वाराणसी: कोरोना वायरस के कारण देश में हुए लॉकडाउन की वजह से गरीब परिवारों के ऊपर पहाड़ सा टूट पड़ा है. साथ ही लॉकडाउन की वजह से दिहाड़ी मजदूरों की कमर टूट चुकी है. वहीं जो पैसा जमा था वह धीरे-धीरे अब खत्म हो चुका है और अब सरकारी सहायता पर ही लोग निर्भर हैं. इसी के चलते वाराणसी में उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रविंद्र जायसवाल ने ऐसे ही लोगों की मदद की है.
साथ ही राशन किट वितरित करवाए, ताकि उनके और उनके परिवार जनों का भरण पोषण हो सके. मंत्री रविंद्र जायसवाल ने इस दौरान विपक्ष की तरफ से लगाया जा रहे सरकार पर आरोपों व भी पलटवार किया. उन्होंने कहा कि इस वक्त जाति, धर्म, मजहब और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है, लेकिन कुछ लोग हैं जो मान नहीं रहे हैं.
अखबार विररित करने वालों को बांंटे गए राशन किट
बता दें कि रोजाना मजदूरी कर कमाने वाले लोगों को लॉकडाउन की वजह से खाने-पीने की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सूबे के राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल ने अखबारों के हॉकरों को राशन किट उपलब्ध करवाया. साथ ही मंत्री ने उन्हें बताया कि सरकार को आप सभी की चिंता है. उन्होंने कहा कि जरूरत का हर सामान समय पर लोगों में वितरित किया जाएगा. वहीं इस दौरान स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहा कि गैर भाजपा पार्षदों के वार्ड में भी जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है.
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काशी में कोई भूखा नहीं सोता
राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहा कि सरकार को हर किसी की चिंता है. साथ ही सरकार गरीबों की सेवा के लिए सदैव तत्पर है. मंत्री ने कहा कि जिले में शिकायत के लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है. जहां से जिस भी प्रकार की शिकायतें आ रहीं हैं, वहां शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि काशी मां अन्नपूर्णा की नगरी है और यहां की प्रथा है कि यहां कोई भूखा नहीं सोता है. यही वजह है कि सरकार और सामाजिक संस्थाओं और धार्मिक संस्थाओं की तरफ से अब तक 81 लाख से ज्यादा खाने के पैकेट वाराणसी में बांटे गए हैं.