरएफ ने रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को दिया प्रशिक्षण

देश को अपदा और उससे होने वाले नुकसान से बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल देश भर में स्थानीय एजेंसियों को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम चला रही है. अप्रत्याशित घटना से कैसे निपटना है और किन चीजों का विशेष ध्यान देना है, इसकी बारीकियों से रूबरू करा रही है. वाराणसी में एनडीआरएफ ने यहां रैपिड एक्शन फोर्स के प्रशिक्षुओं को आपदा से निपटने के लिए ट्रेनिंग दी.

रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को दिया गया प्रशिक्षण
रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को दिया गया प्रशिक्षण
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Published : Feb 2, 2021, 7:38 AM IST

वाराणसीः आपदाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल वाराणसी की इकाई सदैव तत्पर रहती है. समय-समय पर स्थानीय सहायक एजेंसियों को भी प्रशिक्षण देती रहती है. इसी कड़ी में गौतम बुद्ध भवन स्थित एनडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय में 91 रैपिड एक्शन फोर्स, बिजनौर के 60 जवानों के आपदा प्रबंधन कोर्स का समापन हुआ.

रैपिड एक्शन फोर्स के प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के दौरान प्राकृतिक और मानव कृत आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्य के दौरान प्राथमिक चिकित्सा उपचार, ध्वस्त ढांचों में खोज एवं बचाव कार्य करना, भूकंप, रेल दुर्घटना और बाढ़ जैसी भीषण आपदाओं में खोज एवं राहत बचाव कार्य करने का प्रशिक्षण दिया गया. जिसके माध्यम से वे आपदाओं में त्वरित कार्रवाई कर जनमानस का अमूल्य जीवन बचा सकेंगे. आठ सप्ताह के इस कोर्स का आरम्भ सात दिसंबर से किया गया था, जिसका आज विधिवत समापन किया गया.

11 वीं वाहिनी के उपमहानिरीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक सत्यनारायण प्रधान के दिशा-निर्देश में देश के सभी राज्यों में एसडीआरएफ, स्थानीय सहायक इकाइयों और साथ ही साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के कार्मिकों को भी आपदा से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोई भी छोटी सी घटना विकराल आपदा का रूप ले सकती है. ऐसे में हम आपदा का प्रबंधन करने में सक्षम होगे तो उस छोटी सी घटना को आपदा में परिवर्तित होने से पहले ही रोका जा सकता है. साथ ही भीषण आपदाओं के दौरान आपदाओं के जोखिम का न्यूनीकरण किया जा सकता है. जिससे कम से कम जान माल का नुकसान हो सके और बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सके.

वहीं रैपिड एक्शन फोर्स के प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के दौरान प्राकृतिक और मानव कृत आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्य के दौरान प्राथमिक चिकित्सा उपचार, ध्वस्त ढांचों में खोज एवं बचाव कार्य करना, भूकंप, रेल दुर्घटना और बाढ़ जैसी भीषण आपदाओं में खोज एवं राहत बचाव कार्य करने का प्रशिक्षण दिया गया. जिसके माध्यम से वे आपदाओं में त्वरित कार्रवाई कर जनमानस का अमूल्य जीवन बचा सकेंगे. आठ सप्ताह के इस कोर्स का आरम्भ सात दिसंबर से किया गया था, जिसका आज विधिवत समापन किया गया.

वाराणसीः आपदाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल वाराणसी की इकाई सदैव तत्पर रहती है. समय-समय पर स्थानीय सहायक एजेंसियों को भी प्रशिक्षण देती रहती है. इसी कड़ी में गौतम बुद्ध भवन स्थित एनडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय में 91 रैपिड एक्शन फोर्स, बिजनौर के 60 जवानों के आपदा प्रबंधन कोर्स का समापन हुआ.

रैपिड एक्शन फोर्स के प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के दौरान प्राकृतिक और मानव कृत आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्य के दौरान प्राथमिक चिकित्सा उपचार, ध्वस्त ढांचों में खोज एवं बचाव कार्य करना, भूकंप, रेल दुर्घटना और बाढ़ जैसी भीषण आपदाओं में खोज एवं राहत बचाव कार्य करने का प्रशिक्षण दिया गया. जिसके माध्यम से वे आपदाओं में त्वरित कार्रवाई कर जनमानस का अमूल्य जीवन बचा सकेंगे. आठ सप्ताह के इस कोर्स का आरम्भ सात दिसंबर से किया गया था, जिसका आज विधिवत समापन किया गया.

11 वीं वाहिनी के उपमहानिरीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक सत्यनारायण प्रधान के दिशा-निर्देश में देश के सभी राज्यों में एसडीआरएफ, स्थानीय सहायक इकाइयों और साथ ही साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के कार्मिकों को भी आपदा से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोई भी छोटी सी घटना विकराल आपदा का रूप ले सकती है. ऐसे में हम आपदा का प्रबंधन करने में सक्षम होगे तो उस छोटी सी घटना को आपदा में परिवर्तित होने से पहले ही रोका जा सकता है. साथ ही भीषण आपदाओं के दौरान आपदाओं के जोखिम का न्यूनीकरण किया जा सकता है. जिससे कम से कम जान माल का नुकसान हो सके और बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सके.

वहीं रैपिड एक्शन फोर्स के प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के दौरान प्राकृतिक और मानव कृत आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्य के दौरान प्राथमिक चिकित्सा उपचार, ध्वस्त ढांचों में खोज एवं बचाव कार्य करना, भूकंप, रेल दुर्घटना और बाढ़ जैसी भीषण आपदाओं में खोज एवं राहत बचाव कार्य करने का प्रशिक्षण दिया गया. जिसके माध्यम से वे आपदाओं में त्वरित कार्रवाई कर जनमानस का अमूल्य जीवन बचा सकेंगे. आठ सप्ताह के इस कोर्स का आरम्भ सात दिसंबर से किया गया था, जिसका आज विधिवत समापन किया गया.

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