वाराणसी: राजकीय पाश्चात वर्ती देखरेख संगठन की किशोरियों के बावरे मन में भी एक सपना था. यह सपना था बाबुल के घर से पिया घर जाकर गृहस्थी संभालने का, लेकिन हालात की वजह से इनको इस बात पर यकीन नहीं था कि इनका यह सपना साकार होगा या नहीं. इन सबसे परे बुधवार को इस संगठन में पली बढ़ी किशोरियों का विवाह धूमधाम से संपन्न हुआ.
अधिकारियों ने किया कन्यादान
महिला कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित संस्था राजकीय पाश्चात वर्ती देखरेख संगठन में 23 निराश्रित संवासिनियों का बुधवार को धूमधाम के साथ विवाह संपन्न कराया गया. पूरे हिंदू रीति-रिवाज से इन 23 संवासिनियों को विदा करने और कन्यादान करने की रस्म अधिकारियों ने पूरी की. साथ ही लड़कियों के खाते में 35 हजार रुपये के साथ ही जरूरत का हर सामान दिया गया.
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नई जीवन की हो रही शुरूआत
खास बात यह है कि समाज में रहते हुए भी समाज से अलग रहने वाली इन संवासिनियों का जीवन इनके विवाह के पूर्ण होते ही गुलजार हो गया, इस बात की खुशी उनके चेहरे पर साफ देखने को मिल रही थी. बता दें कि कोई संवासिनी यहां पर 4 सालों से रह रही है तो किसी का पूरा बचपन ही यहां पर बीता है. इनका कहना है कि अब पिया के घर जाएंगी और अपने नए जीवन की शुरूआत करेंगी.
देश के कोने-कोने से आए रिश्ते
पाश्चात वर्ती महिला देख रेख संगठन में पलने वाली संवासिनियों की शादी के लिए रिश्ते भी बनारस ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग कोनों से आए थे. वहीं एक संवासिनी से विवाह करने जयपुर से अपने परिवार के साथ आए दूल्हे ने बताया कि उनके गांव में लड़कियों का अनुपात लड़कों की अपेक्षा काफी कम है, इसीलिए वह यहां विवाह के लिए आए हैं.
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