वाराणसी: महाशिवरात्रि के अवसर पर नमामि गंगे के सदस्यों ने गंगाजल से काशीपुराधिपति भगवान शिव का जलाभिषेक कर गंगा निर्मलीकरण के लिए प्रार्थना की. गंगा किनारे गायघाट के तट पर स्थित दिव्य शिवलिंग की आरती उतार कर समृद्धिशाली भारत के लिए गुहार लगाई. वहीं नमामि गंगे के सदस्यों ने पूजन कर बाबा भोलेनाथ से विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाने की आराधना की.
शिव का मनन कर गंगा निर्मलीकरण की कामना
वहीं नमामि गंगे के सदस्यों ने पुष्प और गुलाल भगवान शिव शंकर को अर्पण किया. वहीं गाय घाट पर सैकड़ों की संख्या में उपस्थित नागरिकों को गंगा स्वच्छता की शपथ दिलाई गई. राष्ट्रध्वज लेकर राष्ट्रीय नदी गंगा और पर्यावरण संरक्षण के लिए पॉलिथीन मुक्त गंगा घाट के लिए अपील की. गंगा में गंदगी न करने का आग्रह किया.
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नमामि गंगे के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि समुद्र मंथन के समय भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था. इसलिए शिव का गंगाजल से अभिषेक की परंपरा है. भगवान शिव मां गंगा को पृथ्वी पर लाए हैं. शिव आशुतोष हैं. मात्र एक लोटा गंगाजल से संतुष्ट होने वाले महादेव का महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने से अनंत कोटि यज्ञ का फल प्राप्त होता है. शिव कल्याणकारी हैं. सर्वदा भक्तों का मंगल करते हैं. लय और प्रलय शिव के अधीन है. वहीं उन्होंने कहा कि आइए समृद्धिशाली भारत के लिए भगवान शिव की आराधना करें.