वाराणसी: विकासखंड चिरईगांव के सबसे बड़े क्षेत्रफल और आबादी वाले ग्राम पंचायत मुस्तफाबाद की कमान गांव की मनरेगा मजदूर शीला के हाथ में आ गई है. मनरेगा मजदूर शीला ने प्रधानी के चुनाव में जीत हासिल कर आमजन को दिखा दिया है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और गांव के विकास के प्रति सकारात्मक सोच को आज भी गांव में तवज्जो मिलती है. इसी का परिणाम है कि मजदूर महिला को भी गांव की जागरूक जनता ने गांव की बागडोर सौंपा है.
हौंसले के बल पर हुईं कामयाब
नव निर्वाचित प्रधान शीला ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि गांव के लोगों के सहयोग और समन्वय से विकास कार्यों को कराने के लिए सदैव तत्पर रहूंगी. मुस्तफाबाद विकासखंड चिरईगांव की सबसे बड़ी आबादी और क्षेत्रफल वाली ग्रामसभा है. ऐसे में इस गांव की कमान मनरेगा महिला मजदूर शीला के हाथ कमान सौंपने का गांव वासियों का निर्णय स्वागत योग्य है.
मजदूरी कर चलाती थीं परिवार
प्रधान पति पारस मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं. उनका कहना है कि गांव वासियों ने पत्नी शीला को ग्राम प्रधान पद पर जीत दिलाकर समाज में एक मिसाल पेश किया है. धनबल और बाहुबल वाले समाज में अत्यंत गरीब अनसूचित परिवार की गरीब महिला को ग्राम प्रधान बनाना आसान नहीं है. बावजूद इसके गांव की मुखिया का ताज मनरेगा मजदूर के सिर बंधना चुनावी मठाधीशों को आइना दिखाने के लिए पर्याप्त है.