वाराणसी: जंगलों के कम होने के साथ ही जंगली जानवरों का आतंक शहर में बढ़ता जा रहा है. कभी शहरी क्षेत्र में तेंदुए आते हैं तो कभी भालू घुस आता है. सबसे ज्यादा नुकसान तो पेड़ों के कटने के कारण बंदरों का हुआ है. बंदर अब जंगली क्षेत्र छोड़कर शहरी क्षेत्र में आतंक का परिहाय बनते जा रहे हैं. हर शहर में लोग बंदरों के आतंक से परेशान है. शहर बनारस में भी बंदरों का जबरदस्त आतंक है. लेकिन, सुनने वाला कोई नहीं है. अभी कुछ दिन पहले वृंदावन में आतंकी बंदरों की वजह से कई लोगों की जान चली गई. बांके बिहारी मंदिर गली में एक जर्जर मकान की दीवार पर बंदरों के कूदने की वजह से दीवार भरभरा कर गिर गई. इसमें पांच लोगों की जान चली गई. इन सबके बीच शहर बनारस में भी बंदरों के आतंक की वजह से किसी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता. खास तौर पर काशी विश्वनाथ मंदिर समेत तमाम गलियों में जहां बंदरों का आतंक हद से ज्यादा है. शहर के अधिकांश ऐसे हिस्से हैं जहां बंदरों की वजह से आए दिन घटनाएं हो रही हैं. लेकिन, नगर निगम और वाराणसी प्रशासन बंदरों को लेकर बिल्कुल भी सजग नहीं दिख रहा है.
बंदरों को पकड़ने के लिए फूल प्रूफ प्लांट नहीं: दरअसल, बंदरों को पकड़ने को लेकर अब तक कोई फूल प्रूफ प्लांट तैयार ही नहीं हुआ है. लगभग दो महीने पहले बंदरों को पकड़ने के लिए हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से विशेष टीम आई थी. जिसने कुछ दिन बंदरों को पकड़ने की कार्रवाई की और लगभग 70 बंदरों को पकड़ा गया. इस दौरान कार्रवाई करते हुए रोड मैप तैयार किया गया. उसी रोड मैप पर नगर निगम अभी कार्य करने की बात कर रहा है. लेकिन, बड़ी बात यह है कि जो बंदर पकड़ने वाली टीम थी वह अपना काम ही नहीं कर पा रही है. इसे लेकर दो दिन पहले हुई नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में नगर आयुक्त और महापौर ने इसे लेकर नाराजगी भी जताई है.
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प्लान बनाने के लिए कहा गयाः इस बारे में महापौर अशोक कुमार तिवारी का कहना है कि बंदरों को पकड़ने को लेकर पशु चिकित्सा अधिकारी को प्लान बनाने के लिए कहा गया है. इसके लिए परमानेंट सॉल्यूशन निकाला जाना जरूरी है, क्योंकि शहर के अधिकांश इलाकों में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. इन इलाकों में बंदरों को पकड़ने के लिए बंदर पकड़ने वाली टीम को लगाने के लिए कहा गया है. जल्द ही इस पर कार्रवाई शुरू की जाएगी.
बंदरों के आतंक से लोग परेशान: बंदरों के आतंक से क्षेत्रीय लोग भी बेहद परेशान हैं. बनारस के कबीर नगर, मानस नगर, शंकर धाम कॉलोनी, भेलूपुर, रविंद्रपुरी, साकेत नगर, बीएचयू कैंपस, लक्सा, चौक, कचौड़ी गली समेत चेतगंज, हबीबपुरा, शिवपुर, सिगरा, श्री नगर कॉलोनी में बंदरों का जबरदस्त आतंक है. जिसकी वजह से आए दिन कोई ना कोई इन बंदरो का शिकार भी हो रहा है. अभी पिछले सप्ताह सिगरा क्षेत्र में एक बंदर के दौड़ने की वजह से 10 साल की बच्ची छत से गिर गई. जिसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया इसके अलावा शिवपुरी में कुछ दिन पहले बंदरों के हमले में एक बुजुर्ग जख्मी हुए हैं. इन घटनाओं के बाद भी बंदरों को लेकर सजकता दिखाई नहीं दे रही है, जो निश्चित तौर पर लोगों के लिए परेशानी का सब बन रही है.
हालांकि नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए एक रोड मैप तैयार किया जा रहा है. उसी रोड मैप के अनुसार आगे काम किया जाएगा. लेकिन, मुश्किल इस बात की है की टीम अभी तक आई नहीं है. टीम कब आएगी और इन बंदरों को पकड़ने की कार्रवाई कब शुरू होगी यह देखने वाली बात होगी.
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