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वाराणसी: लॉकडाउन में कैंट रेलवे स्टेशन पर फंसे 50 यात्री, रेलवे ने उठाई जिम्मेदारी

पूरे देश में लॉकडाउन का एलान होने के बाद वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर कुछ यात्री फंस गए थे, जिनकी जिम्मेदारी उत्तर रेलवे ने उठाई है. उत्तर रेलवे द्वारा यात्रियों के हेल्थ और एंटरटेनमेंट का पूरा ध्यान दिया जा रहा है, जिससे यात्री मानसिक तनाव से बच सकें.

many passengers got stuck at varanasi cantt railway station
many passengers got stuck at varanasi cantt railway station
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Published : Apr 7, 2020, 10:50 AM IST

वाराणसी: कोरोना महामारी से विश्वभर की रफ्तार थम चुकी है. विश्व के लगभग सभी देश कोरोना की चपेट में हैं. वहीं भारत में भी कोरोना का कहर जारी है, जिसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लगा दिया है.

लॉकडाउन में कैंट रेलवे स्टेशन पर फंसे 50 यात्री.

लॉकडाउन के बाद देशवासियों को तमाम दिक्कतों सामना करना पड़ रहा है. वाराणसी के उत्तर रेलवे के अधीन आने वाले कैंट रेलवे स्टेशन पर 50 से ज्यादा ऐसे यात्री फंसे हैं, जो 22 तारीख को लगाए गए जनता कर्फ्यू के दौरान काशी से निकले तो थे अपने घर जाने के लिए, लेकिन गाड़ियां बंद होने के बाद ये लोग यहीं फंस गए. अब इन सबका ध्यान रखने का जिम्मा उत्तर रेलवे ने उठाया है. रेलवे स्टेशन पर नए बनकर तैयार हुए वेटिंग हॉल में न सिर्फ इन सभी को सुरक्षित रखा गया है, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इनके एंटरटेनमेंट और हेल्थ का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

इन राज्यों के यात्री फंसे स्टेशन पर
कैंट रेलवे स्टेशन पर हर रोज हजारों की संख्या में लोगों का आना-जाना होता है, लेकिन इन दिनों जब से ट्रेनें बंद हो गई हैं तो स्टेशन सुनसान पड़ा है. स्टेशन के एक कोने में बनाए गए यात्री प्रतीक्षालयम में कई लोग आपको मिल जाएंगे. इनमें कुछ दिल्ली से हैं, कुछ महाराष्ट्र तो कुछ आंध्र प्रदेश से हैं. 22 मार्च को जब जनता कर्फ्यू का आह्वान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया तो उस दिन ट्रेनों के बंद होने के बाद यह सभी काशी से अपने घरों को जाने के लिए निकल रहे थे, लेकिन स्टेशन पहुंचे तो ट्रेनें बंद हो चुकी थीं, जिसके बाद जो जहां था वहीं फंस गया.

150 से ज्यादा यात्री फंसे थे स्टेशन पर
स्टेशन डायरेक्टर आनंद मोहन ने बताया कि लगभग 150 से ज्यादा लोग थे, जो 22 मार्च को यहां फंसे थे. इनमें से जो आसपास के रहने वाले थे, उनको किसी तरह अरेंजमेंट करके भेज दिया गया, लेकिन दूर रहने वाले लोगों को पहले स्टेशन परिसर में ही रोका गया. दो दिन बाद उन्हें इस जगह पर शिफ्ट किया गया. लगातार 22 मार्च से अपने घर-परिवार से दूर इन लोगों की जिंदगी में धीरे धीरे नेगेटिविटी का संचार होने लगा था.

एंटरटेनमेंट के लिए की गई टीवी की व्यवस्था
स्टेशन डायरेक्टर आनंद मोहन ने बताया कि जब देखने में आया कि लोग मायूस हो रहे हैं तो इसलिए इनको खुश रखने के लिए हर वह व्यवस्था की जाने लगी, जिसकी एक आम इंसान को जरूरत होती है. सबसे पहले हॉल में टीवी और उसमें केबल कनेक्शन लगाकर एंटरटेनमेंट की व्यवस्था की गई. दूरदर्शन पर आने वाले रामायण, महाभारत व अन्य सीरियल के साथ धार्मिक आस्था से जुड़े लोगों के लिए धार्मिक चैनल पर तमाम कार्यक्रम दिखाए जाने लगे.

यात्रियों को स्वस्थ रखने की सुबह कराया जाता है योगा
स्टेशन डायरेक्टर आनंद मोहन ने बताया कि जब इससे भी हालात नहीं सुधरे तो पॉजिटिविटी लाने के लिए योगा टीचर का प्रबंध कर इनको रोज सुबह एक घंटे की योगा क्लास भी दी जाने लगी है. अखबार पहुंचाने से लेकर सुबह शाम चाय और नाश्ते की व्यवस्था दोनों वक्त के खाने की व्यवस्था रेलवे अपनी तरफ से कर रहा है. प्रशासन का पूरा सहयोग है ताकि यह लोग इस महामारी के दौर में अपने घरों से दूर होकर परेशान न हों और स्वस्थ भी रहें.

वाराणसी: कोरोना महामारी से विश्वभर की रफ्तार थम चुकी है. विश्व के लगभग सभी देश कोरोना की चपेट में हैं. वहीं भारत में भी कोरोना का कहर जारी है, जिसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लगा दिया है.

लॉकडाउन में कैंट रेलवे स्टेशन पर फंसे 50 यात्री.

लॉकडाउन के बाद देशवासियों को तमाम दिक्कतों सामना करना पड़ रहा है. वाराणसी के उत्तर रेलवे के अधीन आने वाले कैंट रेलवे स्टेशन पर 50 से ज्यादा ऐसे यात्री फंसे हैं, जो 22 तारीख को लगाए गए जनता कर्फ्यू के दौरान काशी से निकले तो थे अपने घर जाने के लिए, लेकिन गाड़ियां बंद होने के बाद ये लोग यहीं फंस गए. अब इन सबका ध्यान रखने का जिम्मा उत्तर रेलवे ने उठाया है. रेलवे स्टेशन पर नए बनकर तैयार हुए वेटिंग हॉल में न सिर्फ इन सभी को सुरक्षित रखा गया है, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इनके एंटरटेनमेंट और हेल्थ का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

इन राज्यों के यात्री फंसे स्टेशन पर
कैंट रेलवे स्टेशन पर हर रोज हजारों की संख्या में लोगों का आना-जाना होता है, लेकिन इन दिनों जब से ट्रेनें बंद हो गई हैं तो स्टेशन सुनसान पड़ा है. स्टेशन के एक कोने में बनाए गए यात्री प्रतीक्षालयम में कई लोग आपको मिल जाएंगे. इनमें कुछ दिल्ली से हैं, कुछ महाराष्ट्र तो कुछ आंध्र प्रदेश से हैं. 22 मार्च को जब जनता कर्फ्यू का आह्वान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया तो उस दिन ट्रेनों के बंद होने के बाद यह सभी काशी से अपने घरों को जाने के लिए निकल रहे थे, लेकिन स्टेशन पहुंचे तो ट्रेनें बंद हो चुकी थीं, जिसके बाद जो जहां था वहीं फंस गया.

150 से ज्यादा यात्री फंसे थे स्टेशन पर
स्टेशन डायरेक्टर आनंद मोहन ने बताया कि लगभग 150 से ज्यादा लोग थे, जो 22 मार्च को यहां फंसे थे. इनमें से जो आसपास के रहने वाले थे, उनको किसी तरह अरेंजमेंट करके भेज दिया गया, लेकिन दूर रहने वाले लोगों को पहले स्टेशन परिसर में ही रोका गया. दो दिन बाद उन्हें इस जगह पर शिफ्ट किया गया. लगातार 22 मार्च से अपने घर-परिवार से दूर इन लोगों की जिंदगी में धीरे धीरे नेगेटिविटी का संचार होने लगा था.

एंटरटेनमेंट के लिए की गई टीवी की व्यवस्था
स्टेशन डायरेक्टर आनंद मोहन ने बताया कि जब देखने में आया कि लोग मायूस हो रहे हैं तो इसलिए इनको खुश रखने के लिए हर वह व्यवस्था की जाने लगी, जिसकी एक आम इंसान को जरूरत होती है. सबसे पहले हॉल में टीवी और उसमें केबल कनेक्शन लगाकर एंटरटेनमेंट की व्यवस्था की गई. दूरदर्शन पर आने वाले रामायण, महाभारत व अन्य सीरियल के साथ धार्मिक आस्था से जुड़े लोगों के लिए धार्मिक चैनल पर तमाम कार्यक्रम दिखाए जाने लगे.

यात्रियों को स्वस्थ रखने की सुबह कराया जाता है योगा
स्टेशन डायरेक्टर आनंद मोहन ने बताया कि जब इससे भी हालात नहीं सुधरे तो पॉजिटिविटी लाने के लिए योगा टीचर का प्रबंध कर इनको रोज सुबह एक घंटे की योगा क्लास भी दी जाने लगी है. अखबार पहुंचाने से लेकर सुबह शाम चाय और नाश्ते की व्यवस्था दोनों वक्त के खाने की व्यवस्था रेलवे अपनी तरफ से कर रहा है. प्रशासन का पूरा सहयोग है ताकि यह लोग इस महामारी के दौर में अपने घरों से दूर होकर परेशान न हों और स्वस्थ भी रहें.

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