वाराणसीः पति-पत्नी और वो, इस ट्रैंगल को आप कोई लव स्टोरी समझ रहे होंगे, तो आप बिल्कुल सही समझ रहे हैं. यह मामला तो प्रेम प्रपंच का ही है, लेकिन यह प्रेम किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि एक आधुनिक मशीन का है. यह मशीन इन दिनों पति-पत्नी के बीच दीवार बनी हुई है. बड़ी बात यह है कि ये दीवार दोनों के रिश्तो में बड़ी दरार बनाने का काम कर रही है, जिसकी गवाही महिला थाना और वन स्टॉप सेंटर के आंकड़े दे रहे हैं.
इस आधुनिक जमाने में मोबाइल दूर के रिश्तों को जोड़ने का काम कर रहा है, तो वहीं ये सबसे करीब पति-पत्नी के रिश्तों को तोड़ भी रहा है. इसकी तस्वीर आंकड़े बता रहे हैं, वन स्टॉप सेंटर, महिला थाने में लगभग 80 फीसदी मामले पति पत्नी के बीच विवाद के आ रहे हैं, जिसमें 40 से 50 फीसदी मामलों में कलह की मुख्य वजह मोबाइल फोन बना हुआ है.
वन स्टॉप सेंटर में हर दिन औसतन 2 शिकायतें आती हैं, जो घरेलू हिंसा से संबंधित होती हैं. इनमें से 2 दिन में एक विवाद मुख्यतः मोबाइल से उपजा होता है. ऐसे में वन स्टॉप सेंटर में मौजूद परामर्शदाता दम्पति को समझा-बुझाकर सुलह कराने का काम करते हैं. इस बारे में वन स्टॉप सेंटर की परामर्शदाता व केस वर्कर का कहना है कि, हमारे यहां 80 फीसदी से ज्यादा मामले घरेलू हिंसा के आते हैं. इनमें से लगभग 40 से 50 फीसदी मामलों में विवाद की वजह मोबाइल बना हुआ होता है.
उन्होंने बताया कि, इन विवादों में दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे को समय न देने का आरोप लगाया जाता है. पत्नी का कहना होता है कि पति परिवार को वक्त नहीं देता और पति का आरोप होता है कि पत्नी मोबाइल व टीवी सीरियल में ज्यादा व्यस्त रहती है. उन्होंने बताया कि मोबाइल की वजह से कई बार संबंधों के बीच दरार इतनी आ जाती है कि उन्हें समेटना मुश्किल हो जाता है.
60 फीसदी मामलों में विवाद की वजह है मोबाइल
वहीं, यदि महिला थाने की आंकड़े की बात करें तो वहां के आंकड़े भी इसी बात की गवाही दे रहे हैं, जिनमें से 60 फीसदी मामले मोबाइल की वजह से विवाद उत्पन्न करते हैं. महिला अधिकारी का कहना है कि इन दोनों पति-पत्नी के बीच विवाद की वजह मोबाइल बनी हुई है. दंपति एक दूसरे पर परिवार की बजाय, मोबाइल पर ज्यादा समय देने का आरोप लगाते हैं. महिला का कहना होता है कि पति मोबाइल में व्यस्त रहते हैं, परिवार की जरूरतों को नजरअंदाज करते हैं. इससे वह परिवार पर ध्यान नहीं रख पाते और विवाद शुरू हो जाता है. यही नहीं संबंधों में शक की भी गुंजाईश बढ़ने लगती है. हमारी पूरी कोशिश होती है कि हम सुलह कराकर दोनों को सही रास्ते पर लेकर आये.
बीते साल पहुंचे थे लगभग डेढ़ सौ मामले
गौरतलब हो कि, वन स्टॉप सेंटर में 2022 में लगभग 160 मामले पहुंचे थे, जिनमें से 95 मामले सुलह समझौते से हल हो गए. जबकि 57 मामलों में मुकदमा दर्ज कराया गया. इनमें लगभग 50 फीसदी से ज्यादा मामलों में विवाद की वजह मोबाइल बना हुआ था. बीते दिसंबर माह में भी लगभग 30 शिकायते पहुंची थी. विदित हो कि वन स्टॉप सेंटर सुलह कराने के बाद 10 दिन के बाद फिर से दम्पत्तियों को बुलाकर की काउंसलिंग करता है और उसके बाद लगभग 2 साल तक मोबाइल से फॉलोअप करके उनके संबंधों की स्थिति का जायजा लेता है. जिससे दंपतियों के बीच कलह को पूरी तरीके से समाप्त कर, उनके संबंधों को मधुर बनाया जा सके.