वाराणसी: राजभवन के निर्देश पर जिले के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में प्राइवेट परीक्षा की सुविधा को खत्म कर दिया गया है. इसका असर विद्यार्थियों के भविष्य पर पड़ रहा है. विश्वविद्यालय के इस फैसले से कई हजार छात्रों को झटका लगा है. छात्रों ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया है. छात्रों का कहना है कि इस संबंध में वह कुलपति और कुलसचिव को पत्र लिखेंगे.
राजभवन के आदेश पर समाप्त की गई प्राइवेट परीक्षा
दरअसल, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने प्राइवेट परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया था. जिसको लेकर उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुलाधिपति को एक पत्र लिखा था. जिसमें कहा गया था कि प्राइवेट फॉर्म भरने वाले परीक्षार्थियों को सीधे परीक्षा में बैठने की अनुमति मिल जाती है. यह विद्यार्थी बगैर क्लास के डिग्री लेते हैं. उन्होंने पत्र में लिखा कि प्राइवेट परीक्षा की व्यवस्था उस समय कराई गई थी जब सूबे में कोई भी दूरस्थ शिक्षा केंद्र नहीं था, लेकिन अब सूबे में मुक्त विश्वविद्यालय चल रहा है. जहां दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराया जाता है और अवकाश के समय उनकी क्लास से चलती है. ऐसे में प्राइवेट परीक्षा की प्रथा को समाप्त करना चाहिए. इस पत्र के उपरांत राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों से प्राइवेट शिक्षा की सुविधा को समाप्त कराने का निर्देश दिया था.
छात्र कुलपति को देंगे पत्रक
इस बाबत छात्रों का कहना है कि हमारे साथ छलावा किया जा रहा है. इससे हजारों की संख्या में छात्रों का भविष्य अधर में लटक जाएगा. छात्रों का कहना रहा कि इसे लेकर वह कुलपति और कुलसचिव को पत्रक देंगे, इसके बाद राजभवन व शासन को पत्रक देंगे और उनसे अपील करेंगे कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना किया जाए.
प्राइवेट परीक्षा समाप्त करने से काशी विद्यापीठ के छात्रों में नाराजगी, कुलपति को लिखेंगे पत्र - काशी विद्यापीठ के छात्रों में नाराजगी
यूपी के वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में राजभवन के आदेश के बाद प्राइवेट परिक्षा को खत्म कर दिया गया है. इसे लेकर छात्रों में रोष है. उनका कहना है कि इस संबंध में वह कुलपति और कुलसचिव को पत्र लिखकर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना करने की अपील करेंगे.
वाराणसी: राजभवन के निर्देश पर जिले के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में प्राइवेट परीक्षा की सुविधा को खत्म कर दिया गया है. इसका असर विद्यार्थियों के भविष्य पर पड़ रहा है. विश्वविद्यालय के इस फैसले से कई हजार छात्रों को झटका लगा है. छात्रों ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया है. छात्रों का कहना है कि इस संबंध में वह कुलपति और कुलसचिव को पत्र लिखेंगे.
राजभवन के आदेश पर समाप्त की गई प्राइवेट परीक्षा
दरअसल, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने प्राइवेट परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाया था. जिसको लेकर उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुलाधिपति को एक पत्र लिखा था. जिसमें कहा गया था कि प्राइवेट फॉर्म भरने वाले परीक्षार्थियों को सीधे परीक्षा में बैठने की अनुमति मिल जाती है. यह विद्यार्थी बगैर क्लास के डिग्री लेते हैं. उन्होंने पत्र में लिखा कि प्राइवेट परीक्षा की व्यवस्था उस समय कराई गई थी जब सूबे में कोई भी दूरस्थ शिक्षा केंद्र नहीं था, लेकिन अब सूबे में मुक्त विश्वविद्यालय चल रहा है. जहां दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराया जाता है और अवकाश के समय उनकी क्लास से चलती है. ऐसे में प्राइवेट परीक्षा की प्रथा को समाप्त करना चाहिए. इस पत्र के उपरांत राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों से प्राइवेट शिक्षा की सुविधा को समाप्त कराने का निर्देश दिया था.
छात्र कुलपति को देंगे पत्रक
इस बाबत छात्रों का कहना है कि हमारे साथ छलावा किया जा रहा है. इससे हजारों की संख्या में छात्रों का भविष्य अधर में लटक जाएगा. छात्रों का कहना रहा कि इसे लेकर वह कुलपति और कुलसचिव को पत्रक देंगे, इसके बाद राजभवन व शासन को पत्रक देंगे और उनसे अपील करेंगे कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना किया जाए.