वाराणसी: एक तरफ जहां अयोध्या का कोना-कोना राममय हो गया है तो वहीं काशी में मुस्लिम महिलाओं ने एक बार फिर कट्टरपंथियों को एकता का संदेश दिया है. हर साल की भांति इस बार भी मुस्लिम महिलाओं ने दीपावली के अवसर पर श्रीराम की आरती की. खास बात ये है कि हर बार होने वाली इस आरती में भगवान राम की तस्वीर रखकर आरती की जाती थी, लेकिन इस बार जहां श्रीराम की प्रतिमा स्थापित कर महाआरती की गई और उर्दू में श्रीराम लिखकर एकता का संदेश भी दिया गया.
पुरानी परंपरा का कर रहीं निर्वहन
ज्ञात हो कि लगातार 14 वर्षों से दीपावली के शुभ अवसर पर ये मुस्लिम महिलाएं भगवान श्रीराम की आरती करती हैं. इस आरती का नाम इन्होंने महाआरती दिया है. इस पूजन में जिस आरती का गान होता है उसे मुस्लिम महिला नाजनीन अंसारी ने लिखा है. हाथ में पूजा और आरती की थाल लिए ये मुस्लिम महिलाएं पूरे श्रद्धाभाव से आरती करती हैं. इस आरती में हिन्दू संत और महिलाएं भी शामिल होते हैं. इस आरती के जरिए ये मुस्लिम महिलाएं उस कट्टरपंथी सोच को संदेश देती हैं जो समाज में हिन्दू मुस्लिम के नाम से बंटवारा करते हैं.
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अयोध्या के नाम समर्पित रही इस बार की महाआरती
इस दौरान महाआरती में शामिल हुई नाजनीन अंसारी और महंत बालक दास ने कहा कि इस साल भगवान की तस्वीर संग उनकी प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की गई है और विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया है. अयोध्या में भगवान राम को लेकर खास दीपोत्सव मनाया जा रहा है, इसलिए काशी में इस बार की महाआरती अयोध्या के नाम रही. उन्होंने बताया कि इस आरती का उद्देश्य समाज की कट्टरपंथी विचारधारा को जवाब देना है, जो समाज में दहशत फैलाकर समाज को तोड़ने का काम करती है. उन्होंने कहा हम सभी लोग एक हैं और ईश्वर की आराधना करते हैं, यही हमारी पहचान है.