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मडुंआडीह के बनारस स्टेशन बनने पर क्या बोले काशीवासी?

यूपी के वाराणसी जिले के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस जंक्शन कर दिया गया है. नाम बदलने के बाद काशीवासियों में खुशी देखने को मिल रही है.

काशीवासियों से बातचीत.
काशीवासियों से बातचीत.
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Published : Aug 20, 2020, 3:22 PM IST

वाराणसी: जब से यूपी में योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला है. तभी से प्रदेश के विभिन्न जिलों व स्टेशनों के नाम में परिवर्तन का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में वाराणसी शहर के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस जंक्शन रख दिया गया है.

काशीवासियों से बातचीत.

बता दें कि काशीवासी काफी सालों से स्टेशन का नाम बदलने की मांग कर रहे थे. साल 2017 में तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने स्टेशन का नाम बदलने का एलान किया था. इस संबंध में उन्होंने सीएम योगी को पत्र लिखकर आग्रह किया था, जिसके बाद अब साल 2020 में स्टेशन का नाम परिवर्तित कर बनारस रख दिया गया है. हालांकि अभी तक नाम को लेकर कोई आधिकारिक पत्र जारी नहीं किया गया है.

जंक्शन का पलटा कायाकल्प.
जंक्शन का पलटा कायाकल्प.

मंडुआडीह रेलवे स्टेशन के नाम बदलने पर शहरवासियों को कैसा प्रतीत हो रहा है. इस बारे में ईटीवी भारत ने स्थानीय लोगों से बातचीत की. बातचीत में कुछ लोगों का कहना है कि काफी अर्से के बाद नाम बदलने की मांग रंगत लाई है. इसके लिए हम सरकार का तहे दिल से शुक्रिया करते हैं. साथ ही रेलवे स्टेशन के नए नाम का स्वागत करते हैं.

वहीं कुछ लोगों ने कहा कि स्टेशन का नाम बहुत पहले ही बदलना चाहिए था, लेकिन थोड़ी देर हो गई. तो कुछ लोगों का यह भी कहना है कि नाम बदलने से कुछ नया नहीं हुआ है, देश में बेहतर काम करना चाहिए.

साथ ही एक दंपति ने इसको लेकर बताया कि नाम बदलना बेहद जरूरी था, क्योंकि मंडुआडीह का नाम लेने में हमेशा असहजता महसूस होती थी. बता दें कि मंडुआडीह स्टेशन के पास ही रेड लाइट एरिया है, जिसके कारण लोग चाहते थे कि इसका नाम बदल दिया जाए.

वाराणसी: जब से यूपी में योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला है. तभी से प्रदेश के विभिन्न जिलों व स्टेशनों के नाम में परिवर्तन का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में वाराणसी शहर के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस जंक्शन रख दिया गया है.

काशीवासियों से बातचीत.

बता दें कि काशीवासी काफी सालों से स्टेशन का नाम बदलने की मांग कर रहे थे. साल 2017 में तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने स्टेशन का नाम बदलने का एलान किया था. इस संबंध में उन्होंने सीएम योगी को पत्र लिखकर आग्रह किया था, जिसके बाद अब साल 2020 में स्टेशन का नाम परिवर्तित कर बनारस रख दिया गया है. हालांकि अभी तक नाम को लेकर कोई आधिकारिक पत्र जारी नहीं किया गया है.

जंक्शन का पलटा कायाकल्प.
जंक्शन का पलटा कायाकल्प.

मंडुआडीह रेलवे स्टेशन के नाम बदलने पर शहरवासियों को कैसा प्रतीत हो रहा है. इस बारे में ईटीवी भारत ने स्थानीय लोगों से बातचीत की. बातचीत में कुछ लोगों का कहना है कि काफी अर्से के बाद नाम बदलने की मांग रंगत लाई है. इसके लिए हम सरकार का तहे दिल से शुक्रिया करते हैं. साथ ही रेलवे स्टेशन के नए नाम का स्वागत करते हैं.

वहीं कुछ लोगों ने कहा कि स्टेशन का नाम बहुत पहले ही बदलना चाहिए था, लेकिन थोड़ी देर हो गई. तो कुछ लोगों का यह भी कहना है कि नाम बदलने से कुछ नया नहीं हुआ है, देश में बेहतर काम करना चाहिए.

साथ ही एक दंपति ने इसको लेकर बताया कि नाम बदलना बेहद जरूरी था, क्योंकि मंडुआडीह का नाम लेने में हमेशा असहजता महसूस होती थी. बता दें कि मंडुआडीह स्टेशन के पास ही रेड लाइट एरिया है, जिसके कारण लोग चाहते थे कि इसका नाम बदल दिया जाए.

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