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यूपी एक खोजः इस कुएं में वैद्य धनवंतरि ने डालीं थीं औषधियां...जल से दूर हो जाते कई रोग

यूपी एक खोज में आज हम आपको बताने जा रहे हैं काशी के एक ऐसे अद्भुत कुएं के बारे में जिसे देवों के वैद्य धनवंतरि का कुआं कहा जाता है. इसके जल की कई खूबियां हैं. चलिए जानते हैं इससे जुड़ी मान्यताओं के बारे में.

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काशी के इस अद्भुत कुएं का पानी लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं भक्त.
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Published : May 18, 2022, 3:40 PM IST

Updated : May 18, 2022, 4:24 PM IST

वाराणसीः देवों के देव महादेव की नगरी काशी अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं. इन्हीं रहस्यों में एक है देवों के वैद्य धनवंतरि का कुआं. बनारस के महामृत्युंजय मंदिर परिसर में स्थित इस कुएं को लेकर कई मान्यताएं हैं. माना जाता है कि इस कुएं के जल से कई रोग दूर हो जाते हैं.

मान्यता है कि भगवान धनवंतरी ने यहां कई वर्षों तक तपस्या की और देवलोक जाते समय उन्होंने अपनी सभी औषधियां धनतेरस पर महामृत्युंजय मंदिर के इस कुएं में डाल दी थीं. इससे इस कुएं का जल कई जड़ी-बूटियों के गुणों वाला हो गया. इसी के चलते कहा जाता है कि इस जल को पीने से कई बीमारियां दूर होतीं हैं. यह भी मान्यता है कि यह कुआं मां गंगा के धरती पर आने से पूर्व का है. एक मान्यता यह भी है कि भगवान धनवंतरि काशी के राजघराने में पूजे जाते थे. काशी के राजपरिवार में उनको पुत्र के रूप में मान्यता मिली है.

काशी के इस अद्भुत कुएं का पानी लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं भक्त.

इस कुएं का जल लेने के लिए दक्षिण भारत, महाराष्ट्र समेत देश के कोने-कोने से भक्त आते हैं. कुएं से जल लेने आईं रुपाली मिश्रा ने कहा कि यह जल अमृत के समान लगता है. यहां का जल ग्रहण करने से हर प्रकार के रोग-दोष दूर हो जाते हैं. त्वचा के रोग दूर होते हैं. लगातार आठ वर्षों से यहां दर्शन करने आ रहीं हूं. एक अन्य भक्त नरेंद्र ने बताया मैं बचपन से यहां पर आ रहा हूं. यहां के जल को घर भी ले जाते हैं. इस जल को लेकर कई मान्यताएं हैं.

कामेश्वर नाथ दीक्षित ने बताया कि महामृत्युंजय मंदिर के प्रांगण में धनवंतरि कूप है. मान्यता है कि एक साधु ने बहुत दिनों तक भगवान धनवंतरि की औषधि खाई लेकिन उसे लाभ नहीं हुआ. इसके बाद उसने मंदिर में आकर इस कुएं में जल को ग्रहण किया. इसके जल से उनकी समस्या खत्म हो गई. यह बात साधु ने वैद्य धनवंतरि को बताई. वैद्य धनवंतरि यहां आए और उन्होंने लोक कल्याण के लिए अपनी सारी औषधियां इस कुएं में डाल दी. सूर्य उदय से पूर्व 41 दिनों तक जो इस जल को ग्रहण करता है उसके कई रोग दूर हो जाते हैं.


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वाराणसीः देवों के देव महादेव की नगरी काशी अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं. इन्हीं रहस्यों में एक है देवों के वैद्य धनवंतरि का कुआं. बनारस के महामृत्युंजय मंदिर परिसर में स्थित इस कुएं को लेकर कई मान्यताएं हैं. माना जाता है कि इस कुएं के जल से कई रोग दूर हो जाते हैं.

मान्यता है कि भगवान धनवंतरी ने यहां कई वर्षों तक तपस्या की और देवलोक जाते समय उन्होंने अपनी सभी औषधियां धनतेरस पर महामृत्युंजय मंदिर के इस कुएं में डाल दी थीं. इससे इस कुएं का जल कई जड़ी-बूटियों के गुणों वाला हो गया. इसी के चलते कहा जाता है कि इस जल को पीने से कई बीमारियां दूर होतीं हैं. यह भी मान्यता है कि यह कुआं मां गंगा के धरती पर आने से पूर्व का है. एक मान्यता यह भी है कि भगवान धनवंतरि काशी के राजघराने में पूजे जाते थे. काशी के राजपरिवार में उनको पुत्र के रूप में मान्यता मिली है.

काशी के इस अद्भुत कुएं का पानी लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं भक्त.

इस कुएं का जल लेने के लिए दक्षिण भारत, महाराष्ट्र समेत देश के कोने-कोने से भक्त आते हैं. कुएं से जल लेने आईं रुपाली मिश्रा ने कहा कि यह जल अमृत के समान लगता है. यहां का जल ग्रहण करने से हर प्रकार के रोग-दोष दूर हो जाते हैं. त्वचा के रोग दूर होते हैं. लगातार आठ वर्षों से यहां दर्शन करने आ रहीं हूं. एक अन्य भक्त नरेंद्र ने बताया मैं बचपन से यहां पर आ रहा हूं. यहां के जल को घर भी ले जाते हैं. इस जल को लेकर कई मान्यताएं हैं.

कामेश्वर नाथ दीक्षित ने बताया कि महामृत्युंजय मंदिर के प्रांगण में धनवंतरि कूप है. मान्यता है कि एक साधु ने बहुत दिनों तक भगवान धनवंतरि की औषधि खाई लेकिन उसे लाभ नहीं हुआ. इसके बाद उसने मंदिर में आकर इस कुएं में जल को ग्रहण किया. इसके जल से उनकी समस्या खत्म हो गई. यह बात साधु ने वैद्य धनवंतरि को बताई. वैद्य धनवंतरि यहां आए और उन्होंने लोक कल्याण के लिए अपनी सारी औषधियां इस कुएं में डाल दी. सूर्य उदय से पूर्व 41 दिनों तक जो इस जल को ग्रहण करता है उसके कई रोग दूर हो जाते हैं.


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Last Updated : May 18, 2022, 4:24 PM IST
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