वाराणसी: पलकों की छांव फिल्म का गीत 'डाकिया डाक लाया डाकिया डाक लाया, खुशी का पयाम कहीं, कहीं दर्दनाक लाया' तो आपने सुना ही होगा. इस गीत में डाकिया के कामों का भी वर्णन किया गया था. आज भी जब डाकिया का नाम लिया जाता है तो हमारे जहन में खाकी रंग और साइकिल से घर घर चिट्ठी बांटना याद आ जाता है, लेकिन समय के साथ अब डाकिया का प्रारूप पूरी तरीके से बदल चुका है. डाकिया अपने परंपरागत वेशभूषा के साथ टेक्नोलॉजी में भी स्मार्ट हो चुका है. अब वह सिर्फ चिट्ठी ही नहीं, बल्कि सामाजिक जीवन से सरोकार रखने वाली हर सुविधा को आमजन तक पहुंचा रहा है.
1 जुलाई का दिन बेहद खास है. डॉक्टर्स डे (national postal workers day) मनाने के साथ-साथ इस दिन डाक कर्मचारी दिवस (national postal workers day) भी मनाया जाता है. इस दिन डाकिया के द्वारा किए जा रहे कार्यों को याद किया जाता है. कोरोना काल में भी डाकिया कोरोना योद्धा के रूप में सामने आए और अपनी जान की बाजी लगा करके उन्होंने लोगों तक दवाओं के साथ-साथ पैसे व अन्य सुविधाएं भी पहुंचाई.
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डाकिया हुआ है स्मार्ट
पोस्ट मास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग का सबसे मजबूत पायदान डाकिया होता है. क्योंकि डाकिया से ही डाक विभाग की पहचान होती है. शुरू में इनकी पहचान चिट्ठी बांटने, मनीआर्डर बांटने जैसी थी, लेकिन समय के साथ अब डाकिया स्मार्ट हो गया है. अब डाकिया के एक हाथ में जहां चिट्ठी होती है तो दूसरे हाथ में स्मार्टफोन, मेडिकल किट व तमाम सुविधाएं भी मौजूद होती हैं. उन्होंने बताया कि अब डाकिया के पास एक डिजिटल डिवाइस भी होती है. वर्तमान में डाकिया एटीएम के रूप में भी एक नई भूमिका निभा रहे हैं.
पोस्ट मास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र में लगभग 24 सौ डाकिया लोगों के दरवाजे पर दस्तक देते हैं. सामान्य दिनों में हर माह 4 लाख और कोरोना काल में 1 लाख 70 हजार स्पीड पोस्ट पंजीकृत पत्र डाकिया द्वारा वितरित किए जाते हैं. इसके साथ ही हर माह लगभग 12 लाख साधारण पत्रों का वितरण भी डाकिया की तरफ से वाराणसी परिक्षेत्र में किया जाता है. उन्होंने बताया कि ई-कॉमर्स को भी बढ़ाने के लिए कैश ऑन डिलीवरी, लेटर बॉक्स में नियमित डाक डालने के लिए मोबाइल एप द्वारा एंड्रॉयड बेस्ड स्मार्टफोन आधारित डिलीवरी जैसी कई पहल की गई हैं.
विभाग में भी डाकिया की सुरक्षा का रखा ध्यान
पोस्टमास्टर जनरल ने बताया कि कोरोना काल के समय डाकिया ने कोरोना योद्धा के तौर सराहनीय काम किया है. उन्होंने बताया कि हमने अपने सभी डाकिया व विभाग के अन्य कर्मचारियों के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य कैंप लगाया. उन्हें पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध कराया. हमने वैक्सीनेशन कैंप लगवाकर अपने सभी कर्मचारियों का टीकाकरण सुनिश्चित कराया, जिससे कि हम उनके स्वास्थ्य का ध्यान रख सकें. उन्होंने कहा कि डाकिया डाक विभाग की पहचान है और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी जिम्मेदारी है.