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वाराणसीः गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सूर्य मकर राशि में कल करेंगे प्रवेश

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Published : Jan 14, 2020, 8:32 AM IST

Updated : Jan 14, 2020, 9:22 AM IST

मकर संक्राति का मान 15 जनवरी को होने के बाद भी लोग धर्म और आध्यात्म की नगरी काशी में गंगा के घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजुम देखने को मिल रहा है. धनु राशि से मकर राशि में सूर्य का प्रवेश 14 जनवरी की देर रात होगा, इसकी वजह से संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा.

गंगा में डुबकी लगाते श्रद्धालु
गंगा में डुबकी लगाते श्रद्धालु

वाराणसी: धर्म और आस्था की नगरी काशी में हर पर्व और त्योहार का विशेष महत्व माना जाता है. यही वजह है कि मकर संक्रांति के मौके पर भी काशी के गंगा घाटों पर जबरदस्त उत्साह और भीड़ देखने को मिलती है. वैसे तो मकर संक्रांति का पर्व इस बार 15 जनवरी को मनाया जा रहा है. धनु राशि से मकर राशि में सूर्य का प्रवेश 14 जनवरी की देर रात होगा, जिसकी वजह से संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा, लेकिन इन सबके बीच 14 जनवरी को हर वर्ष संक्रांति पड़ने की वजह से लोगों की जबरदस्त भीड़ आज भी वाराणसी के गंगा घाटों पर देखने को मिल रही है.

गंगा में डुबकी लगाते श्रद्धालु.

दो संक्रांति हैं महत्वपूर्ण
लोग ठंड को दरकिनार कर मां गंगा में डुबकी लगा रहे हैं. मान्यता है कि साल में कुल 12 संक्रांति पड़ती है, जिनमें से दो संक्रांति महत्वपूर्ण मानी जाती है. एक मकर संक्रांति जिस दिन सूर्य भगवान उत्तरायण होते हैं, दूसरी कर्क संक्रांति जिस दिन सूर्य दक्षिणायन होते हैं. सूर्य उत्तरायण होने की स्थिति शुभ मानी जाती है. खरमास खत्म होने के बाद शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. इस बार सूर्य की दिशा 15 जनवरी को बदल रही है इसलिए इसी दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है. सूर्य के उत्तरायण होने से देवों के दिन शुरू होते हैं और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है.

15 जनवरी को मनाया जाएगा संक्राति
ज्योतिष आचार्यों की माने तो 15 जनवरी बुधवार को सुबह 7:52 का मकर राशि में प्रवेश हो रहा है. 15 जनवरी को सुबह 7:52 से पूरे दिन पुण्य काल रहेगा. वैसे तो 14 जनवरी को हर साल मकर संक्रांति का पर्व होता है, लेकिन इस बार राशियों में प्रवेश के वक्त में बदलाव की वजह से संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा.

यही वजह है कि लोग कल भी गंगा घाटों पर दिखाई देंगे और आज 14 जनवरी संक्रांति का मान मान कर लोग गंगा स्नान कर रहे हैं. मान्यता है कि आज के दिन गंगा स्नान कर चावल और दाल मिलाकर खिचड़ी के रूप में दान करना चाहिए इसके अतिरिक्त गुड़ की पट्टी वह तिल से बने सामग्री का भी ध्यान शुभ माना जाता है.

पढ़ें- जौनपुर: मकर संक्रांति पर महंगाई की मार, दुकानों पर पसरा सन्नाटा

वाराणसी: धर्म और आस्था की नगरी काशी में हर पर्व और त्योहार का विशेष महत्व माना जाता है. यही वजह है कि मकर संक्रांति के मौके पर भी काशी के गंगा घाटों पर जबरदस्त उत्साह और भीड़ देखने को मिलती है. वैसे तो मकर संक्रांति का पर्व इस बार 15 जनवरी को मनाया जा रहा है. धनु राशि से मकर राशि में सूर्य का प्रवेश 14 जनवरी की देर रात होगा, जिसकी वजह से संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा, लेकिन इन सबके बीच 14 जनवरी को हर वर्ष संक्रांति पड़ने की वजह से लोगों की जबरदस्त भीड़ आज भी वाराणसी के गंगा घाटों पर देखने को मिल रही है.

गंगा में डुबकी लगाते श्रद्धालु.

दो संक्रांति हैं महत्वपूर्ण
लोग ठंड को दरकिनार कर मां गंगा में डुबकी लगा रहे हैं. मान्यता है कि साल में कुल 12 संक्रांति पड़ती है, जिनमें से दो संक्रांति महत्वपूर्ण मानी जाती है. एक मकर संक्रांति जिस दिन सूर्य भगवान उत्तरायण होते हैं, दूसरी कर्क संक्रांति जिस दिन सूर्य दक्षिणायन होते हैं. सूर्य उत्तरायण होने की स्थिति शुभ मानी जाती है. खरमास खत्म होने के बाद शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. इस बार सूर्य की दिशा 15 जनवरी को बदल रही है इसलिए इसी दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है. सूर्य के उत्तरायण होने से देवों के दिन शुरू होते हैं और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है.

15 जनवरी को मनाया जाएगा संक्राति
ज्योतिष आचार्यों की माने तो 15 जनवरी बुधवार को सुबह 7:52 का मकर राशि में प्रवेश हो रहा है. 15 जनवरी को सुबह 7:52 से पूरे दिन पुण्य काल रहेगा. वैसे तो 14 जनवरी को हर साल मकर संक्रांति का पर्व होता है, लेकिन इस बार राशियों में प्रवेश के वक्त में बदलाव की वजह से संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा.

यही वजह है कि लोग कल भी गंगा घाटों पर दिखाई देंगे और आज 14 जनवरी संक्रांति का मान मान कर लोग गंगा स्नान कर रहे हैं. मान्यता है कि आज के दिन गंगा स्नान कर चावल और दाल मिलाकर खिचड़ी के रूप में दान करना चाहिए इसके अतिरिक्त गुड़ की पट्टी वह तिल से बने सामग्री का भी ध्यान शुभ माना जाता है.

पढ़ें- जौनपुर: मकर संक्रांति पर महंगाई की मार, दुकानों पर पसरा सन्नाटा

Intro:वाराणसी: धर्म और आस्था की नगरी काशी में हर पर्व त्यौहार का विशेष महत्व माना जाता है यही वजह है कि मकर संक्रांति के मौके पर भी वाराणसी के गंगा घाटों पर जबरदस्त उत्साह और भीड़ देखने को मिलती है. वैसे तो मकर संक्रांति का पर्व इस बार 15 जनवरी को मनाया जा रहा है, क्योंकि धनु राशि से मकर राशि में सूर्य का प्रवेश 14 जनवरी की देर रात होगा जिसकी वजह से संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा, लेकिन इन सबके बीच 14 जनवरी को हर वर्ष संक्रांति पड़ने की वजह से लोगों की जबरदस्त भीड़ आज भी वाराणसी के गंगा घाटों पर देखने को मिल रही है और लोग ठंड को दरकिनार कर मां गंगा में डुबकी लगा रहे हैं.


Body:वीओ-01 दरअसल मान्यता है कि इस साल में कुल 12 संक्रांति पड़ती है जिनमें से दो संक्रांति महत्वपूर्ण मानी जाती है एक मकर संक्रांति जिस दिन सूर्य भगवान उत्तरायण होते हैं दूसरी कर्क संक्रांति जिस दिन सूर्य दक्षिणायन होते हैं. सूर्य उत्तरायण होने की स्थिति शुभ मानी जाती है और खरमास खत्म होने के बाद शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. इस बार सूर्य की दिशा 15 जनवरी को बदल रही है इसलिए इसी दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है सूर्य के उत्तरायण होने से देवों के दिन शुरू होते हैं और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है.


Conclusion:वीओ-02 ज्योतिष आचार्यों की माने तो 15 जनवरी बुधवार को सुबह 7:52 का मकर राशि में प्रवेश हो रहा है. इसलिए 15 जनवरी को सुबह 7:52 से पूरे दिन पुण्य काल रहेगा वैसे तो 14 जनवरी को हर साल मकर संक्रांति का पर्व होता है, लेकिन इस बार राशियों में प्रवेश के वक्त में बदलाव की वजह से संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनेगा यही वजह है कि लोग कल भी गंगा घाटों पर दिखाई देंगे और आज 14 जनवरी संक्रांति का मान मान कर लोग गंगा स्नान कर रहे हैं. मान्यता है कि आज के दिन गंगा स्नान कर चावल और दाल मिलाकर खिचड़ी के रूप में दान करना चाहिए इसके अतिरिक्त गुड़ की पट्टी वह तिल से बने सामग्री का भी ध्यान शुभ माना जाता है.

बाईट- वासुदेव, तीर्थ पुरोहित

गोपाल मिश्र

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Last Updated : Jan 14, 2020, 9:22 AM IST
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