वाराणसी: लखनऊ नगर निगम ने अभी हाल में ही मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज में अपना म्युनिसिपल बॉन्ड जारी किया है. इसका शुभारंभ सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुम्बई में किया था. अब वाराणसी नगर निगम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में विकास की रफ्तार दोगुनी करने के लिए म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने जा रहा है. शहर के बुनियादी ढ़ांचे और जनसुविधाओं को बढ़ाने के लिए वाराणसी नगर निगम 200 करोड़ रुपए का म्युनिसिपल बांड जारी करने की तैयारी में जुट गया है. लखनऊ के बाद वाराणसी प्रदेश का दूसरा नगर निगम होगा जो अपना बांड जारी करेगा.
मिलेगा बनारस को फायदा
म्युनिसिपल बांड जारी करने के लिए कंसल्टेंट फर्म या मर्चेंट बैंकर का चयन के लिए टेंडर निकला जा चुका है. म्युनिसिपल बांड जारी होने से बनारस में अन्तर्राष्ट्रीय निवेश भी बढ़ेगा. आंकड़ों के मुताबिक यूपी आने वाले 65 प्रतिशत पर्यटकों की पसंद काशी है. बांड जारी होने के बाद काशी में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार व आय के संसाधन काफी तेजी से बढ़ेंगे. बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई धनराशि को वाराणसी के विभिन्न बुनियादी ढांचागत योजनाओं और विकास में निवेश किया जाएगा.
बढ़ रहा नगर निगम का दायरा
वाराणसी नगर निगम में अभी हाल ही में 89 राजस्व ग्राम और शामिल किए गए हैं. निगम का दायरा बढ़ाने के साथ वहां बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जिम्मेदारी भी अब नगर निगम की होगी. नगर आयुक्त गौरांग राठी के मुताबिक म्युनिसिपल बांड जारी होने के बाद नगर निगम की जनता में छवि अच्छी होगी. दुनिया भर से निवेश जुटाने में भी काफी मदद मिलेगी. वहीं, बांड जारी होने के बाद अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रेटिंग करने वाली एजेंसियों को भी कोई कठिनाई नहीं होगी और निगम की रेटिंग में सुधार होगा. उन्होंने बताया कि कंसल्टेंट फर्म या मर्चेंट बैंकर के चयन के लिए टेंडर जारी किया जा चुका है. इनमें भारत सरकार के नगर विकास विभाग की गाइड लाइन के मुताबिक 9 कंपनिया भाग ले सकेंगी, जिसमें एके कैपिटल सर्विसेस लिमिटेड, एक्सिस बैंक लिमिटेड, दर्शावा एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, आईसीआरए मैनेजमेंट कंसल्टिंग सर्विसेस लिमिटेड, एसबीआई कैपिटल मार्किट लिमिटेड, स्पा कैपिटल एडवाइजर लिमिटेड, एसआरईआई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड, यस बैंक लिमिटेड शामिल हैं.
व्यापार का तरीका भी बताएगा
नगर निगम जिस कंसल्टेंट का चयन करेगा, वह कंसल्टेंट कम मैर्चेन्ट बैंकर होगा, जो कंसल्टेंट बांड जारी करने के साथ ही व्यापार का तरीका भी बताएगा, जो रेटिंग एजेंसियों के नियमों के चलते सुरक्षित निवेश भी है. नगर निगम के मुख्य लेखा अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि क्रिसल, आईसीआरए, केएआरई, ब्रिक वर्क जैसी एजेंसिया नगर निकायों की रेटिंग करती हैं. इनमें से दो एजेंसी का रेटिंग कराना जरूरी होता है. उन्होंने बताया कि डबल ए या ट्रिपल ए ग्रेड के नगर निकाय ही अपना बांड जारी कर सकते हैं. वाराणसी नगर निगम की वर्तमान इन्वेस्टमेंट रेटिंग ट्रिपल बी है. जिसे सुधार कर निवेश हेतु डबल ए में परिवर्तित किया जाना अपेक्षित है.
जून-जुलाई 2021 तक प्रक्रिया होगी पूरी
नगर निगम वाराणसी में म्युनिसपल बांड सम्बंधित कार्यवाई के लिए अपर आयुक्त कि अध्यक्षता में समिति भी गठित कर दी गई है. ई-निविदा 25 जनवरी तक आमंत्रित है. जून-जुलाई 2021 तक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. उन्होंने बताया कि बांड असल में एक तरह का साख पत्र होता है, जिससे धन जुटाया जाता है. इसमें एक बॉन्ड जारी करने वाली संस्था एक निश्चित समय के लिए रकम बाजार से उधार ले सकती है. साथ ही सुनिश्चित रिटर्न यानी ब्याज देने के साथ मूलधन वापस करने की गारंटी भी होती है.
वाराणसी नगर निगम जारी करेगा 200 करोड़ रुपए का म्युनिसिपल बॉन्ड
लखनऊ नगर निगम के बाद अब वाराणसी नगर निगम 200 करोड़ रुपए का म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने वाला प्रदेश का दूसरा निकाय बनेगा. शहर के बुनियादी ढ़ांचे और जनसुविधाओं को बढ़ाने के लिए वाराणसी नगर निगम म्युनिसपल बांड जारी करने की तैयारी में जुट गया है.
वाराणसी: लखनऊ नगर निगम ने अभी हाल में ही मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज में अपना म्युनिसिपल बॉन्ड जारी किया है. इसका शुभारंभ सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुम्बई में किया था. अब वाराणसी नगर निगम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में विकास की रफ्तार दोगुनी करने के लिए म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने जा रहा है. शहर के बुनियादी ढ़ांचे और जनसुविधाओं को बढ़ाने के लिए वाराणसी नगर निगम 200 करोड़ रुपए का म्युनिसिपल बांड जारी करने की तैयारी में जुट गया है. लखनऊ के बाद वाराणसी प्रदेश का दूसरा नगर निगम होगा जो अपना बांड जारी करेगा.
मिलेगा बनारस को फायदा
म्युनिसिपल बांड जारी करने के लिए कंसल्टेंट फर्म या मर्चेंट बैंकर का चयन के लिए टेंडर निकला जा चुका है. म्युनिसिपल बांड जारी होने से बनारस में अन्तर्राष्ट्रीय निवेश भी बढ़ेगा. आंकड़ों के मुताबिक यूपी आने वाले 65 प्रतिशत पर्यटकों की पसंद काशी है. बांड जारी होने के बाद काशी में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार व आय के संसाधन काफी तेजी से बढ़ेंगे. बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई धनराशि को वाराणसी के विभिन्न बुनियादी ढांचागत योजनाओं और विकास में निवेश किया जाएगा.
बढ़ रहा नगर निगम का दायरा
वाराणसी नगर निगम में अभी हाल ही में 89 राजस्व ग्राम और शामिल किए गए हैं. निगम का दायरा बढ़ाने के साथ वहां बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जिम्मेदारी भी अब नगर निगम की होगी. नगर आयुक्त गौरांग राठी के मुताबिक म्युनिसिपल बांड जारी होने के बाद नगर निगम की जनता में छवि अच्छी होगी. दुनिया भर से निवेश जुटाने में भी काफी मदद मिलेगी. वहीं, बांड जारी होने के बाद अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रेटिंग करने वाली एजेंसियों को भी कोई कठिनाई नहीं होगी और निगम की रेटिंग में सुधार होगा. उन्होंने बताया कि कंसल्टेंट फर्म या मर्चेंट बैंकर के चयन के लिए टेंडर जारी किया जा चुका है. इनमें भारत सरकार के नगर विकास विभाग की गाइड लाइन के मुताबिक 9 कंपनिया भाग ले सकेंगी, जिसमें एके कैपिटल सर्विसेस लिमिटेड, एक्सिस बैंक लिमिटेड, दर्शावा एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, आईसीआरए मैनेजमेंट कंसल्टिंग सर्विसेस लिमिटेड, एसबीआई कैपिटल मार्किट लिमिटेड, स्पा कैपिटल एडवाइजर लिमिटेड, एसआरईआई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड, यस बैंक लिमिटेड शामिल हैं.
व्यापार का तरीका भी बताएगा
नगर निगम जिस कंसल्टेंट का चयन करेगा, वह कंसल्टेंट कम मैर्चेन्ट बैंकर होगा, जो कंसल्टेंट बांड जारी करने के साथ ही व्यापार का तरीका भी बताएगा, जो रेटिंग एजेंसियों के नियमों के चलते सुरक्षित निवेश भी है. नगर निगम के मुख्य लेखा अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि क्रिसल, आईसीआरए, केएआरई, ब्रिक वर्क जैसी एजेंसिया नगर निकायों की रेटिंग करती हैं. इनमें से दो एजेंसी का रेटिंग कराना जरूरी होता है. उन्होंने बताया कि डबल ए या ट्रिपल ए ग्रेड के नगर निकाय ही अपना बांड जारी कर सकते हैं. वाराणसी नगर निगम की वर्तमान इन्वेस्टमेंट रेटिंग ट्रिपल बी है. जिसे सुधार कर निवेश हेतु डबल ए में परिवर्तित किया जाना अपेक्षित है.
जून-जुलाई 2021 तक प्रक्रिया होगी पूरी
नगर निगम वाराणसी में म्युनिसपल बांड सम्बंधित कार्यवाई के लिए अपर आयुक्त कि अध्यक्षता में समिति भी गठित कर दी गई है. ई-निविदा 25 जनवरी तक आमंत्रित है. जून-जुलाई 2021 तक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. उन्होंने बताया कि बांड असल में एक तरह का साख पत्र होता है, जिससे धन जुटाया जाता है. इसमें एक बॉन्ड जारी करने वाली संस्था एक निश्चित समय के लिए रकम बाजार से उधार ले सकती है. साथ ही सुनिश्चित रिटर्न यानी ब्याज देने के साथ मूलधन वापस करने की गारंटी भी होती है.