वाराणसी: एक ओर लॉकडाउन के दौर में सभी लोग गरीब व असहाय मजदूरों की मदद कर रहे हैं जिससे वह भूखें न रहें और सकुशल अपने घरों की ओर लौट सके तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे लोग भी हैं जो उनकी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं. जी हां सरकार व स्थानीय प्रशासन द्वारा लगातार ट्रेनों व बसों के माध्यम से मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है, लेकिन कुछ ऐसे कर्मचारी भी हैं जो मजदूरों से ज्यादा पैसा लेकर ट्रेनों का टिकट दे रहे हैं.
ट्रेन की टिकट के ज्यादा रुपये दिए
ताजा मामला वाराणसी में देखने को मिला जब अहमदाबाद से ट्रेन वाराणसी कैंट जंक्शन पहुंची और यात्रियों ने अपनी परेशानियां बयां की. ईटीवी भारत की टीम से बातचीत के दौरान यात्रियों ने बताया कि ट्रेन का टिकट 635 रुपये का था, लेकिन हम से 715 - 730 रुपये लिए जा रहे हैं. प्रवासी मजदूर ने बताया कि हमें अपने घर पहुंचने की जल्दी थी, इसलिए हमने इस बारे में किसी से पूछा भी नहीं. सोचने वाली बात है कि जिस मजदूर के पास खाने को नहीं है, वह ट्रेन का टिकट कैसे खरीदेगा.
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ट्रेन में नहीं थी कोई खाने-पीने की व्यवस्था
हद तो तब हो गई जब इनको सिर्फ एक बोतल पानी में अहमदाबाद से वाराणसी तक का सफर तय करना पड़ा. सोचकर भी रूह कांप उठती है कि महिलाएं, बुजुर्ग, छोटे मासूम बच्चे कैसे चिलचिलाती धूप का सामना कर रहे होंगे. ट्रेन में न पानी की व्यवस्था थी न बाथरुम जाने की व्यवस्था. बड़ी मुश्किल से ये लोग वाराणसी पहुंचे हैं.