वाराणासी: बुधवार को जंसा रामेश्वर आशा ट्रस्ट, लोक समिति और सहयोग संस्था द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने जंसा थाना क्षेत्र के कपरफोड़वा, चौखण्डी, हरसोस गांव में बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा, महिला हिंसा, लैंगिक भेदभाव पर नुक्कड़ नाटक किया.
महिला हिंसा और लड़कियों की शिक्षा पर आधारित नुक्कड़ नाटक 'बढ़िये और बढ़ाइये' व 'कमला का कमाल' के मंचन में कलाकारों ने जीवंत अभिनय कर दर्शकों के दिलों को भी झकझोर कर रख दिया. कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या को रोकने व बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया.
इस दौरान गांव की महिलाओं ने कहा कि महिलाओं की भारतीय समाज में आदिकाल से पूजा होती रही है, लेकिन पुरुष प्रधान सोच होने के कारण महिला को वो सम्मान नहीं मिल पा रहा. उन्होंने कहा कि बेटी ही पढ़-लिखकर दो कुलों का नाम रोशन करती हैं और वंश को बढ़ाती है. बेटी के महत्व को तभी समझा जा सकता है जब एक सास, बहू के साथ मां बनकर खड़ी हो. महिलाओं ने कहा कि हम नवरात्र में कन्याओं का पूजन करते हैं. इसके बावजूद कन्या भ्रूण हत्या को अंजाम देते हैं. इस सोच को बदलना होगा.
लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि नाटक का उद्देश्य समाज में कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों से लोगों को अवगत कराना व उन्हें समझाना है कि बेटी किसी पर बोझ नहीं हैं. वह भी सामाजिक जीवन का आधार है और बेटियों को भी शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए, जिससे वह एक सम्मानपूर्ण जीवन व्यतीत कर सके. पॉक्सो जैसे मजबूत कानून के रहते हुए भी औरतों, लड़कियां, बच्चियों की सुरक्षा और सम्मान की जिम्मेदारी के प्रति सत्ता और प्रशासन की भूमिका में कोई बदलाव नहीं आ रहा है. कार्यक्रम में शामिल गांव की सैकड़ों महिलाओं और लड़कियों ने प्रधानमंत्री से महिला हिंसा रोकने, प्रदेश में शराबबंदी तथा लैंगिक भेदभाव को रोकने की अपील की.