वाराणसीः दिल्ली एयरपोर्ट पर लगे मॉन्यूमेंटल चरखे की तर्ज पर बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में भी 3 अलग-अलग स्थानों पर चरखे लगाए जाएंगे. इसे लेकर विभाग ने अपना प्लान तैयार कर लिया है. विभाग के अनुसार इस चरखे के माध्यम से युवाओं को महात्मा गांधी की परंपरा से जोड़ने के साथ ही खादी के बारे में भी जागरूक किया जाएगा. वाराणसी में बीते 9 साल में खादी के प्रो़डक्ट्स के उत्पादन और बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है.
वाराणसी में लगेंगे मॉन्यूमेंटल चरखेः वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 के बाद से ही खादी के प्रचार प्रसार के लिए कई काम किए हैं. उन्होंने इसके लिए देश-विदेश के मंचों पर भी खादी का प्रयोग किया है. उन्होंने युवाओं को भी खादी अपनाने के लिए प्रेरित किया. जिसकी वजह से आज खादी के प्रोडक्ट्स के उत्पादन और बिक्री में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हो रही है. इसी क्रम में अब वाराणसी में भी खादी और महात्मा गांधी के योगदान को नई पीढ़ी को याद दिलाने के प्रयास में 3 स्थानों पर स्मारकीय चरखे लगाए जाएंगे. ये चरखे महात्मा गांधी की यादों को सहेजेंगे.
नई पीढ़ी को जागरूक करने का प्रयासः खादी निदेशक एसपी खंडेलवाल ने बताया कि आयोग ने ये प्लान किया है कि वाराणसी में मॉन्यूमेंटल चरखे विभिन्न स्थानों पर लगाए जाएंगे. इससे लोगों को खादी के बारे में पता चलेगा. उन्होंने कहा कि देश की जो नई पीढ़ी को बारे में जानकारी मिलेगी. देश के युवा इस चीज को देखेंगे तो इसके बारे में पता लगाने की कोशिश करेंगे. इंटरनेट पर इसके बारे में सर्च करेंगे. इसी क्रम में यह तय किया गया है कि वाराणसी में 3 मॉन्यूमेंटल चरखे लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर लगे मॉन्यूमेंटल चरखे की तर्ज पर वह इसे वाराणसी में लगाएंगे.
खादी का ब्रांड एंबेसडर: खादी निदेशक ने बताया कि एक चरखा एयरपोर्ट पर लगाए जाने का प्लान है. उसके साथ ही दूसरा चरखा नमो घाट पर लगाने पर विचार किया जा रहा है. इसके साथ ही तीसरा चरखा या काशी हिंदू विश्वविद्यालय में लगाया जाएगा या फिर सारनाथ म्यूजियम में इसको लगाएंगे. उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर लोगों का आना-जाना सबसे अधिक रहता है. साथ ही कहा कि देश के प्रधानमंत्री खादी का ब्रांड एंबेसडर बनकर इसे प्रोमोट करने का काम करते हैं. इसी क्रम में वाराणसी में लोगों को जागरूक करने के लिए यह निर्णय लिया गया है.
खादी की बिक्री में बढ़ोतरी हुईः खादी और ग्रामोद्योग आयोग के मुताबिक, वित्त वर्ष 2013-14 से 2022-23 में खादी और ग्रामोद्योग के प्रोडक्ट्स के उत्पादन में 268 प्रतिशत की वृद्धि हुई. वहीं, बिक्री ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 332 प्रतिशत के आंकड़े को छू लिया है. 2013-2014 में जहां संचयी रोजगार 13,038,444 था. वहीं, यह 2022-23 में 36 प्रतिशत वृद्धि के साथ 17,716,288 तक पहुंच गया. वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 5,62,521 नए रोजगार का सृजन हुआ था. वहीं, वित्त वर्ष 2022-23 में यह 70 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9,54,899 पहुंच गया.
सर्वाधिक बिक्री का नया रिकॉर्डः आयोग के मुताबिक, वित्त वर्ष 2013-14 में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का उत्पादन जहां 26,109 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2022-23 में यह 268 प्रतिशत के उछाल के साथ 95957 करोड़ रुपये पहुंच गया. आयोग का कहना है कि पिछले 9 वित्त वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादों ने बिक्री के मामले में हर वर्ष नये रिकॉर्ड बनाया है. वित्त वर्ष 2013-14 में बिक्री जहां 31,154 करोड़ रुपये थी. वहीं, 332 प्रतिशत की वृद्धि के साथ यह वित्त वर्ष 2022-23 में 1,34,630 करोड़ रुपये पहुंच गई. यह अब तक की सर्वाधिक बिक्री रही है.
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