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Guru Purnima 2022: मंत्री मीनाक्षी लेखी बोलीं-अशोक स्तंभ को जानने के लिए सारनाथ आना चाहिए

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Published : Jul 13, 2022, 9:24 PM IST

वाराणसी के सारनाथ में गुरु पुर्णिमा के शुभ अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहीं.

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Guru Purnima 2022

वाराणसीः आषाढ़ पूर्णिमा (Guru Purnima) के अवसर पर बुधवार को सारनाथ स्थिति बुद्धा थीम पार्क में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) नई दिल्ली की ओर से आयोजित किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के तौर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी की भी उपस्थिति रहीं. इस दौरान मंत्री मीनाक्षी लेखी कहा कि अशोक स्तम्भ को जानने के लिए लोगों को सारनाथ आना चाहिए.

केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के रिकॉर्डेड संदेश का भी प्रसारण हुआ. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संदेश में कहा कि भगवान बुद्ध ने अपने उपदेश में आंतरिक शांति पर जोर दिया गया है. उनके आदर्शों पर चलकर हम संवेदनशील विश्व का निर्माण कर सकते हैं. वहीं, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि भगवान बुद्ध समरसता के समर्थक, सामाजिक समानता पर जोर देने वाले और अंधविश्वास से दूर रहने का संदेश देते हैं. उनका संदेश बुद्धि और विवेक की शरण में जाने का है. भगवान बुद्ध निरंतर बुद्धि को शुद्ध करने का भी संदेश देते हैं. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेशों को अपनाकर ही विश्व में फैले अराजकता से मुक्ति पाया जा सकता है. दुनिया को भगवान बुद्ध के उपदेशों पर चलने की बहुत जरूरत है. उनके द्वारा सैंकड़ों वर्ष पूर्व दिए गए उपदेश आज भी समाज की प्रगति के लिए सार्थक है.

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश पढ़ा. प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में विश्व शांति के लिए भगवान बुद्ध के उपदेशों और आदर्शों पर चलने की अपील की. उन्होंने कहा की महात्मा बुद्ध अपने विचारों के साथ अभी भी हम लोगों के साथ हैं. आज हर व्यक्ति सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए मार्गदर्शन चाह रहा है. महात्मा बुद्ध के उपदेश और ज्ञान इसके सबसे बड़े स्रोत हैं. आत्मविकास के साथ-साथ समाज और देश के विकास में महात्मा बुद्ध की ओर से दिए प्रवचन महत्वपूर्ण हैं. केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार बुद्धा सर्किट के विकास और बौद्ध पर्यटकों को बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है.

पढ़ेंः CM योगी बोले- भारतीय पर्व प्रेरणा के प्रतीक, गुरु पूर्णिमा सिखाता है आदर-सम्मान का भाव

कार्यक्रम के पूर्व राज्यपाल और केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने धमेख स्तूप और मूलगंध कूटी विहार में पूजा अर्चना व प्रार्थना की. इस मौके पर विश्व शांति के लिए 400 से अधिक बौद्ध भिक्षु धम्मचक्र प्रवर्तन सूत्र का पाठ किया. केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कहा कि काशी गुरु की धरती है, सबसे बड़े गुरु बाबा विश्वनाथ हैं. काशी के माध्यम से सारी दुनिया को एक ही संदेश सभी लोग खुश रहें और खुशहाली लोगों के अंदर बनी रहे. जो शांति का संदेश भगवान बुद्ध ने दिया है, वहीं सब के जीवन में खुशहाल रहें. सारनाथ लाइन कैपिटल बहुत सुंदर है. इसमें चार कृतियां हैं जो चार दिशाओं व शक्तियों को दर्शाता है. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जानकारी के अभाव में लोग इस तरह की बातें करते हैं. सारनाथ आकर इस तरह के लाइन कैपिटल को देख लें.

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वाराणसीः आषाढ़ पूर्णिमा (Guru Purnima) के अवसर पर बुधवार को सारनाथ स्थिति बुद्धा थीम पार्क में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) नई दिल्ली की ओर से आयोजित किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के तौर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी की भी उपस्थिति रहीं. इस दौरान मंत्री मीनाक्षी लेखी कहा कि अशोक स्तम्भ को जानने के लिए लोगों को सारनाथ आना चाहिए.

केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के रिकॉर्डेड संदेश का भी प्रसारण हुआ. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संदेश में कहा कि भगवान बुद्ध ने अपने उपदेश में आंतरिक शांति पर जोर दिया गया है. उनके आदर्शों पर चलकर हम संवेदनशील विश्व का निर्माण कर सकते हैं. वहीं, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि भगवान बुद्ध समरसता के समर्थक, सामाजिक समानता पर जोर देने वाले और अंधविश्वास से दूर रहने का संदेश देते हैं. उनका संदेश बुद्धि और विवेक की शरण में जाने का है. भगवान बुद्ध निरंतर बुद्धि को शुद्ध करने का भी संदेश देते हैं. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेशों को अपनाकर ही विश्व में फैले अराजकता से मुक्ति पाया जा सकता है. दुनिया को भगवान बुद्ध के उपदेशों पर चलने की बहुत जरूरत है. उनके द्वारा सैंकड़ों वर्ष पूर्व दिए गए उपदेश आज भी समाज की प्रगति के लिए सार्थक है.

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश पढ़ा. प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में विश्व शांति के लिए भगवान बुद्ध के उपदेशों और आदर्शों पर चलने की अपील की. उन्होंने कहा की महात्मा बुद्ध अपने विचारों के साथ अभी भी हम लोगों के साथ हैं. आज हर व्यक्ति सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए मार्गदर्शन चाह रहा है. महात्मा बुद्ध के उपदेश और ज्ञान इसके सबसे बड़े स्रोत हैं. आत्मविकास के साथ-साथ समाज और देश के विकास में महात्मा बुद्ध की ओर से दिए प्रवचन महत्वपूर्ण हैं. केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार बुद्धा सर्किट के विकास और बौद्ध पर्यटकों को बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है.

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कार्यक्रम के पूर्व राज्यपाल और केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने धमेख स्तूप और मूलगंध कूटी विहार में पूजा अर्चना व प्रार्थना की. इस मौके पर विश्व शांति के लिए 400 से अधिक बौद्ध भिक्षु धम्मचक्र प्रवर्तन सूत्र का पाठ किया. केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कहा कि काशी गुरु की धरती है, सबसे बड़े गुरु बाबा विश्वनाथ हैं. काशी के माध्यम से सारी दुनिया को एक ही संदेश सभी लोग खुश रहें और खुशहाली लोगों के अंदर बनी रहे. जो शांति का संदेश भगवान बुद्ध ने दिया है, वहीं सब के जीवन में खुशहाल रहें. सारनाथ लाइन कैपिटल बहुत सुंदर है. इसमें चार कृतियां हैं जो चार दिशाओं व शक्तियों को दर्शाता है. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जानकारी के अभाव में लोग इस तरह की बातें करते हैं. सारनाथ आकर इस तरह के लाइन कैपिटल को देख लें.

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