वाराणसी : जिले में शुक्रवार की शाम से लेकर रात तक चांद अलग अंदाज में नजर आया. जिसने भी चांद के इस रूप काे देखा वह हैरान रह गया. इस नजारे को हर कोई अपने कैमरे में कैद करना चाह रहा था. कोई इस घटना को मां चंद्रघंटा का स्वरूप बता रहा था तो काेई इसे खूबसूरत तारा कह रहा था. हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार यह एक खगोलीय घटना थी. शुक्र ग्रह पर ग्रहण लगने के कारण ऐसे नजारे का दिखाई देना आम बात है.
बता दें कि आसमान में शाम लगभग 6:30 बजे चांद के निकलने के साथ ही चांद के नीचे एक खूबसूरत चमकते हुए तारे की भी तस्वीर नजर आई. इससे चांद की खूबसूरती और बढ़ गई थी. रात 9 बजे तक लोगों काे यह नजारा दिखाई देता रहा. वैज्ञानिकों ने इसे एक खगोलीय घटना बताया. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह शुक्र ग्रह पर ग्रहण लगने की एक खगोलीय तस्वीर है. इसे लूनर ऑक्लटेशन और विनस कहते हैं. इसमें पृथ्वी, चंद्रमा और शुक्र ग्रह तीनों एक सीध में दिखाई देते हैं. इस घटना में शुक्र जब अपनी कक्षा में घूमते हुए चंद्रमा और पृथ्वी के सामने आ जाता है तो यह कुछ देर के लिए चंद्रमा के नीचे दिखाई देता है. मुख्य रूप से यह ग्रहणीय घटना है.
3 घन्टे तक रहा ये खास ग्रहण : खगोलशास्त्री वेदांत पांडे ने बताया कि, शुक्रवार की रात आकाश में दिखने वाले नजारे को लूनर ऑक्लटेशन कहा जाता है. उन्होंने बताया कि, इस घटना में चंद्रमा ने करीब 3 घंटे तक शुक्र ग्रह को कवर किया था. 2020 में भी ऐसी ही तस्वीर देखी गई थी, उस समय भी लोगों ने इसे खुली आंखों से देखा था. उन्होंने बताया कि इस बार की घटना के दौरान भी लोगों ने खुली आंखों से देखा.
2036 में दिखेगा अब ये नजारा : वेदांत ने बताया कि, भारत में यह ग्रहण अमूमन दिन के समय में देखने को मिला था, लेकिन उत्तर पूर्वी शहर में इस नजारे को सूर्यास्त होने के बाद देखा गया था, उन्होंने बताया कि अब यह अगली घटना 2036 में देखी जा सकेगी.
सोशल मीडिया पर बना चर्चा का विषय : वाराणसी के साथ पूर्वांचल में दिख रहे इस नजारे की लोगों ने अलग-अलग चर्चाएं थीं. किसी ने इसे चमकीले तारे और ग्रह के रूप में देखा, तो किसी ने इसे रमजान की पहली शाम को दिखे खास नजारे से जुड़ा हुआ बताया. कुछ लोगों का कहना था कि नवरात्र का समय चल रहा है ऐसे में स्वयं मां चंद्रघंटा आसमान में नजर आ रहीं हैं. सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें वायरल हो रहीं हैं.
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