वाराणसी: शहर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नगर आयुक्त गौरांग राठी ने सख्त कदम उठाते हुए आईपीडीएस को नोटिस भेजा है. इस बाबत नगर आयुक्त ने बताया है कि आईपीडीएस सड़क किनारे खुदाई कर भूमिगत केबल बिछाने का कार्य कर रहा है, लेकिन खुदाई के दौरान कंपनी की ओर से कोई भी उपाय नहीं किया जा रहा है.
दरअसल, नगर आयुक्त गौरांग राठौड़ ने कमिश्नर आवास के पास मुआयना किया. इस दौरान मनमाने ढंग से सड़क की खुदाई कर कार्य किए जाने पर नगर आयुक्त ने गहरी नाराजगी जाहिर की. नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया है कि आईपीडीएस सड़क किनारे खुदाई कर भूमिगत केबल बिछाने का कार्य कर रहा है. जबकि पहले ही आईपीडीएस को इस बात की सख्त हिदायत दी गई थी कि कार्यस्थल पर पानी के छिड़काव करें, मिट्टी का निस्तारण उचित स्थान पर कराएं, साथ ही साथ निर्माण कार्य को हरे परदे से ढकने के लिए भी कहा गया था. लेकिन कंपनी की ओर से किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया.
नगर आयुक्त ने बताया है कि नगर निगम प्रशासन की ओर से एक टीम गठित कर निर्माण कार्य स्थलों की निगरानी की जा रही है. यह दिन-प्रतिदिन रिपोर्ट दे रही है. इसी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है. नगर आयुक्त ने आगे बताया कि सड़कों की सफाई नियमित तौर पर कराई जा रही है. यह कार्य मशीन से हो रहा है. साथ ही साथ धूल उड़ने वाले स्थानों पर पानी का छिड़काव कराया जा रहा है.
वाराणसी नगर निगम के नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि नगर निगम प्रशासन की ओर से लगातार जागरुकता अभियान चलाते हुए यह अपील की जा रही है कि ट्रैफिक सिग्नल की लाल लाइट जल जाने के बाद लोग अपने वाहनों को बंद कर दें. साथ ही निर्माणाधीन मकानों का कार्य पर्दे से ढककर कराए जाने के लिए निर्देशित किया गया है.
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक वाराणसी में पीएम-2.5 न्यूनतम 82 और अधिकतम 323 दर्ज की गई है. वहीं हवा में पीएम-10 की न्यूनतम मात्रा 158 जबकि अधिकतम मात्रा 406 रिकॉर्ड की गई है. वहीं खुदाई में निर्माणाधीन भवनों से निकलने वाले धूल के कण से शहर में पीएम-2.5 व पीएम-10 की मात्रा काफी अधिक हो गई है
वाराणसी विकास प्राधिकरण ने शहर की खराब हो रही आबोहवा पर चिंता व्यक्त करते हुए सख्त निर्देश जारी किए हैं. वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने निर्माणाधीन भवनों पर हरा पर्दा लगाकर उड़ती धूल पर रोक लगाने के लिए निर्देश दिए हैं. बता दें कि वीडीए उपाध्यक्ष ने बीते साल भी निर्माणाधीन भवनों पर हरा पर्दा लगवाकर उड़ती धूल पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे.